Urban body and three-tier panchayat election code of conduct : छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए राज्य सरकार की तैयारियां पूरी हो गई हैं। डिप्टी सीएम अरुण साव का कहना है कि फरवरी महीने में नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न करा लिए जाएंगे।
उनका कहना है कि राज्य चुनाव आयोग ने भी इन चुनावों के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। डिप्टी सीएम के बयान से मायने निकाले जा रहे हैं कि 18 जनवरी के बाद छत्तीसढ़ में नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आचार सहिंता की घोषणा की जा सकती है।
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ओबीसी आरक्षण पर बढ़ी तकरार
राज्य में जिला पंचायत अध्यक्षों के लिए हुए आरक्षण में ओबीसी वर्ग के लिए कोई भी सीट रिजर्व नहीं है। राज्य की विपक्षी पार्टी कांग्रेस इसे चुनाव में मुद्दा बनाने जा रही है। पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज के अनुसार 15 जनवरी को सभी जिला मुख्यालयों में कांग्रेस का धरना प्रदर्शन होगा। उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश में 16 जिला पंचायत और 85 जनपदों में 25 फीसदी सीटें OBC के लिए आरक्षित होती थी, लेकिन अब अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी का आरक्षण लगभग खत्म हो गया है। प्रदेश की बीजेपी सरकार ने साजिश कर OBC के आरक्षण में कटौती की है। जिला और जनपद पंचायतों में OBC का आरक्षण ही खत्म कर दिया गया है।
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कांग्रेस OBC आरक्षण खत्म करना चाहती थी- साव
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बड़ा बयान दिया है। साव ने कहा कि - कांग्रेस OBC आरक्षण खत्म करना चाहती थी। इसके लिए कांग्रेस बड़ी साजिश रच रही थी। दरअसल, अरुण साव प्रदेश के बीजेपी कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान किरण देव सिंह के साथ कानून की किताब लेकर पहुंचे थे।
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निकाय चुनाव में आरक्षण पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया। साव के मुताबिक कांग्रेस इस साजिश में थी कि छत्तीसगढ़ में ओबीसी आरक्षण शून्य हो जाए, क्योंकि कांग्रेस आरक्षण विधेयक को पास होने नहीं देना चाहती थी। इसलिए सदन से वॉकआउट किया था।
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