छत्तीसगढ़ में जादू टोना लोगों की जान ले रहा है। जादू टोने के शक में लोग एक दूसरे की जान लेने को उतारु हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचल के गांवों में आए दिन जादू टोने की खबरें आती रहती हैं। एक बार फिर जादू टोना चर्चा में है। सुकमा और लोहारीडीह की घटनाओं ने इस जादू टोने को सुर्खियों में ला दिया है।
इन वारदातों के पीछे जादू टोने के शक का आधार ही माना जा रहा है। वैसे तो इसका असर शहरों में भी माना जाता है लेकिन ग्रामीण आदिवासी इलाकों में इसकी जड़ें गहरे तक जमी हुई हैं। इन सबके पीछे का कारण लोगों के मन में बसा अंधविश्वास है। अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति लोगों को जागरुक करने की कोशिश कर रही है।
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अंधविश्वास का काला जादू
सुकमा में 5 लोगों की हत्या और कवर्धा के लोहारीडीह में एक की हत्या और एक को जला कर मार देने की वारदात ने छत्तीसगढ़ को हिला कर रख दिया है। लोहारीडीह के मामले पर तो अभी भी सियासत गरमा रही है। इन दोनों के पीछे का जो आधार सामने आ रहा है वो जादू टोने पर शक का है। इन मामलों के सामने आने के बाद जादू टोना फिर सुर्खियों में आ गया। द सूत्र ने जब जादू टोने से जुड़े मामलों की पड़ताल की तो कई हैरान करने वाली जानकारियां सामने आईं।
छत्तीसगढ़ में इस जादू टोने का असर गहरे तक है। यहां पर आदिवासी आबादी ज्यादा है और यह आदिवासी जंगली इलाकों में रहते हैं। यही कारण है कि इनका विश्वास जादू टोने पर है। यह आज भी बीमार होने पर डॉक्टर के पास जाने की जगह बैगा या गुनिया के पास जाते हैं। जादू टोने का शक होने पर एक दूसरे की जान ले लेते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि विकास का प्रकाश जब तक इन लोगों तक नहीं पहुंचेगा तब तक अंधविश्वास से विश्वास नहीं जाएगा।
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दो दशक में तीन हजार मामले
आइए अब आपको बताते हैं कि इसका असर कितना गहरा है। पिछले ढाई दशक यानी जब से छत्तीसगढ़ बना है तब से लेकर अब तक दर्ज 3 हजार से ज्यादा मामले जादू टोना से जुड़े हुए हैं। पिछले 5 सालों में 55 से ज्यादा मामले थानों में दर्ज हुए हैं। इन सालों में अब तक 300 से ज्यादा हत्याएं हो चुकी हैं और 30 से ज्यादा लोग खुदकुशी कर चुके हैं। झाड़-फूंक, टोना-टोटका और टोनही जैसे शब्द आज भी यहां के लोगों की जुबान पर चढ़े हुए हैं। इसी के चलते कई लोगों के घर उजड़ गए हैं तो कई महिलाएं टोनही यानी डायन के नाम पर प्रताड़ित होती रहती हैं।
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जादू-टोना से जुड़े कुछ बड़े मामले
लोहारीडीह में एक की हत्या,एक को जिंदा जलाया
केस एक : लोहरीडीह में अग्निकांड
यह पूरा मामला 15 सितंबर का कवर्धा जिले के लोहारीडीह गांव का है। इस गांव से 5 किमी दूर एमपी-सीजी बॉर्डर पर गांव के युवक कचरू साहू का शव फांसी पर लटके मिला। इसकी हत्या की शक को लेकर ग्रामीणों ने गांव के ही रघुनाथ साहू के घर हमला कर दिया। घर को आग के हवाले कर दिया है।
इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। इस हमले में एसपी समेत 10 पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलि को रघुनाथ साहू का शव जला हुआ मिला। रघुनाथ साहू के परिवार व ग्रामीणों के बीच काफी दिनों से विवाद चला आ रहा था। इस विवाद का कारण एक दूसरे पर जादू टोना करने का शक था।
केस दो : पांच लोगों की पीट पीटकर हत्या
आदिवासी बहुल सुकमा जिले में दिल दहलाने वाली वारदात हुई है। यहां एक गांव में जादू-टोना करने के संदेह में दो दंपतियों और एक महिला की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। सुकमा में एक साथ पांच लोगों की हत्या की गई । पूरी वारदात सुकमा के कोंटा में घटी। पुलिस के मुताबिक जादू टोने के शक में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या की गई। मरने वालों में तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल है। ग्रामीणों को शक था कि इस परिवार के कारण गांव में मौतें हो रही हैं।
केस तीन : चार लोगों की हत्या
बलौदा बाजार के कसडोल थाना क्षेत्र में चार लोगों की हत्या कर दी गई। इन चार लोगों में 11 महीने का मासूम भी था। आरोपियों में से एक की बेटी लंबे समय से बीमार थी। उनको शक था कि इस परिवार ने उनकी बेटी पर काला जादू किया हुआ है इसलिए वो इलाज के बाद भी ठीक नहीं हो रही। इसीलिए पूरे परिवार की हत्या कर दी गई।
केस चार : 70 साल की बुजुर्ग महिला को हंसिए से दागा
मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम भरौदा में एक 70 साल की महिला को हंसिए से दागा और मारपीट कर झाड़ियों में फेंक दिया गया। आरोपियों को शक था कि महिला टोनही है और काला जादू जानती है। झाड़फूंक करने वाले ने महिला को हंसिए से दागा। महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई।
केस पांच : पति-पत्नी की हत्या
पोलमपल्ली गांव में कुछ लोगों ने पति-पत्नी की हत्या कर दी। उनके सिर को नुकीले हथियार से गोदा गया। इन लोगों को शक था कि ये पति-पत्नी जादू टोना करते हैं और इन्होंने ही उनके परिवार पर काला जादू किया है। इसी शक पर इनकी हत्या कर दी गई।
ये सब वे घटनाएं जो इसी साल की हैं। जादू टोने के अंधविश्वास ने निर्दोष लोगों की जान ले ली। वैसे तो यहां पर छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना अधिनियम 2005 लागू है जिसके तहत जादू टोने के मामले दर्ज किए जाते हैं। लेकिन एक्सपर्ट मानते हैं कि इस कानून को और कड़ा बनाने की जरुरत है तभी इस तरह के मामलों पर अंकुश लग सकता है।