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Bastar Naxal Surrender: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में एक ऐतिहासिक घटना सामने आई है, जहां पहली बार SZCM यानी स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर कैडर के किसी नक्सली ने राज्य में ही आत्मसमर्पण किया है। बीजापुर जिले का कुख्यात नक्सली रामन्ना इरपा उर्फ जगदीश उर्फ विकेश, जिस पर 25 लाख रुपए का इनाम था, अब शांति की राह पर लौट आया है। इस घटना को नक्सल उन्मूलन की दिशा में बड़ी सफलता माना जा रहा है।
छोटी उम्र में बना नक्सली,अब हथियार डाले
रामन्ना उर्फ जगदीश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि वह छोटी उम्र में नक्सली संगठन से जुड़ा था। उस समय नक्सल संगठन जल-जंगल-जमीन की बात करता था और लोगों के हित की बातें करता था, लेकिन समय के साथ उनकी विचारधारा में बदलाव आया। अब वे सिर्फ दोहरी नीति अपना रहे हैं, जिससे तंग आकर उसने मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया।
जगदीश 2002 से सक्रिय था और ओडिशा राज्य कमेटी का सदस्य, कंपनी नंबर 8 का इंचार्ज, ओडिशा पूर्वी सब जोनल ब्यूरो का कमांडर इन चीफ जैसे कई अहम पदों पर रह चुका है। उसने ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में काम किया है और कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है।
बस्तर के 5 जिलों में 66 नक्सलियों का सरेंडर
बस्तर संभाग के पांच जिलों – बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, सुकमा और नारायणपुर में एक ही दिन कुल 66 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें से 2 करोड़ 54 लाख रुपए के इनामी नक्सली शामिल हैं।
- बीजापुर: 25 नक्सलियों का सरेंडर, जिनमें से 23 पर 1.15 करोड़ का इनाम
- कांकेर: 13 नक्सली, इनाम 62 लाख
- नारायणपुर: 8 नक्सली, इनाम 33 लाख
- दंतेवाड़ा: 16 नक्सली, 5 पर 17 लाख का इनाम
- सुकमा: 5 नक्सली, सभी इनामी
इनमें कई उच्च पदस्थ नक्सली शामिल हैं – मिलिट्री कंपनी नंबर 1 का कमांडर, DVCM (डिवीजनल कमेटी मेंबर), ACM (एरिया कमेटी मेंबर) जैसे रैंक के नक्सलियों ने भी आत्मसमर्पण किया।
पुलिस की नई रणनीति: पुनर्वास से पुनर्जीवन
हाल ही में शुरू किए गए "पुना मारगेम" यानी पुनर्वास से पुनर्जीवन अभियान का यह असर है कि इतने बड़ी संख्या में नक्सलियों ने हथियार डाले। बस्तर IG सुंदरराज पी ने इसे माओवादी संगठन पर एक बड़ी चोट बताते हुए कहा कि बड़े कैडर के नक्सलियों का सरेंडर माओवाद की कमर तोड़ने जैसा है।
Naxalite Ramanna Irpa | chhattisgarh naxal surrendered
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बस्तर नक्सल सरेंडर | SZCM कैडर के नक्सली का सरेंडर
पुलिस नक्सलियों से लगातार अपील कर रही है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ें और सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर समाज की मुख्यधारा में लौटें। सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों को नियमानुसार प्रोत्साहन राशि और पुनर्वास सहायता भी प्रदान की गई है।
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