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रायपुर : छत्तीसगढ़ के 2200 करोड़ के शराब घोटाले पर फिर एक बार सियासत गरमा गई है। सरकार की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। सवाल यह है कि सरकार आरोपी अधिकारियों पर मेहरबान है और उनको बचा रही है। यह सवाल खुद बीजेपी के वरिष्ठ नेता उठा रहे हैं। एक तरफ तो सरकार सांसद-विधायकों को रीति,नीति और सिद्धांतों की ट्रेनिंग दे रही है तो दूसरी तरफ घोटालेबाजों को बचाया जा रहा है। '
बीजेपी के वरिष्ठ नेता एडवोकेट नरेशचंद्र गुप्ता ने सवाल उठाते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार में जो 2000 करोड़ का शराब घोटाला हुआ है। उसके मूल मे CM भूपेश Baghel,निरंजनदास, AP त्रिपाठी, टूटेजा,अनवर ढेबर और आबकारी विभाग के कई अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को छोड़ने की तैयारी क्यों हो रही है। इस दोहरे चरित्र पर हम SC तक लड़ेंगे, रिकॉर्डस् साथ हैं। उन्होंने यह एक्स पर पोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय को भी टैग किया है।
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आरोपी अधिकारियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं ?
सवाल यह है कि उन 28 अधिकारियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई जो शराब घोटाले में आरोपी बनाए गए हैं। यहां पर गौर करने वाली बात यह भी है कि इस मामले में हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2024 में साफ तौर पर घोटाले के आरोपियों पर कार्रवाई करने की बात कही थी। वहीं सीएम ने उन अधिकारियों पर केस चलाने की अनुमति दे दी है जो शराब घोटाले के आरोपी होने के बाद भी सरकारी पोस्ट पर जमे हुए हैं। 16 वर्तमान और 12 रिटायर्ड आबकारी अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया था।
जानकारी के अनुसार, जिन अधिकारियों को नोटिस जारी हुआ उनमें नीतू नोतानी, विकास गोस्वामी, दीनकर वाशनिक, विजय सेन शर्मा, इकबाल खान, सौरभ बक्शी, जनार्दन कौरव, नोहर सिंह ठाकुर, गरीब पाल दर्दी, मोहित जायसवाल, नवीन तोमर, नितिन खंडूजा, अशोक सिंह, रवीश तिवारी, सोनल नेताम, अनिमेष नेताम, अरविंद पटले, प्रमोद कुमार नेताम और रामकृष्ण मिश्रा के नाम शामिल हैं। सेवानिवृत्त अधिकारियों को भी ACB EOW की ओर से नोटिस तामील कराए जा रहे हैं।
5 हजार पन्नों का चालान
शराब घोटाला मामले में EOW ने सोमवार को विशेष अदालत में चालान पेश किया। इसमें उन अधिकारियों के खिलाफ चालान है, जो शराब घोटाला मामले में आरोपी बनाए गए हैं। जिन अधिकारियों के खिलाफ चालान पेश हुआ है, उनमें से किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस समय सभी आबकारी विभाग में पदस्थ है।
इन अफसरों पर आरोप है कि पिछली सरकार में हुए शराब घोटाले में नेताओं के इशारे पर गड़बड़ियां करते रहे। 5000 पन्नों से ज्यादा का चालान जांच एजेंसी के अधिकारी ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत में 29 बंडलों को लेकर पहुंचे। इस चालान में हर एक अधिकारी ने किस तरीके से नेताओं के इशारे पर शराब घोटाले में गड़बड़ी में अपना रोल अदा किया। इसकी पूरी जानकारी अदालत को दी गई है।
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इन अफसरों पर पैसा लेने का आरोप
तत्कालीन आबकारी आयुक्त IAS निरंजन दास
तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी रायपुर जनार्दन कौरव
तत्कालीन उपायुक्त आबकारी अधिकारी धमतरी अनिमेष नेताम
तत्कालीन उपायुक्त आबकारी महासमुंद विजय सेन शर्मा
तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी अरविंद कुमार पटेल
तत्कालीन सहायक कमिश्नर आबकारी प्रमोद कुमार नेताम
तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी रामकृष्ण मिश्रा
तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी विकास कुमार गोस्वामी
तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी इकबाल खान
तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी नीतिन खंडजा
तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी नवीन प्रताप सिंग तोमर
तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी मंजूश्री कसेर
तत्कालीन सहायक आयुक्त सौरभ बख्शी
तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी दिनकर वासनिक
तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी अशोक कुमार सिंह
जिला आबकारी अधिकारी मोहित कुमार जायसवाल
आबकारी उपायुक्त नीतू नोतानी
तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी रविश तिवारी
आबकारी अधिकारी गरीबपाल दर्दी
आबकारी अधिकारी नोहर ठाकुर
आबकारी सहायक आयुक्त सोनल नेताम
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