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रायपुर : शहरों में बढ़ते वाहन और घटती पार्किंग बड़ी समस्या बनती जा रही है। यह मुश्किल सीधे आम आदमी से जुड़ी है। सरकार ने अब इसको लेकर सख्ती अपनाई है। जिन लोगों ने अपने घरों में नक्शे के अनुसार पार्किंग नहीं छोड़ी है उनके मकान अवैध माने जा रहे हैं। सरकार ने एक कानून बनाया जिसके जरिए अवैध निर्माण को वैध कराया जा सकता है। सरकार के पास इस अनाधिकृत विकास को वैध करने के 47 हजार से ज्यादा आवेदन आए हैं। सरकार ने मकानों को वैध करने के लिए 300 करोड़ की पेनाल्टी लगाई है। इनमें से 100 करोड़ ऐसे हैं जिनकी वसूली होना अभी बाकी है। इसके बाद भी 17 हजार से ज्यादा आवेदन अभी पेंडिंग हैं। आइए आपको बताते हैं कि क्या है कानून और किस जिले में सबसे ज्यादा ऐसे निर्माण हुए हैं जिनको वैध करने के लिए लाखों का जुर्माना भरा जा रहा है।
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ये है पार्किंग छोड़ो या जुर्माना भरो का कानून
छत्तीसगढ़ सरकार ने अवैध निर्माण को वैध करने के लिए एक कानून बनाया है। यह कानून है अनाधिकृत विकास का नियमितिकरण अधिनियम। इस कानून का मकसद शहरों का सुनियोजित विकास है। जिसमें अवैध निर्माण को रोका जा सके और जिन लोगों ने बिना स्वीकृति के मकान बना लिए हैँ उन मकानों को शुल्क लेकर वैध किया जा सके ताकि लोगों को बिना वजह की परेशानी से न जूझना पड़े। कानून में मुख्य प्रावधान ये है कि नए मकान का नक्शा पास कराने के लिए पार्किंग प्लेस जरुरी है और जिन लोगों ने नक्शे में होने के बावजूद पार्किंग प्लेस न छोड़कर वहां निर्माण कर लिया है उसे अनाधिकृत विकास माना जाएगा। इस अनाधिकृत विकास को वैध कराने के लिए लोगों को निर्धारित जुर्माना भरना पड़ेगा नहीं तो वो निर्माण अवैध माना जाएगा और भविष्य में ऐसे लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। अपने मकानों को वैध कराने के लिए सरकार के पास 47 हजार से ज्यादा आवेदन आए हैं।
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इन जिलों से इतने आए आवेदन :
कुल आवेदन - 47830
रायपुर - 17704
दुर्ग - 11713
बिलासपुर -9856
कोरबा - 2435
सरगुजा - 812
रायगढ़ - 805
राजनांदगांव - 791
धमतरी - 725
कवर्धा - 505
बस्तर - 250
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सरकार ने लगाया 300 करोड़ का जुर्माना
इस अधिनियम में कहा गया कि ऐसे मकान जिनमें पार्किंग प्लेस नहीं है तो उनको वैध करने के लिए इस प्रकार पेनाल्टी लगाई जाएगी। पार्किंग में 25 प्रतिशत कमी होने पर प्रत्येक कार स्थान के लिए पचास हजार रुपये, 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक प्रत्येक कार स्थान के लिए एक लाख रुपये, 50 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक प्रत्येक कार स्थान के लिए दो लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। सरकार ने इसी नियम के तहत अनाधिकृत निर्माण पर 300 करोड़ की पेनाल्टी लगाई है। इसमें से 100 करोड़ की वसूली बाकी है।
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इस जिले पर इतनी पेनाल्टी
पेनाल्टी - 300 करोड़
वसूली - 200 करोड़
बाकी - 100 करोड़
रायपुर - 200 करोड़
बिलासपुर - 30 करोड़
दुर्ग - 37 करोड़
कोरबा - 13 करोड़
कवर्धा - 3 करोड़
राजनांदगांव - 2 करोड़
सरगुजा - 2 करोड़
कुल प्रकरण - 1714
जिन जगहों पर लोगों ने पेनाल्टी जमा नहीं की है उन शहरों के स्थानीय निकायों को अवैध निर्माण के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा ऐसे लोगों से अनाधिकृत निर्माण हटाने को भी कहा गया है।
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