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छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के ग्राम पंचायत ओरमा में सावन के पवित्र महीने में एक शिव मंदिर में तोड़फोड़ की घटना ने ग्रामीणों को आक्रोशित कर दिया है। जिला मुख्यालय से मात्र 5 किलोमीटर दूर, बालोद थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 1 में तालाब के किनारे बने इस मंदिर में अज्ञात असामाजिक तत्वों ने बुधवार रात में शिवलिंग को नुकसान पहुंचाया और मंदिर परिसर का सामान तालाब में फेंक दिया। ग्रामीणों ने इस घटना को दंगा भड़काने की साजिश करार देते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। कुछ ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इसमें धर्मांतरित लोगों का हाथ हो सकता है।
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सुबह पूजा के दौरान खुला राज
गुरुवार सुबह जब ग्रामीण मंदिर में सावन की पूजा के लिए पहुंचे, तो उन्हें शिवलिंग और मंदिर परिसर में तोड़फोड़ की जानकारी मिली। इसके बाद गांव में तनाव फैल गया और बड़ी संख्या में लोग मंदिर परिसर में इकट्ठा हो गए। ग्रामीणों में इस घटना को लेकर भारी नाराजगी है। ग्राम समिति के अध्यक्ष नेम लाल साहू ने कहा, "यह हमारी आस्था पर हमला है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।" समिति के सचिव प्रीतम कुमार सोनकर ने इसे दुखद बताते हुए कहा, "ऐसे तत्व जो हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।"
पुलिस ने शुरू की जांच
घटना की सूचना मिलते ही बालोद थाना पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। थाना प्रभारी शिशुपाल सिन्हा ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर घटना की विस्तृत जानकारी ली। पुलिस ने आसपास के क्षेत्र में जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक दोषियों की पहचान नहीं हो सकी है। सिन्हा ने बताया कि पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने और तनाव को कम करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
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सीसीटीवी लगाने की मांग
ग्राम समिति के कोषाध्यक्ष खिलेश्वर कुमार सोनकर ने कहा, "ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अब गांव में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। भगवान की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।" ग्रामीणों ने मंदिर की सुरक्षा बढ़ाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन से त्वरित कदम उठाने की मांग की है।
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क्षेत्र में तनाव, पुलिस सतर्क
इस घटना के बाद ओरमा गांव में तनाव का माहौल है। ग्रामीणों का गुस्सा और आस्था को ठेस पहुंचने का दर्द साफ देखा जा सकता है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है और आसपास के क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है। यह घटना सावन के महीने में हुई, जिससे ग्रामीणों की भावनाएं और भी आहत हुई हैं। अब सभी की नजर इस बात पर है कि पुलिस इस मामले में दोषियों को कब तक पकड़ पाती है और क्या इस घटना के पीछे की साजिश का खुलासा हो पाएगा।
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