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BHOPAL. मध्यप्रदेश में मंत्रीमंडल को लेकर पेंच फंस गया है। मंत्रियों के नामों को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। सोमवार को मुख्यमंत्री सहित प्रदेश इकाई ने दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के साथ मंत्रीमंडल को लेकर मंथन तो किया, लेकिन इसमें से कुछ निकलना तो दूर यह और भी ज्यादा 'मथ' गया यानी मामला और उलझ गया। अब शायद मंगलवार को भी मंत्रीमंडल की शपथ का कार्यक्रम टालना पड़ जाए।
विधायकों का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है इंतजार
मंत्री बनने की बाट जोह रहे विधायकों का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। ऐसी उम्मीद थी कि सोमवार या मंगलवार को मंत्रीमंडल शपथ लेगा। यही वजह है कि राज्यपाल मंगूभाई पटेल के कार्यक्रम मे संशोधन हुआ। वह एक दिन पहले यानी सोमवार को अपने गृहराज्य गुजरात से भोपाल आ गए, लेकिन दिल्ली में मंत्रियों के नामों पर सहमति नहीं बन सकी।
आज चौहान के साथ होगी बात
मंत्रीमंडल के गठन को लेकर दिल्ली में चल रही कवायद में पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शामिल नहीं किया था। सोमवार को अचानक शिवराज को दिल्ली से बुलावा आया। अब मंगलवार को चौहान की नड्डा से मुलाकल होने की बात कही जा रही है। अंदरखाने की मानें तो शिवराज से चर्चा करने के बाद ही मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
शिवराज को छोड़, सब बैठे साथ
मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर रविवार शाम को दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर मंथन हुआ। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। करीब एक घंटे की बैठक में मंत्रिमंडल के चेहरों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में सीएम डॉ. मोहन यादव, दोनों डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल, बीजेपी विधायक नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय और प्रहलाद पटेल मौजूद रहे। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा भी शामिल हुए। इसमें करीब डेढ़ दशक तक मप्र के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान शामिल नहीं थे।
पहली बार में 18 से 20 मंत्री ले सकते हैं शपथ
बीजेपी सूत्रों के अनुसार मोहन सरकार के मंत्रिमंडल में नए चेहरों के साथ कुछ पुराने चेहरों को भी जगह देने पर सहमति बनी है। सांसद से विधायक बने प्रहलाद पटेल, रीति पाठक, राकेश सिंह और राव उदय प्रताप सिंह के साथ ही कैलाश विजयवर्गीय को भी मंत्री बनाया जा सकता है। पहली बार में 18 से 20 मंत्री शपथ ले सकते हैं।
चुनाव में 12 मंत्री हारे
यहां बात दें विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 33 में से 31 मंत्रियों को टिकट दिया था। इसमें से 12 मंत्री चुनाव हार गए, जबकि 19 चुनाव जीतकर फिर विधायक बने हैं। हारे हुए मंत्रियों की दावेदारी स्वत: ही खत्म हो गई है।
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