अरुण तिवारी @ RAIPUR. लोकसभा चुनाव 2024 ( Lok sabha election 2024 ) के समय कांग्रेस ( Congress ) का पुराना मर्ज फिर बढ़ गया है। कांग्रेस के कुनबे में कलह शुरु हो गई है। पार्टी में मचा घमासान अब सतह पर आ गया है। चुनाव के वक्त पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ( Bhupesh Baghel ) का एक बयान उनके लिए नई मुसीबत ले आया है। भूपेश बघेल ने अपनी ही पार्टी के नेता को कुछ ऐसा कह दिया कि मामला मानहानि तक पहुंच गया है। कांग्रेस के पूर्व महासचिव और AICC सदस्य अरुण सिसोदिया ( Arun Sisodia ) ने भूपेश बघेल को मानहानि का कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। इस अल्टीमेटम में कहा गया कि भूपेश बघेल 15 दिन में माफी मांगें या फिर कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। आखिर ऐसा क्या कह गए बघेल जिसने बढ़ा दी मुश्किलें।
भूपेश ने दिया था अरुण के खिलाफ बयान
चुनाव के वक्त कांग्रेस की पुरानी बीमारी सामने आ ही जाती है। कांग्रेस के नेता बीजेपी से कम और अपनों से ही ज्यादा उलझते रहते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और राजनांदगांव से कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार भूपेश बघेल ने पार्टी के पूर्व महासचिव और एआईसीसी के सदस्य अरुण सिसोदिया के खिलाफ में बयान दिया। सिसोदिया को ये बयान नागवार गुजरा और उन्होंने भूपेश बघेल को मानहानि का कानूनी नाटिस थमा दिया। नोटिस में कहा गया है कि भूपेश बघेल ने मीडिया को दिए बयान में सिसोदिया को बीजेपी का स्लीपर सेल बता दिया। स्लीपर सेल सीधे सीधे आतंकवाद से जुड़ा है। जबकि सिसोदिया का परिवार तीन पीढ़ियों से देश सेवा से जुड़ा हुआ है। वे खुद भी पूर्व सैनिक रहे हैं। नोटिस में कहा गया है कि भूपेश बघेल 15 दिनों में सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें या फिर कानूनी कार्यवाही के लिए तैयार रहें।
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पीसीसी चीफ से शिकायत कर चुके हैं अरुण सिसोदिया
आखिर भूपेश बघेल ने सिसोदिया को ऐसा क्यों कहा इसके पीछे भी वजह है। सिसोदिया ने पीसीसी अध्यक्ष से एक शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया कि भूपेश बघेल के सीएम रहते उनके सलाहकार विनोद वर्मा के बेटे जय और पुर्नवासु वर्मा की कंपनी टेशु मीडिया लैब प्रायवेट लिमिटेड को पांच करोड़ नवासी लाख रुपए का भुगतान कांग्रेस कमेटी के फंड से किया गया। सिसोदिया ने कहा कि सीएम के सोशल मीडिया के संचालन के लिए आखिर कांग्रेस कमेटी क्यों दस लाख रुपए महीने देगी क्योंकि ये फंड कार्यकर्ताओं के चंदे से जमा किया जाता है। भूपेश बघेल से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यदि सिसोदिया सच्चे कार्यकर्ता होते तो अपने इस बयान को इस तरह वायरल नहीं करते। उन्हें कोई शिकायत थी तो वे पार्टी फोरम पर अपनी बात रखते। जबकि वे इस तरह की बात सार्वजनिक तौर पर कर रहे हैं। इसका मतलब है कि वे बीजेपी के स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे हैं। इस तरह की बात कर उनकी छबि खराब करने कोशिश की जा रही है।
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चुनाव आयोग से भी शिकायत कर चुके हैं सिसोदिया
इससे पहले सिसोदिया ने चुनाव आयोग को भी शिकायत की है। सिसोदिया ने कहा कि इस तरह का बयान देकर भूपेश बघेल ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है। यह बयान समाज में विद्वेश फैलाना वाला है।
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