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Nayapara land dispute: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के घनी आबादी वाले इलाके नयापारा में स्थित 4.62 एकड़ जमीन को लेकर चल रहा विवाद आखिरकार खत्म हो गया है। रायपुर संभागायुक्त कार्यालय ने इस विवादित जमीन पर छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के दावे को खारिज करते हुए यह स्पष्ट किया है कि यह जमीन नगर निगम रायपुर की ही संपत्ति है।
वक्फ बोर्ड ने जमीन पर किया था दावा
विवाद की शुरुआत तब हुई जब वक्फ बोर्ड ने खसरा नंबर 649 पर स्थित जमीन को लेकर नजूल अधिकारी रायपुर के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर इसे राज्य वक्फ बोर्ड (अहस्तांतरित) के नाम दर्ज करने की मांग की थी। इसके तहत प्रकरण क्रमांक 272/अ 20(3)/2019-20 के तहत एक सार्वजनिक सूचना भी जारी की गई थी। प्रारंभिक तौर पर किसी भी पक्ष ने आपत्ति नहीं जताई, जिससे वक्फ बोर्ड का दावा और मजबूत होता चला गया।
नगर निगम ने दी आपत्ति, शुरू हुई दोबारा जांच
बाद में नगर निगम रायपुर ने इस संपत्ति पर आपत्ति दर्ज करवाई और दस्तावेजों की दोबारा जांच की मांग की। मामले की सुनवाई के दौरान 100 साल पुराने दस्तावेज पेश किए गए, जिनमें वर्ष 1920-21 और 1923-24 के खसरा रिकॉर्ड मौजूद थे। इन रिकॉर्ड्स में साफ दिखाया गया कि यह जमीन पहले पुलिस विभाग और फिर म्यूनिसिपल कमेटी रायपुर के नाम पर दर्ज थी।
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संभागायुक्त ने सुनाया अंतिम फैसला
रायपुर संभागायुक्त ने 23 जुलाई 2025 को अपने आदेश में स्पष्ट किया कि यह संपत्ति नगर निगम रायपुर के अचल संपत्ति रजिस्टर में पहले से ही दर्ज है। इतना ही नहीं, इस जमीन के कुछ हिस्से को विद्युत विभाग को बेचे जाने के प्रमाण भी दस्तावेजों में मौजूद हैं। इन तथ्यों के आधार पर वक्फ बोर्ड के दावे को सिरे से खारिज कर दिया गया।
raipur Nayapara land dispute Wakf Board claim rejected
🔹 1. वक्फ बोर्ड का दावा: 🔹 2. बिना आपत्ति मजबूत हुआ पक्ष: 🔹 3. नगर निगम की आपत्ति: 🔹 4. 50 साल पुराने दस्तावेज पेश: 🔹 5. कोर्ट का अंतिम फैसला: |
नयापारा जमीन विवाद जमीन पर वक्फ बोर्ड का दावा खारिज
अब नगर निगम के पास रहेगी जमीन
फैसले के बाद अब यह 4.62 एकड़ जमीन नगर निगम रायपुर के पास ही रहेगी। इस निर्णय से नगर निगम को बड़ी राहत मिली है और शहर की नगरीय विकास योजनाओं के लिए यह जमीन उपयोग में लाई जा सकेगी।
यह फैसला न केवल भूमि स्वामित्व विवाद के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दिखाता है कि ऐतिहासिक दस्तावेजों की जांच और पारदर्शी सुनवाई के माध्यम से न्याय कैसे सुनिश्चित किया जा सकता है।
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