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Photograph: (the sootr)
RAIPUR.छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को जल संरक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिला है। हाल ही में राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वाटर कंजर्वेशन के लिए रायपुर जिले को सम्मानित किया है। रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने राष्ट्रपति के हाथों यह सम्मान ग्रहण किया।
इस सम्मान समारोह में रायपुर नगर निगम को भी सम्मानित किया गया। रायपुर नगर निगम को यह सम्मान जल संचय जन भागीदारी अभियान के लिए पुरस्कृत किया गया। यह सम्मान रायपुर निगमायुक्त विश्वदीप ने ग्रहण किया।
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रायपुर में जन आंदोलन से जल संरक्षण की शानदार कहानी
रायपुर जिला प्रशासन ने ये कमाल अकेले नहीं किया। उन्होंने स्थानीय निकायों और आम जन समुदाय को साथ लिया और जल संरक्षण को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया। सरकारी योजना तभी सफल होती है, जब उसमें आम जनता का पूरा साथ मिलता है।
नगर निगम का योगदान: रायपुर नगर निगम ने इस अभियान के तहत कुल 33,082 कार्य पूरे किए, जो वाकई काबिले तारीफ है।
जिला स्तर पर काम: पूरे रायपुर जिले में 36,282 कार्य पूरे हुए, जिससे ज़मीन के नीचे का पानी रिचार्ज हो सके।
पूरे छत्तीसगढ़ का प्रयास: और हमारे प्रदेश छत्तीसगढ़ ने कुल 4,05,563 कार्य करके अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।
इन कार्यों में मुख्य रूप से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना, रिचार्ज पिट्स, अमृत सरोवर को पुनर्जीवित करना, छोटे बांध और परकोलेशन टैंक बनाना शामिल था।
जलसंरक्षण में रायपुर को मिला सम्मान को ऐसे समझें
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जल संचय जन भागीदारी (JSJB) में रायपुर बना चैंपियन
इसी कड़ी में, रायपुर नगर निगम को भी 'जल संचय जन भागीदारी' (JSJB 1.0) अभियान के लिए पुरस्कार से नवाजा गया। इस पुरस्कार को लेने के लिए रायपुर नगर निगम के आयुक्त विश्वदीप मौजूद थे। ये पहली बार है जब जल संचय जन भागीदारी के लिए राष्ट्रपति ने पुरस्कार दिया है, जो इस पुरस्कार को और भी खास बना देता है।
सर्वश्रेष्ठ निगम: देशभर के नगर निगमों में रायपुर नगर निगम ने पहला स्थान हासिल किया, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
ईस्टर्न जोन में जिला: रायपुर जिला ईस्टर्न जोन की कैटेगरी 01 में तीसरे स्थान पर रहा, जो पूर्वी भारत के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।
राज्यों में छत्तीसगढ़: और राज्यों की बात करें, तो हमारे छत्तीसगढ़ ने दूसरा स्थान हासिल किया, जो प्रदेश की जल नीति की सफलता को दर्शाता है।
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आधुनिक तकनीक से पानी का सही इस्तेमाल
सिर्फ पानी बचाना ही नहीं, बल्कि गंदे पानी का प्रबंधन भी रायपुर की सफलता की कहानी का एक अहम हिस्सा है।
सीवेज ट्रीटमेंट: रायपुर में 4 एसटीपी (Sewage Treatment Plants) से करीब 206 MLD क्षमता विकसित की गई है।
उद्योगों को शुद्ध जल: इतना ही नहीं, 9 औद्योगिक इकाइयों को लगभग 125.849 MLD शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित की गई, जिससे पीने योग्य पानी को बचाया जा सका।
स्मार्ट मैनेजमेंट: शहर में भू-जल स्तर पर नजर रखने के लिए एक डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम की शुरुआत की गई।
रायपुर नगर निगम ने अपने हर वार्ड में वर्षा जल संचयन और रिचार्ज पिट्स का निर्माण कराया है। इसके साथ ही, शहर के आसपास 20 से अधिक नए सरोवरों को फिर से जिंदा करने का काम किया गया है। यह दिखाता है कि पर्यावरण के प्रति हमारी सरकार और जनता कितनी गंभीर है।
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