BHOPAL. पिछले कई दिनों से सुर्खियों में बने सांची विश्वविद्यालय में अब जल्दी-जल्दी में साक्षात्कार की प्रक्रिया निपटाई जा रही है। एक तरफ 12 जून को उच्च न्यायालय में भर्ती प्रक्रिया पर जवाब पेश होना है। वहीं दूसरी तरफ इसके पहले ही नियुक्ति करने की तैयारी प्रबंधन ने कर ली है।
इंटरव्यू लेटर पर डिस्पैच नंबर न ही अधिकारी के हस्ताक्षर
सांची यूनिवर्सिटी के एक्ट 2012 को ताक पर रखकर 6, 7 और 8 जून को सांची में ही प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के इंटरव्यू के लिए जो लेटर जारी किए हैं। ये लेटर कैंडिडेट्स को भी असमंजस और संदेह में डालने के लिए पर्याप्त हैं क्ंयोकि न ही इंटरव्यू लेटर पर यूनिवर्सिटी के आवक-जावक रजिस्टर से कोई डिस्पैच नंबर डाला गया हैं और न ही यूनिवर्सिटी के किसी अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर हैं I एक साधारण से कौरे कागज पर इंटरव्यू की जानकारी लिख कर भेज दी गई है। ये पत्र विश्वविद्यालय की किस शाखा ने जारी किए है, ये पत्र वैध तौर पर जारी भी है या नहीं, ये सब सवाल इंटरव्यू लेटर पाने वालों में मन में उभर रहे हैं।
स्थापना के प्रभारी पद की भर्ती पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं
इतना ही नहीं विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गयी योग्य-अयोग्य उम्मीदवारों की सूची में कई जो कैंडिडेट्स अयोग्य घोषित कर दिये गए थे, उनमें से कईयों को कुलपति और कुलसचिव ने क्लीन चीट देते हुए सीधे इंटरव्यू बोर्ड के समक्ष रहने के लिए मौखिक तक निमंत्रण दे दिया हैं I असिस्टेंट प्रोफेसर के भर्ती विज्ञापन क्रमांक 1085 13/04/2023 के एशियन डिजाइन के पद पर सभी UGC की निर्धारित योग्यताओं को पीछे छोड़ते हुए अमरजीत कुमार और पालि के पद के लिए शुभम वर्मा को बिना यूजीसी नेट और पीएचडी की अहर्ता न होते हुए भी योग्य घोषित किया हुआ हैं। कुलपति और कुलसचिव की मेहरबानी से मार्च 2023 में सांची यूनिवर्सिटी के ग्राफिक डिजाइनर के पद पर कार्यरत अमरजीत कुमार को यूनिवर्सिटी में स्थापना के प्रभारी पद की भर्ती पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं।
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उम्मीदवारों ने इसे फिक्स्ड भर्ती प्रक्रिया बताकर जांच समिति बनाने की मांग की
सांची यूनिवर्सिटी की पूरी भर्ती प्रक्रिया इसी स्थापना विभाग से सम्बद्ध होती हैं I सारे स्थापना और भर्ती के बाबू इन्हीं अधिकारी के मार्गदर्शन में काम करते हैं। पात्र होने के बावजूद नियुक्ति प्रक्रिया से वंचित कई उम्मीदवारों ने इसे फिक्स्ड भर्ती प्रक्रिया बताते हुए तत्काल रोककर एक जांच समिति का गठन करने की मांग की है। साथ ही इस मामले में घोटाले की निष्पक्ष जांच करवाने और विवादित और विसंगित पूर्ण विज्ञापन क्रमांक 1083, 1084, 1085 को रद्द करने की मांग की है।