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छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले से मात्र 5 किलोमीटर दूर स्थित एक छोटा सा गांव भटगांव, इन दिनों चर्चा में है, लेकिन कारण सुखद नहीं है। यह गांव एक अजीबोगरीब और चिंता जनक सिलसिले के चलते सुर्खियों में है। दरअसल, पिछले 15 वर्षों में यहां का कोई भी सरपंच अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। किसी की बीमारी से मौत हो जाती है तो कोई पद से हटाया जाता है। गांव में इसे लेकर डर और रहस्य का माहौल बन गया है।
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अब तक जो भी बना सरपंच
पूर्व सरपंच मोहित देवांगन बताते हैं कि 2020 के पंचायत चुनावों में अजमेर सिंह को गांव की जनता ने सरपंच चुना था, लेकिन दो साल बाद बीमारी से उनका निधन हो गया। उपचुनाव में बोधन ध्रुव को चुना गया, मगर एक महीने पहले अचानक उनकी भी मौत हो गई। अभी चुनाव में कुछ ही महीने बाकी हैं।
इससे पहले 2010 में चुने गए झनक राम देवदास की 30 वर्ष की उम्र में ही मौत हो गई। उनके बाद गिरवर देवदास सरपंच बने, लेकिन वे भी कार्यकाल खत्म होने से पहले ही गंभीर रूप से बीमार हो गए और कुछ समय बाद उनका भी निधन हो गया।
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भ्रष्टाचार और विवाद भी बने कारण
इन सभी मौतों के अलावा पूर्व सरपंच चेतराम का कार्यकाल भी विवादों में रहा। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे, जिससे उन्हें धारा 40 के तहत अपना पद छोड़ना पड़ा। इस तरह लगातार सरपंचों का न सिर्फ कार्यकाल अधूरा रहा, बल्कि उनके साथ घटी घटनाएं गांववालों को गहराई से सोचने पर मजबूर कर रही हैं।
गांव में दहशत और दावेदारी
गांव के पंच मोहन साहू कहते हैं कि अब भटगांव में लोग सरपंच पद की उम्मीदवारी से भी डर रहे हैं। गांववालों के चेहरों पर चिंता और शंका की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। किसी को कोई स्पष्ट कारण नहीं दिखता, लेकिन लगातार हो रही मौतों और घटनाओं ने पद को "मनहूस" बना दिया है।
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अंधविश्वास या महज संयोग?
भले ही ये सभी घटनाएं बीमारी, विवाद या संयोग से जुड़ी रही हों, लेकिन इनका क्रमबद्ध और एक जैसे ढंग से घटित होना सवाल खड़े करता है। कुछ ग्रामीण इसे अंधविश्वास या बुरी छाया का असर मानते हैं, जबकि अन्य इसे स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और जिम्मेदारी के तनाव से जोड़ते हैं।
भटगांव का सरपंच पद आज एक रहस्य और डर की वजह बन गया है। यह केवल एक प्रशासनिक कुर्सी नहीं रह गया, बल्कि गांव के लिए एक अनसुलझी पहेली बन चुका है। आगामी पंचायत चुनावों में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या कोई ग्रामीण इस पद के लिए आगे आता है या यह कुर्सी फिर से खाली ही रह जाती है।
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