Chhattisgarh में गुमनाम चिट्ठी से हड़कंप, मामला जवानों की सुरक्षा में घोटाले का, सरकार और Congress ने साधी चुप्पी

छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार में जवानों की जैकेट खरीदी में घोटाला हुआ और अब एक शुभचिंतक ने इसका खुलासा किया है। लेकिन मामले में वर्तमान बीजेपी सरकार कोई रूचि नहीं ले रही है वहीं कांग्रेस के नुमाइंदे कुछ कहने को तैयार नहीं हैं।

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BP shrivastava
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छत्तीसगढ़ में जवानों की जैकेट खरीदी में घोटाला हो गया।

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अरुण तिवारी, RAIPUR. सरकार को मिली एक शुभचिंतक की चिट्ठी ने छत्तीसगढ़ की सियासत में तूफान ला दिया है। मामला नक्सली इलाकों में जान जोखिम में डालकर तैनात जवानों की सुरक्षा का है। इस चिट्ठी में भूपेश सरकार में 13 करोड़ में खरीदी गई बुलेटप्रूफ जैकिट में हुए घोटाले का खुलासा किया गया है। किस तरह सरकार के एक करीबी आईएएस अफसर ने अपनी चहेती अपात्र फर्म को ठेका दिलाकर घटिया जैकेट की सप्लाई कर दी गई। हैरानी की बात ये है कि न तो इस बारे में सरकार कुछ कह रही और ना ही कांग्रेस मुंह खोल रही है। जानिए इस घोटाले की पूरी कहानी।

शुभचिंतक ने पीएम से लेकर सीएम तक को लिखी चिट्ठी

प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री और मुख्य सचिव को एक शुभ चिंतक ने 4 पेज की चिट्ठी भेजी है। सूत्रों की मानें तो ये शुभचिंतक नक्सली इलाकों में तैनात जवानों के परिवार के सदस्य ही हैं। इस पत्र में सीधे तौर पर भूपेश सरकार के करीबी अफसर पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पत्र में ये बताया गया है कि जवानों के लिए 13 करोड़ की घटिया बुलेटप्रूफ जैकेट खरीदकर बड़ा घोटाला किया गया। इस काम को अंजाम दिया इन आईएएस अफसर की कृपापात्र अपात्र कंपनी ने जिसको नियमों को ताक पर रखकर ठेका दिया गया।।

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ये है पूरा मामला 

इस चिट्ठी में पूरे सिलसिलेवार तरीके से इस घोटाले की परतें खोली गई हैं। मामला 2020 का है। जवानों की सुरक्षा के लिए पुलिस मुख्यालय ने बुलेटप्रूफ जैकेट खरीदने टेंडर बुलाए। इस टेंडर में तीन कंपनियों ने भाग लिया। यहां तक तो सब ठीक था, लेकिन टेंडर की नियम शर्तों की वजह से आईएएस अनिल टुटेजा की चहेती फर्म प्रगति डिफेंस सिस्टम प्रायवेट लिमिटेड बिलासपुर भाग नहीं ले पाई। इसके बाद शुरू हुई गड़बड़ी की कहानी। इस टेंडर प्रक्रिया को निरस्त कर नियमों में बदलाव किया गया और फिर से टेंडर कॉल किए गए। इस बार इसमें अपात्र कंपनी प्रगति डिफेंस सिस्टम शामिल कर ली गई। आरोप यह भी है कि नियमों को पूरा करने के लिए इस कंपनी ने फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए। इसमें पुलिस मुख्यालय की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस टेंडर प्रक्रिया में दिल्ली की जानी-मानी कंपनियों ने भाग लिया, लेकिन टेंडर मिला इस तरह का कभी कोई काम ना करने वाली प्रगति डिफेंस सिस्टम कंपनी को। 

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कंपनी ने जो बुलेट प्रूफ जैकेट के सैम्पल दिए वे परीक्षण के लिए हैदराबाद भेजे गए। ये सैम्पल बैलेस्टिक टेस्ट में फेल हो गए। दोबारा सैम्पल लिए गए जिन्हें पास कराया गया। वर्क आर्डर जारी करने के लिए फाइल तत्कालीन गृह मंत्री को भेजी गई। गड़बड़ी की बू आने पर तत्कालीन गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने इसका अनुमोदन नहीं किया और फाइल वापस कर दी। आरोप है कि अनिल टुटेजा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से हस्ताक्षर करवा लिए। कहा जा रहा है कि प्रगति डिफेंस ने जो बुलेट प्रूफ जैकिट सप्लाई की, वे पास हुए सैम्पल की नहीं थी। घटिया जैकिट सप्लाई कर जवानों की जान के साथ खिलवाड़ किया गया।।

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कोई ठोस प्रमाण देगा तो कार्रवाई करेंगे- गृह मंत्री विजय शर्मा

इस मामले का खुलासा अब हुआ है जब प्रदेश में नई विष्णुदेव सरकार है। इस मामले की जांच की मांग की जा रही है। गृह मंत्री विजय शर्मा ये तो कहते हैं कि जो जवानों की जान की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करेगा उसे कैसे छोड़ेंगे, लेकिन साथ में ये भी जोड़ देते हैं कि कोई ठोस प्रमाण देगा तो आगे कार्रवाई की जाएगी। 

गृह मंत्री सबूत मांग रहे, पूर्व सीएम भूपेश बघेल चुनाव में व्यस्त

यानी गृह मंत्री जांच करने की बजाय उनसे ही सबूत मांग रहे हैं जो  इस घोटाले को उजागर कर रहे हैं। वहीं भूपेश बघेल अपने चुनाव में व्यस्त हैं और कांग्रेस नेता कुछ बोल नहीं रहे। इन सब बातों से इतना तो जरूर नजर आता कि दाल में कुछ कला जरूर है।

Chhattisgarh सुरक्षा में घोटाले