पुलिस भर्ती फिजिकल में फर्जीवाड़ा,सिलेक्शन कराने 11 के 20 नंबर किए,FIR
Police constable recruitment physical exam fraud : आरक्षक भर्ती परीक्षा में अपने चहेते अभ्यर्थी को दोगुने नंबर दे दिए गए, ताकि उसका सिलेक्शन हो जाए। यह फर्जीवाड़ा गोला फेंक के डेटा फीडिंग के दौरान किया गया है।
Police constable recruitment physical exam fraud Rajnandgaon : पुलिस आरक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस यह फर्जीवाड़ा गोला फेंक के डेटा फीडिंग के दौरान किया गया है। इफर्जीवाड़े में अपने चहेते अभ्यर्थी को दोगुने नंबर दे दिए गए, ताकि उसका सिलेक्शन हो जाए।समें महिला अभ्यर्थी ने जितनी दूरी पर गोला फेंका था, उससे डबल दूरी की एंट्री एप में की गई। इससे उसके शारीरिक दक्षता में सीधे डबल नंबर हो गए।
राजनांदगांव में 8वीं बटालियन में पुलिस आरक्षक की भर्ती चल रही है। इसमें किसी तरह की गड़बड़ी के आरोप न लगें, इसके लिए हैदराबाद की टाइमिंग टेक्नॉलोजी को फिजिकल दक्षता परीक्षा की एप व अन्य माध्यम से डेटा एंट्री करने का काम दिया गया है। शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान एक महिला अभ्यर्थी गोला फेंक राउंड तक पहुंची। उसके द्वारा गोला फेंकने की दूरी एप में 8.117 मीटर दर्ज की गई थी। शाम को जब रिकॉर्ड का मिलना किया गया तो सामने आया कि इतनी दूरी तक किसी ने भी गोला फेंका ही नहीं था। इसके बाद डीएसपी तनुप्रिया ठाकुर ने मेन्युअल रिकॉर्ड चेक किया। गोला फेंक परीक्षा की रिकॉर्डिंग भी चेक की गई। इसमें सामने आया कि एप में गलत फीडिंग की गई है।
जानकारी के अनुसार 8.117 मीटर गोला फेंकने पर उक्त महिला उम्मीदवार को 20 नंबर मिले, जबकि अन्य उम्मीदवारों का विश्लेषण करने पर औसत दूरी 5.88 मीटर निकल रही है। इसके लिए अधिकतम 11 नंबर दिए जा सकते थे। यानी की उक्त महिला उम्मीदवार को सीधे डबल नंबर दे दिए गए।
बताया जा रहा है कि यह पूरा फर्जीवाड़ा टेक्निकल टीम और पुलिस स्टाफ की मिलीभगत से ही संभव है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि पुलिस स्टाफ ने ही एप ऑपरेटर्स के साथ मिलकर कूटरचित डेटा की फीडिंग कराई हो। इस मामले में डीएसपी तनुप्रिया ठाकुर ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
पुलिस आरक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा कैसे सामने आया ?
फर्जीवाड़ा तब सामने आया जब शाम को रिकॉर्ड का मिलान किया गया। इसमें पाया गया कि एक महिला अभ्यर्थी के गोला फेंक की दूरी 8.117 मीटर दर्ज की गई थी, जो संभव नहीं थी। इसके बाद मेन्युअल रिकॉर्ड और परीक्षा की रिकॉर्डिंग चेक की गई, जिसमें गलत फीडिंग की पुष्टि हुई।
महिला अभ्यर्थी को गलत फीडिंग के कारण कितने अतिरिक्त नंबर मिले ?
महिला अभ्यर्थी को 8.117 मीटर की गलत फीडिंग के कारण 20 नंबर मिले, जबकि वास्तविक औसत दूरी के अनुसार उसे अधिकतम 11 नंबर ही मिलने चाहिए थे। इस तरह उसे सीधे डबल नंबर मिले।
फर्जीवाड़े में कौन-कौन शामिल हो सकते हैं ?
फर्जीवाड़ा टेक्निकल टीम और पुलिस स्टाफ की मिलीभगत से किया गया माना जा रहा है। आशंका है कि पुलिस स्टाफ ने एप ऑपरेटर्स के साथ मिलकर कूटरचित डेटा फीडिंग कराई हो। मामले में डीएसपी तनुप्रिया ठाकुर ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है।