रेलवे बॉक्सिंग रिंग शराब पार्टी केस: 12 कर्मचारियों पर कार्रवाई शुरू, 7 को खेल गतिविधियों से हटाया गया

बिलासपुर रेलवे जोन का बॉक्सिंग रिंग, जहां खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देनी थी, वहां बीयर, मछली और चिकन की पार्टी चल रही थी! सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल हुईं तो हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लिया। अब रेलवे ने 12 कर्मचारियों पर जांच शुरू कर दी है।

author-image
Harrison Masih
New Update
secr-bilaspur-boxing-ring-party-high-court-action-railway-officers the sootr
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Bilaspur. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) के बिलासपुर जोन में हुआ बॉक्सिंग रिंग शराब-कबाब पार्टी विवाद अब बड़े स्तर पर जांच के घेरे में आ गया है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद रेलवे प्रशासन ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है।

महाप्रबंधक (GM) की ओर से दाखिल शपथपत्र में बताया गया है कि कुल 12 कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है, वहीं 7 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से स्पोर्ट्स गतिविधियों से हटा दिया गया है।

क्या है पूरा मामला?

रेलवे बॉक्सिंग रिंग में पार्टी मामला 25 जून 2025 का है, जब SECR के स्पोर्ट्स सेल प्रभारी श्रीकांत पहाड़ी ने अपने साथी कोच देवेंद्र यादव के जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए रेलवे के बॉक्सिंग रिंग को ही पार्टी स्थल बना दिया था। इस पार्टी में कई कोच, खिलाड़ी और कर्मचारी मौजूद थे। रिंग के अंदर ही मछली फ्राई और चिकन बनाया गया, साथ ही शराब और बीयर की बोतलें भी खुलीं।

इस पूरी पार्टी की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिसके बाद मामला सार्वजनिक हो गया और प्रशासन पर दबाव बढ़ा।

ये खबर भी पढ़ें... बिलासपुर जोन में बॉक्सिंग रिंग पर अधिकारियों की शराब-चिकन पार्टी, हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया,छुट्टी के दिन सुनवाई

घटना का मामला सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका के रूप में स्वत: संज्ञान लिया। 23 अक्टूबर को छुट्टी के दिन विशेष सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी.डी. गुरु की डिवीजन बेंच ने रेलवे प्रशासन से जवाब मांगा।

कोर्ट ने पूछा - “यह घटना जून की है, लेकिन रेलवे के महाप्रबंधक को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई? क्या अधिकारियों ने जानबूझकर इस मामले को दबाने की कोशिश की?”

12 पर जांच, 7 को हटाया गया, 100 दिन में रिपोर्ट

कोर्ट के निर्देश पर रेलवे के महाप्रबंधक ने शपथपत्र जमा किया, जिसमें बताया गया कि- नियम 68 के तहत 12 कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है। इनमें से 7 कर्मचारियों को खेल गतिविधियों से हटा दिया गया है।

विभागीय जांच 100 दिनों के भीतर पूरी करने का लक्ष्य तय किया गया है। डिप्टी सॉलिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा ने कोर्ट को यह जानकारी दी और आश्वासन दिया कि नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: सजा के तौर पर रेलवे कर्मचारियों का नहीं कर सकते डिमोशन...

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: इन बेटियों को नहीं मिलेगा पिता की संपत्ति में हिस्सा...

हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी

कोर्ट ने रेलवे प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर मीडिया रिपोर्ट और जनहित याचिका के माध्यम से मामला सामने नहीं आता, तो यह फाइलों में दबा रह जाता। कोर्ट ने कहा कि “रेलवे जैसे सार्वजनिक संस्थान में अनुशासन की सीमा लांघना बेहद गंभीर मामला है।” साथ ही, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आगे किसी भी जांच में ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

इन अधिकारियों पर कार्रवाई

रेलवे ने जिन 12 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की है, उनमें शामिल हैं - श्रीकांत पहाड़ी, सुभाष कुमार, बी. अनिल कुमार, सुमित कुमार, पी. तुलसी राव, विकास ठाकुर, पूर्णेन्द्र साहू, ओ.पी. यादव, पी. ईश्वर राव, वाई. नागू राव, देवेंद्र यादव और पी.के. तिवारी।

इनमें से 7 कर्मचारियों -श्रीकांत पहाड़ी, पूर्णेन्द्र साहू, सुमित कुमार, पी. तुलसी राव, पी. ईश्वर राव, वाई. नागू राव और देवेंद्र यादव को उनके स्पोर्ट्स असाइनमेंट से तत्काल हटा दिया गया है।

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने महिला आरक्षित पद के नियमों में किया बदलाव, खाली रहने पर होगी पुरुषों की भर्ती

100 दिन की समयसीमा और जांच समिति गठित

रेलवे प्रशासन ने आंतरिक जांच समिति गठित की है, जो साक्ष्यों, फोटो, वीडियो और कर्मचारियों के बयान के आधार पर रिपोर्ट तैयार करेगी। उम्मीद है कि यह रिपोर्ट जनवरी 2026 तक हाईकोर्ट में पेश की जाएगी।

जनता में चर्चा और खेल संस्कृति पर सवाल

इस घटना ने रेलवे की खेल इकाई की छवि को धक्का पहुंचाया है। खेल परिसर, जो खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के लिए बने हैं, उनमें इस तरह की पार्टी आयोजित होना अनुशासन और नैतिकता दोनों पर सवाल खड़े करता है।अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि रेलवे इन दोषियों पर कितनी सख्ती से कार्रवाई करता है।

SECR जस्टिस रमेश सिन्हा बिलासपुर जोन रेलवे बॉक्सिंग रिंग में पार्टी छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
Advertisment