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teacher recruitment announcement Brijmohan Agarwal : सांसद बृजमोहन अग्रवाल की घोषणाओं की फाइलें धूल खा रही हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री रहते बृजमोहन ने विधानसभा में घोषणा की थी कि प्रदेश के स्कूल शिक्षक विहीन नहीं रहेंगे। प्रदेश में 30 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।
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बृजमोहन के सांसद बनने के बाद यह विभाग सीएम ने अपने पास ही रखा है। विधानसभा में जब सीएम विष्णुदेव साय से ये पूछा गया कि इन शिक्षकों की भर्ती कब होगी। तो सीएम का जवाब था कि पता नहीं यानी इसकी कोई टाइम लिमिट नहीं है।
इन शिक्षकों की भर्ती न होने से हालत ये है कि खुद सीएम के गृह जिले में ही 150 स्कूल ऐसे हैं जिनमें या तो टीचर नहीं हैं या फिर एक स्कूल में एक ही टीचर है। साफ है कि बृजमोहन की घोषणाओं की फाइलें मंत्रालय में धूल खा रही हैं।
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बिना मास्साब के चल रहे विष्णु के स्कूल
दिसंबर 2023 में जब बीजेपी की सरकार बनी थी तो बृजमोहन अग्रवाल को शिक्षा समेत पांच विभाग दिए गए थे। यानी बृजमोहन,विष्णु सरकार के सबसे पॉवरफुल मंत्री थे। फरवरी-मार्च 2024 में जब विधानसभा का सत्र हुआ तो बृजमोहन ने विधानसभा में घोषणा कर दी कि नए शिक्षा सत्र से स्कूलों में शिक्षकों की कमी नहीं रहेगी, क्योंकि वे 30 हजार शिक्षकों की भर्ती करने जा रहे हैं।
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बृजमोहन ने घोषणा तो कर दी, लेकिन इसके बाद वे सांसद बन गए और मंत्री नहीं रहे। चूंकि स्कूल शिक्षा विभाग बेहद अहम विभाग है और ये सीधे बच्चों की पढ़ाई लिखाई से जुड़ा है। सीएम ने यह विभाग अपने पास रख लिया।
जब सीएम से विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सवाल किया गया तो वे बोले कि बृजमोहन अग्रवाल ने घोषणा तो की थी, लेकिन शिक्षकों की भर्ती कब होगी इसकी समय सीमा बताना संभव नहीं है।
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शिक्षकों की भर्ती न होने से हालत ये है कि सीएम के गृह जिले जशपुर के स्कूल ही बिना टीचर के चल रहे हैं। 150 स्कूल ऐसे हैं जहां पर या तो शिक्षक ही नहीं हैं या फिर एक स्कूल में सिर्फ एक ही टीचर है।
यह है सीएम के जिले जशपुर की स्थिति
- प्राथमिक स्कूल 1640 हैं जिनमें 681 पद खाली हैं।
- पूर्व माध्यमिक स्कूल 464 हैं जिनमें 114 पद खाली हैं।
- हाईस्कूल 66 हैं जिनमें 102 पद खाली हैं।
- हायरसेकंडरी सकूल 81 हैं जिनमें 258 पद खाली हैं।
- आश्रम शाला 47 हैं जिनमें 36 पद खाली हैं।
- छात्रावास 115 हैं जिनमें 56 पद खाली हैं।
- जिन स्कूलों में 1 शिक्षक हैं उनकी संख्या 132 है।
- जो सकूल बिना शिक्षकों के चल रहे हैं उनकी संख्या 23 है।
यह है छत्तीसगढ़ के स्कूलों की स्थिति
छत्तीसगढ़ में शिक्षा की स्थिति का अनुमान सीएम के जिले से ही लगाया जा सकता है। प्रदेश में 24 हजार 627 सहायक शिक्षकों के पद खाली पड़े है। 2856 प्रिंसीपल,13624 लेक्चरर, 3217 हेड मास्टर और प्राथमिक शाला के 3724 पद खाली हैं।
प्रदेश में पांच हजार स्कूल एक शिक्षक के सहारे हैं। एक तरफ सरकार मोदी की गारंटी पूरी करने में जुटी हुई है तो दूसरी तरफ बच्चों से शिक्षा की गारंटी दूर होती जा रही है। कर्ज के बोझ तले दबी सरकार के पास इतना फंड नहीं है कि तीस हजार शिक्षकों को वेतन दिया जा सके। यही कारण है कि शिक्षकों की भर्ती नहीं की जा रही है।
सरकार कर्ज पर कर्ज लेकर महिलाओं,किसानों और मजदूरों को बांट रही है लेकिन बच्चों की शिक्षा की तरफ ध्यान ही नहीं है। सरकार की इन नीतियों का खामियाजा प्रदेश के वे गरीब बच्चे उठा रहे हैं जिनके पढ़ने के लिए सरकारी स्कूल ही एकमात्र सहारा है।