मनीष गोधा, JAIPUR. किसी समय बाग विहीन हो चुके राजस्थान के सरिस्का नेशनल टाइगर रिजर्व को आबाद करने वाली देश की संभवत है सबसे बुजुर्ग बाघिन राजमाता दो दिन पहले स्वर्ग सिधार गई। बुधवार को राजमाता का अंतिम संस्कार किया गया तो उसे मौके पर उसे श्रद्धांजलि देने सरकार के वन मंत्री संजय शर्मा भी पहुंचे और श्रृद्धा सुमन अर्पित कर नम आंखों से विदाई दी।
देश की सबसे उम्रदराज बाघिन थी एसटी-2
सरिस्का बाघ परियोजना के क्षेत्रीय निदेशक आरएन मीना ने बताया कि संभवतः देश की सबसे उम्रदराज बाघिन एसटी-2 की पूंछ में काफी समय से घाव था जिसका उपचार मेडिकल टीम द्वारा निरन्तर किया जा रहा था। उम्रदराज होने एवं उपचार के दौरान एसटी-2 की मंगलवार देर शाम को मृत्यु हो गई। राजमाता की उम्र साढ़े 19 वर्ष थी।
एसटी 2 को रणथंभौर से यहां लाया गया था
सरिस्का नेशनल टाइगर रिजर्व के एक एंक्लोजर में अपनी वृद्धावस्था काट रही बाघिन एसटी 2 राजमाता के नाम से जानी जाती थी। एक समय था जब लगातार शिकार के चलते सरिस्का अभ्यारण पूरी तरह से बाघ विहीन हो गया था यहां के वन क्षेत्र पर खतरे के बादल मंडराने लगे थे। ऐसे समय में वर्ष 2008 में एसटी 2 को रणथंभौर से यहां लाया गया। देश में यह अपनी तरह का पहला ट्रांसलोकेशन था यानी किसी दूसरे अभयारण्य से किसी बाघिन को पहली बार एक दूसरे अभ्यारण में भेजा गया था। इस ट्रांसलोकेशन का मकसद सरिस्का अभ्यारण्य को फिर से आबाद करना था और एसटी 2 यानी राजमाता ने अपना यह काम बखूबी किया। उसने करीब साढे तीन वर्ष पश्चात से सरिस्का अभयारण्य को बाघों से आबाद करना शुरू किया था। वर्तमान में यहां 30 बाघ हैं जिनमें से लगभग 25 बाघ एसटी-2 की संतान है।
सरिस्का को आबाद करने के लिए राजमाता को हमेशा याद रखेंगे
बाघिन के अंतिम संस्कार में पहुंचे मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि वन विभाग द्वारा एसटी-2 को सभी मूलभूत सुविधाएं प्रदान कर उसकी निरन्तर मॉनिटरिंग की जा रही थी तथा भावपूर्वक सेवा में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रखी गई थी। उन्होंने कहा कि बाघिन एसटी-2 (राजमाता) को सरिस्का को आबाद करने के लिए हमेशा जाना जाएगा।