छत्तीसगढ़ के चर्चित कोल लेवी और डीएमएफ घोटाले में लगभग दो साल से जेल में बंद निलंबित आईएएस समीर विश्नोई, रानू साहू, राज्य सेवा अधिकारी सौम्या चौरसिया और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी की रिहाई शुक्रवार रात टल गई। सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद ये चारों 30 मई, 2025 की रात 8 बजे जेल से बाहर आने वाले थे, पर कुछ कानूनी प्रक्रियाएं पूरी नहीं होने के कारण तीनों की अब रिहाई शनिवार सुबह हो सकेगी।
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कुछ शर्तो के साथ मिली है अंतरिम जमानत
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सुप्रीम कोर्ट ने चारों को अंतरिम जमानत देते हुए कुछ शर्तें रखी हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ में नहीं रहने का निर्देश शामिल है, ताकि गवाहों पर किसी तरह का दबाव न पड़े। बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता फैसल रिजवी ने इसकी पुष्टि की। चारों को ईडी और राज्य की ईओडब्लू एजेंसी ने गिरफ्तार किया था, जिसके चलते जमानत प्रक्रिया में कई स्तरों पर औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ीं।
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समय पर जेल नहीं पहुंचा आदेश
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शुक्रवार को विशेष अदालत में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पेश किए गए, जिसके आधार पर रिहाई का आदेश जारी हुआ। हालांकि, जेल में रिहाई की प्रक्रिया पूरी करने में समय लगने और रेगुलर समय के बाद आदेश पहुंचने के कारण चारों की रिहाई नहीं हो सकी। जेल नियमों के अनुसार, अब ये चारों शनिवार दोपहर तक रिहा होंगे। इस मामले ने छत्तीसगढ़ में उतनी ही सुर्खियां बटोरी हैं, जितनी इनकी गिरफ्तारी के समय थीं।
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