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ंUNESCO List Dhudmaras Village Bastar : जिस गांव का पता गूगल के पास नहीं है, उसे यूनेस्को ने ढूंढ निकाला। यूनेस्को ने हाल ही में छत्तीसगढ़ के धुड़मारस गांव को दुनिया के 20 सबसे अच्छे पर्यटन गांव में शामिल किया है। अगर आपने ये गांव नहीं देखा तो फिर छत्तीसगढ़ में क्या देखा। इस गांव की हरियाली,आसपास जंगल और यहां के लोगों की मेहमाननवाजी कमाल की है। आज हम आपको बताएंगे धुड़मारस गांव की खूबसूरती। आखिर क्यों इस गांव को यूनेस्को ने दुनिया के 20 सबसे सुंदर गांव के लिए चुना।
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बस्तर के गांव की दुनिया में धाक
ये रातें,ये मौसम,नदी का किनारा,ये ठंडी हवा... यही है छत्तीसगढ़ का एक छोटा सा गांव धुड़मारास। प्रकृति की गोद में बसा धुड़मारास गांव घने जंगलों से घिरा हुआ है। पहाड़ों और नदी के बीच घने जंगल में बसा हुआ है। जरूर यह गांव गूगल मैप पर नजर नहीं आता हो, इसके बावजूद इस गांव ने अपने सामूहिक परिश्रम और एकजुटता के परिचय से देश नही विश्व मे अपनी पहचान बनाई हैं।
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यहां होम स्टे का दीवार बांस की चटाई और लाल ईंट से निर्माण किया गया है। वहीं होम स्टे में पत्थर की छावनी बनाई गई है। जहां स्थानीय लोगों के साथ देश विदेश से पहुंचने वाले पर्यटक ठहरते हैं। यूनेस्को की नजर तो अभी पड़ी है, लेकिन यहां पर सालों से पर्यटक अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी की थकान मिटाने आते हैं। लकड़ी के ये खूबसूरत घर कंक्रीट के घरों से कहीं ज्यादा सुंदर नजर आते हैं। पर्यटकों के लिए इन घरों में रहना किसी स्वर्ग में रहने से कम नहीं है।
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खूब खातिरदारी करते यहां के लोग
बस्तर के लोग मेहमान नवाजी के लिए भी काफी मशहूर हैं। यहां के स्थानीय लोग अपने घरों को पर्यटकों के लिए उपलब्ध करवा रहे हैं। ठहरने की सुविधा उपलब्ध करवाने से उन्हें रोजगार मिल रहा है। इस गांव में 40 परिवार निवासरत हैं और प्रत्येक घर से एक सदस्य इस ग्राम विकास के कार्य में शामिल है। प्रकृति को पर्यटक करीब से महसूस करें इसलिए गांव में पर्यटकों के लिए बम्बू राफ्टिंग, कयाकिंग, ट्रेकिंग, बर्ड वाचिंग जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। इस गांव में कांगेर नदी बहती है जो आगे जाकर शबरी नदी में मिल जाती है।
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चिड़ियों की चहचहाना और चूल्हे का बना खाना :
शहर के शोर शराबे से दूर धूड़मारास में एक अलग सी शांति मिलती हैं और यहाँ पहाड़ी मैना और अन्य पक्षियों की चहचहाट भी सुनाई देती हैं। चूल्हे पर बना हुआ बस्तर का देसी खाना जायके को और बढ़ा देता है। पर्यटक इस खाने को बड़े चाव से खाते हैं। गांव जरुर छोटा है लेकिन स्वर्ग सा अहसास कराता है।
यूनेस्को ने इन सब विशेषताओं के कारण ही इस गांव को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ 20 गांवों की सूची में स्थान दिया है। यहां पर छत्तीसगढ़ से लेकर दूसरे प्रदेशों तक के लोग आते हैं। यूनेस्कों में स्थान मिलने के बाद वह दिन दूर नहीं जब विदेशी पर्यटक यहां नजर आएंगे। नए साल के कारण पर्यटकों की आवाजाही यहां और बढ़ गई है।
यह गांव नहीं देखा तो क्या देखा
छत्तीसगढ़ पर्यटन की दृष्टि से बहुत समृद्ध है। यहां के झरने,पहाड़,जंगल हमेशा से लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे हैं। वहीं राम वन गमन पथ यहां अध्यात्म का रास्ता है। कनेक्टिविटी के लिहाज से छत्तीसगढ़ अपने पर्यटन स्थलों को जोड़ने में लगा है।
अलग से पर्यटन नीति भी बनाई जा रही है, लेकिन आपने छत्तीसगढ़ में यदि धूड़मारास गांव को नहीं देखा तो फिर क्या देखा। आपनी छत्तीसगढ़ यात्रा अधूरी ही मानी जाएगी। तो आप भी आइए और प्रकृति की गोद में कुछ दिन गुजारिए। द सूत्र इसीलिए आपको इस खबर में इस अनूठे और खूबसूरत गांव के बारे में बता रहा है।