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Scrub typhus disease in Chhattisgarh : बरसात के मौसम की शुरुआत से पहले ही छत्तीसगढ़ में स्क्रब टाइफस बीमारी ने फिर से दस्तक दे दी है। राज्य के जांजगीर जिले में स्क्रब टाइफस के दो नए मामले सामने आए हैं। इन मामलों को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में अलर्ट जारी कर दिया गया है। सिम्स के एमएस डॉ. लखन सिंह ने बताया कि माइक्रोबायोलॉजी विभाग में संदिग्ध मामलों की जांच की जा रही है।
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अंबिकापुर में ज्यादा फैल रहा स्क्रब टाइफस
सिम्स में फिलहाल स्क्रब टाइफस की प्रारंभिक जांच की सुविधा उपलब्ध है, जबकि पुष्टि के लिए सैंपल जबलपुर भेजे जाते हैं। हालांकि अब तक बिलासपुर में कोई भी पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है। जुलाई, अगस्त और सितंबर के महीनों में इस बीमारी के मामले अधिक देखने को मिलते हैं।
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बता दें कि राज्य में सबसे ज्यादा स्क्रब टाइफस के मामले अंबिकापुर क्षेत्र में दर्ज किए गए हैं। पिछले एक वर्ष 380 मरीजों की जांच में 16 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। शुरुआती लक्षण डेंगू मलेरिया या वायरल फीवर से मिलते-जुलता होता हैं, जिससे इसकी पहचान करना थोड़ा कठिन हो जाता है।
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ये है लक्षण
बुखारः गर्मी व ठंड लगना
सिरदर्द: तेज सिरदर्द और थकान
शरीर में दर्दः मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
चकतेः त्वचा पर लाल चकते या दाने
लसीका ग्रंथियों में सूजनः गर्दन, बगल और कमर में लसीका ग्रंथियों में सूजन
क्या है स्क्रब टाइफस बिमारी
स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो Orientia tsutsugamushi नामक बैक्टीरिया से होता है। यह बीमारी संक्रमित कीड़े (ज्यादातर चिगर माइट्स या लार्वल माइट्स) के काटने से होती है। यह माइट्स झाड़ियों, घास वाले इलाकों या खेतों में पाए जाते हैं। इससे बचाव बेहद जरूरी है क्योंकि यह बीमारी बुखार, शरीर में दर्द और अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है।
स्क्रब टाइफस से बचने के उपाय
1. उचित कपड़े पहनें
खेतों, जंगलों या झाड़ियों में जाते समय फुल स्लीव शर्ट, पैंट, और बंद जूते पहनें।
पैंट को मोजे के अंदर डालें ताकि माइट्स शरीर पर चढ़ न सकें।
2. कीट भगाने वाली क्रीम (Repellents) लगाएं
त्वचा पर DEET या परमिथ्रिन युक्त कीट-नाशक क्रीम या स्प्रे लगाएं।
कपड़ों पर भी परमिथ्रिन स्प्रे किया जा सकता है (सावधानीपूर्वक प्रयोग करें)।
3. घास और झाड़ियों से दूर रहें
ऊंची घास, झाड़ियों या खेतों में सीधे संपर्क से बचें।
पिकनिक या काम करने के लिए ऐसे स्थानों का चयन न करें जहाँ घास अधिक हो और सफाई न हो।
4. साफ-सफाई बनाए रखें
अपने आसपास के क्षेत्र को साफ रखें, घास न बढ़ने दें।
खेतों या बगीचों में काम करने के बाद तुरंत नहा लें और कपड़े धो लें।
5. पालतू जानवरों की देखभाल करें
पालतू जानवर जैसे कुत्ते-बिल्ली पर माइट्स हो सकते हैं, उन्हें साफ रखें और समय-समय पर एंटी-पैरासाइटिक ट्रीटमेंट दें।
6. लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
यदि आपको बुखार, शरीर में दर्द, रैश, या काले रंग का घाव (eschar) दिखे, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
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