शिवघाट-पचरीघाट बैराज, सरकारी लापरवाही का शिकार बनी महत्वपूर्ण परियोजना

बिलासपुर में एक महत्वपूर्ण सरकारी परियोजना, शिवघाट और पचरीघाट बैराज, सरकारी उदासीनता और अफसरशाही की वजह से अधर में लटक गई है। करीब 100 करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत वाली इस परियोजना का काम डेढ़ साल से ठप पड़ा है।

author-image
Krishna Kumar Sikander
New Update
Shivghat-Pacharighat Barrage the sootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

बिलासपुर में एक महत्वपूर्ण सरकारी परियोजना, शिवघाट और पचरीघाट बैराज, सरकारी उदासीनता और अफसरशाही की वजह से अधर में लटक गई है। करीब 100 करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत वाली इस परियोजना का काम डेढ़ साल से ठप पड़ा है। कई डेडलाइन गुजरने और पूरी राशि खर्च होने के बावजूद, प्रोजेक्ट अब तक पूरा नहीं हो सका। लागत बढ़कर 128 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, लेकिन जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं।

ये खबर भी पढ़ें... 46 साल बाद फिर जागी उम्मीद की किरण, बोधघाट परियोजना से 269 गांवों को मिलेगा पानी, बनेगी बिजली

परियोजना का हाल, शुरू से अटकी रही राह

वर्ष 2020 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बिलासपुर के शिवघाट और पचरीघाट में दो बड़े बैराज बनाने की मंजूरी दी थी। जनवरी 2021 में वर्क ऑर्डर जारी हुआ और जनवरी 2023 तक प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य रखा गया। लेकिन सरकारी सिस्टम की खामियों ने परियोजना को शुरू से ही प्रभावित किया। ठेकेदार को पांच बार समय विस्तार दिया गया, फिर भी 20% काम अब तक अधूरा है। शिवघाट पर हाल ही में कुछ काम शुरू हुआ है, लेकिन पचरीघाट में निर्माण पूरी तरह ठप है। एप्रोच रोड, टो-वॉल जैसे तकनीकी कार्य भी लंबित हैं। 

ये खबर भी पढ़ें... भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाला में राजस्व अधिकारियों पर शिकंजा, संपत्ति कुर्की की चेतावनी

लापरवाही और बढ़ती लागत

जल संसाधन विभाग की उदासीनता और अधिकारियों की लापरवाही ने प्रोजेक्ट को और जटिल बना दिया। स्वीकृत 100 करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद, लागत अब 128 करोड़ तक पहुंच चुकी है। अक्टूबर 2023 की आखिरी डेडलाइन बीतने के बाद से काम बंद है। जिम्मेदार अधिकारी जवाबदेही से बच रहे हैं, जबकि विपक्ष सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहा है।

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ में रेल क्रांति की रफ्तार तेज़: 47 हजार करोड़ की परियोजनाएं प्रगति पर

सियासत और जनता की नाराजगी

सत्ताधारी दल पूर्ववर्ती सरकार को दोष दे रहा है, जबकि कांग्रेस का आरोप है कि वर्तमान सरकार प्रोजेक्ट को जानबूझकर लटका रही है। इस बीच, जनता इस महत्वपूर्ण परियोजना के जल्द पूरा होने की उम्मीद में है, ताकि जिले में जल संकट से राहत मिल सके। बिलासपुर के कलेक्टर ने प्रोजेक्ट जल्द पूरा होने का आश्वासन दिया है, लेकिन ठोस प्रगति का अभाव जनता का भरोसा डगमगा रहा है।

ये खबर भी पढ़ें... भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला: SDM समेत 6 राजस्व अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट ने जारी की उद्घोषणा

कब होगा प्रोजेक्ट पूरा?

यह परियोजना बिलासपुर के लिए बेहद अहम है, लेकिन नौकरशाही और लचर प्रशासनिक रवैये ने इसे संकट में डाल दिया है। जनता और विपक्ष दोनों सरकार से जवाब मांग रहे हैं कि आखिर यह प्रोजेक्ट कब तक पूरा होगा और जिले को जल संकट से कब राहत मिलेगी?

thesootr links

 सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

 

शिवघाट पचरीघाट बैराज | बिलासपुर बैराज परियोजना | छत्तीसगढ़ सरकारी लापरवाही | बैराज परियोजना ठप | जल संसाधन विभाग बिलासपुर | Shivghat Pachrighat Barrage | Bilaspur Barrage Project | Chhattisgarh Government Negligence | Barrage Project Stalled | Water Resources Department Bilaspur

शिवघाट पचरीघाट बैराज बिलासपुर बैराज परियोजना छत्तीसगढ़ सरकारी लापरवाही बैराज परियोजना ठप जल संसाधन विभाग बिलासपुर Shivghat Pachrighat Barrage Bilaspur Barrage Project Chhattisgarh Government Negligence Barrage Project Stalled Water Resources Department Bilaspur