मध्यप्रदेश में एग्रेसिव मोड में सीएम मोहन के मंत्री-विधायक, सरेआम अफसरों पर झाड़ रहे रौब, जानें क्या है वजह

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Jitendra Shrivastava
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मध्यप्रदेश में एग्रेसिव मोड में सीएम मोहन के मंत्री-विधायक, सरेआम अफसरों पर झाड़ रहे रौब, जानें क्या है वजह

BHOPAL. मध्यप्रदेश में सीएम मोहन यादव के मंत्री और विधायक इस समय ज्यादा ही एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। विधायक, मंत्री और केंद्रीय मंत्री अपनी-अपनी हैसियत के अनुसार सरेआम अफसरों को लताड़ रहे हैं। बीजेपी के कार्यक्रम विकसित भारत संकल्प यात्रा में इस तरह की घटनाएं ज्यादा देखने में आ रही हैं। आखिर क्या वजह है कि ये लोग अफसरों पर इतने एग्रेसिव हो रहे हैं। क्या लोकसभा चुनाव को देखते हुए ये इनकी रणनीति है। 18 साल से प्रदेश में बीजेपी की ही सरकार है और उनके हिसाब से ही अफसरों की तैनाती हो रही है, फिर क्या वजह है कि ये लोग अफसरों पर सरेआम इतना रौब झाड़ने लगे।

अफसरों से नाराजगी जतानी ही पड़ती है

  • भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार प्रभु पटेरिया का इस मामले में कहना है कि जनप्रतिनिधि जनता के प्रति जिम्मेदार होता है। यदि कुछ भी गलत होता है तो जनता सरकार को ही घेरती है। ऐसे में जनप्रतिनिधियों की अपेक्षा होती है कि सरकारी तंत्र सही तरीके से कार्य करे। यदि जनता की तरफ से कोई शिकायत मिलती है तो अफसरों से नाराजगी जतानी ही पड़ती है। यह सरकार चलाने का व्यवहारिक तरीका है।
  • वहीं रिटायर्ड आईपीएस अफसर विजय वाते का कहना है कि जनप्रतिनिधियों को अपने व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए। यदि जनप्रतिनिधि सार्वजनिक रूप से अफसरों के साथ सही व्यवहार नहीं करते हैं तो इससे जनता में सरकार की ही छवि खराब होती है। अफसर सही काम नहीं कर रहे तो उनको हटाया जा सकता है, लेकिन सार्वजनिक रूप से कमेंट करने पर सरकारी की छवि बिगड़ती है।
  • भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार दिनेश निगम का कहना है कि वर्तमान सरकार का मानना है कि शिवराज सिंह चौहान के समय अफसरशाही ज्यादा हावी थी। इंदौर में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि अब कार्यकर्ता नहीं अफसर हाथ जोड़े खड़े रहते हैं। इसका नतीजा ये हुआ कि सभी लोग अफसरों पर हावी होने में जुट गए। निगम का कहना है कि यह तरीका गलत है। अफसरों से काम लिया जाना ही चाहिए, लेकिन उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार भी होना चाहिए।

हाल की कुछ घटनाओं से बताते हैं कि ये क्यों और कब हुआ...

1. राकेश सिंह महिलाओं के लिए अफसरों को लताड़ा

जबलपुर पश्चिम से विधायक चुनकर आए बीजेपी के पूर्व सांसद राकेश सिंह कैबिनेट मंत्री बनाए जा चुके हैं। कैबिनेट मंत्री बनते ही नेता भी अब एक्शन मोड में नजर आने लगे हैं। वे कुछ महिलाओं द्वारा काम न होने की शिकायत पर मौके पर ही जिला प्रशासन के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगा दी। विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान महिलाओं ने शासन की योजनाओं का लाभ ना मिलने और अधिकारियों द्वारा उनकी शिकायतों का निराकरण ना करने की बात बताई। शिकायत सुनकर राकेश सिंह अधिकारियों पर जमकर बरसे और उन्हें सख्त लहजे में फटकार लगाई, इस पूरे वाकये के वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं। राकेश सिंह ने ऑन द स्पॉट समस्याओं का निराकरण करने के निर्देश दिए।

2.करण सिंह वर्मा मंच से बोले- किसानों का पैसा खाया तो सस्पेंड कर दूंगा

राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने खैरी ग्राम पंचायत में विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम में अधिकारी-कर्मचारियों को मंच से चेतावनी दी। लोगों को मंच से संबोधित करते हुए उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अधिकारी-कर्मचारियों ने किसानों से एक भी पैसा लिया तो छोड़ूंगा नहीं, सस्पेंड कर दूंगा। उनके इस बयान पर वहां मौजूद जनता ने जमकर तालियां बजाई। इस दौरान राजस्व मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में विकसित भारत संकल्प यात्रा का मकसद ऐसे जरूरतमंदों तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाना है जो लाभ उठाने से वंचित रह गए हैं। अब योजनाओं का लाभ लेने के लिए लोगों को सरकारी ऑफिसों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है।

3. आगबबूला हो गए प्रहलाद लोधी, मंच से ही लगाई फटकार

पन्ना जिले के पवई से विधायक प्रहलाद लोधी ने अधिकारियों और कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर इस बार अधिकारियों ने अपने काम को लेकर कोताही बरती तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। विकसित भारत संकल्प यात्रा के कार्यक्रम के दौरान विधायक प्रहलाद लोधी विकसित पहुंचे थे। इस दौरान विभाग के कई कर्मचारी और अधिकारी वहां से नदारद थे। जिसके बाद विधायक को गुस्सा आ गया और उन्होंने पास खड़ी एसडीएम के सामने ही अधिकारियों को खूब फटकार लगाई। उन्होंने अधिकारियों चेतावनी देते हुए कहा कि ट्रांसफर करवा दूंगा। कार्यक्रम के दौरान लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे लेकिन समस्याएं सुनने के लिए विभाग का कोई भी कर्मचारी वहां पर मौजूद नहीं था। जिसके बाद लोधी भड़क गए और उन्होंने अधिकारियों पर एक्शन लेने की बात कह दी। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी कर्मचारी नहीं आ रहे हैं उनपर कार्रवाई की जाएगी। आज ही एसडीएम को बोला है कि नोटिस काटिए, नोटिस की प्रति भी हमें दी जाए। अधिकारी-कर्मचारी क्यों नहीं सुनेंगे, अगर नौकरी करना है तो सुनना पड़ेगा।

4. सिंधिया बोले- कलेक्टर-एसपी दोनों मंच पर ही खड़े रहो

केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य विकसित भारत संकल्प यात्रा में शामिल होने गुना पहुंचे थे। वह कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे तभी एक ऐसा वाकया हुआ कि सिंधिया गुस्सा हो गए और मंच पर ही अधिकारियों को फटकार लगा दी। सिंधिया जैसे ही मंच पर बोलने के लिए उठे उन्हें एसपी और कलेक्टर मंच पर दिखाई नहीं दिए। सिंधिया इस बात से नाराज हो गए। कहा जा रहा है कि सिंधिया को पहले भी शिकायत मिली थी कि विकसित भारत संकल्प यात्रा में कई प्रशासनिक अधिकारी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। गुना में ज्योतिरादित्य संबोधन के दौरान कलेक्टर और एसपी मंच के नीचे जाकर खड़े हो गए। सिंधिया ने अपना भाषण रोका और कलेक्टर से कहा कि इधर मंच पर रहो नीचे नहीं जाने का है। एसपी कहां है बुलाओ एसपी को। मंच पर खड़े रहे दोनों। इसके बाद कलेक्टर अमनवीर सिंह बैस और एसपी संजीव कुमार सिन्हा मंच पर आकर खड़े हो गए।

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