छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले से एक रौंगटे खड़े कर देने वाली वारदात सामने आई है, जहाँ एक दामाद ने अपने ससुर और दो पालतू बिल्लियों को बेरहमी से आरी से काटकर मौत के घाट उतार दिया। वारदात रविवार देर रात बिलाईगढ़ थाना क्षेत्र के लुकापारा गांव में हुई। हत्या के बाद आरोपी फरार हो गया था, लेकिन पुलिस ने उसे कुछ घंटों में गिरफ्तार कर लिया।
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हत्या से पहले मारपीट
मृतक की पहचान राम गिलास खुंटे (61 वर्ष) के रूप में हुई है, जो लुकापारा गांव के निवासी थे। जानकारी के अनुसार, आरोपी ओमप्रकाश जांगड़े (34) की शादी करीब 17 साल पहले राम गिलास की बेटी रेखा बाई से हुई थी। दोनों के तीन बच्चे हैं।
1 जून की रात करीब 8:30 बजे ओमप्रकाश का पत्नी रेखा से किसी पारिवारिक बात को लेकर विवाद हुआ, जो मारपीट तक पहुंच गया। बच्चों ने यह सब देख अपने नाना राम गिलास खुंटे को बुलाया, जिन्होंने मौके पर पहुंचकर बेटी को बचाया और उसे अपने घर ले आए।
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नशे में चूर दामाद ने रची साजिश
रात में ही ओमप्रकाश शराब के नशे में चूर होकर एक धारदार आरीनुमा हथियार लेकर ससुराल की ओर निकल पड़ा। पहले घर के बाहर गाली-गलौज करता रहा, लेकिन किसी के बाहर न आने पर कुछ देर शांत हो गया। जैसे ही राम गिलास को लगा कि वह चला गया है, वह बाहर निकले — और वहीं उनके ऊपर ताबड़तोड़ हमला हो गया।
आरोपी ने चेहरे और सिर पर वार कर बुजुर्ग की मौके पर ही हत्या कर दी। इससे भी उसका गुस्सा शांत नहीं हुआ, तो उसने घर में बैठी दो बिल्लियों को भी बेरहमी से काटकर मार डाला।
मौके पर पहुँची पुलिस
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची। बिलाईगढ़ थाना पुलिस और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। पुलिस ने पूछताछ और तलाशी के बाद आरोपी ओमप्रकाश को गाँव के ही एक स्थान से गिरफ्तार कर लिया। हत्या में प्रयुक्त आरीनुमा धारदार हथियार भी जब्त कर लिया गया है।
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पुलिस का बयान
बिलाईगढ़ SDOP विजय ठाकुर ने बताया कि, “पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। वह बेहद गुस्से और नशे की हालत में था। कोर्ट में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया है।”
यह घटना सिर्फ एक घरेलू विवाद नहीं, बल्कि गंभीर पारिवारिक टूटन और हिंसक मानसिकता की मिसाल है। पुलिस की तत्परता से आरोपी गिरफ्तार हो चुका है, लेकिन यह सवाल छोड़ जाता है कि क्या अब घरेलू विवादों की जड़ तक जाकर समाधान निकालने की ज़रूरत नहीं है? क्योंकि जब रिश्ते ही हथियार उठा लें, तब समाज को खुद पर फिर से सोचने की ज़रूरत होती है।
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