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Photograph: (the sootr)
Surguja.सरगुजा जिले के लखनपुर इलाके में एक बड़ा बवाल हो गया है। बुधवार को SECL अमेरा ओपनकास्ट कोल माइंस विस्तार को लेकर पुलिस और ग्रामीणों में टकराव हुआ। यह पूरा मामला परसोढ़ी कला गांव की जमीन से जुड़ा हुआ है।
प्रशासनिक अधिकारी भारी संख्या में पुलिस बल लेकर जमीन पर कब्जा दिलाने पहुंचे थे। सूत्रों के अनुसार, करीब 500 जवानों को मौके पर तैनात किया गया था। जैसे ही पुलिस पहुंची, विरोध कर रहे ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया।
पत्थरबाजी में कौन-कौन घायल?
यह टकराव इतना हिंसक हो गया कि पुलिस और ग्रामीणों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई। ग्रामीणों ने पुलिस पर पत्थर और गुलेल से हमला कर दिया।
इस पथराव में एडिशनल एसपी (ASP) समेत कम से कम 25 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
धौरपुर के थाना प्रभारी अश्वनी सिंह को ज्यादा चोट लगने पर अंबिकापुर रेफर किया गया है।
पुलिस का कहना है कि उन्होंने पहले ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की थी।
हालांकि, ग्रामीणों की तरफ से भी पत्थर चले, जिसमें दर्जन भर ग्रामीण भी घायल हुए हैं।
हालात को काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे।
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घायलों की संख्या बढ़ी
इस पथराव में एएसपी अमोलक सिंह,और थाना प्रभारी अश्वनी सिंह समेत कुल 25 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इन घायल पुलिसकर्मियों में से कुछ को मामूली चोटें आईं, जबकि अश्वनी सिंह को गंभीर चोटें आईं है। उन्हें अंबिकापुर रेफर किया गया। पुलिस ने इस स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया।
विवाद की असल जड़ क्या है?
विवाद की यह कहानी आज की नहीं, बल्कि साल 2001 में शुरू हुई थी। SECL अमेरा खदान के विस्तार के लिए परसोढ़ी गांव की जमीन का अधिग्रहण उसी साल हुआ था। ग्रामीणों का आरोप है कि 20 साल से ज्यादा बीतने के बाद भी उन्हें पूरा मुआवजा और नौकरी नहीं मिली है। आज भी, सिर्फ 19% किसानों ने ही मुआवजे की राशि ली है।
ग्रामीणों ने खुलकर कह दिया है कि वह अपनी पुश्तैनी जमीन किसी भी कीमत पर नहीं देंगे। उनका आरोप है कि प्रशासन अब जबरदस्ती जमीन पर कब्जा कराना चाहता है। इस वजह से वे अपनी फसलों और जमीन की दिन-रात रखवाली कर रहे हैं।
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प्रशासन क्या कह रहा है?
अपर कलेक्टर सुनील नायक ने कहा है कि भू-अर्जन की कार्यवाही तो 2016 में ही पूरी हो चुकी है। कई ग्रामीण मुआवजा नहीं ले रहे हैं, जिससे कोयला खनन के काम में रुकावट आ रही है। प्रशासन लगातार ग्रामीणों को समझाने की कोशिश कर रहा है कि वे SECL को काम करने दें। उनका दावा है कि ग्रामीणों से दोबारा चर्चा की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि पथराव में कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
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