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अरुण तिवारी, BHOPAL. मध्यप्रदेश सरकार कर्ज के बोझ तले दबती जा रही है। प्रदेश के खस्ताहाल खजाने का असर पर सरकारी योजनाओं पर पड़ने लगा है। वित्त विभाग ने तीन दर्जन से ज्यादा योजनाओं पर रोक लगा दी है। सरकार ने साफ कह दिया है कि कोई भी विभाग बिना उनकी अनुमति के किसी भी योजना पर पैसे खर्च नहीं करेगा। इस रोका का सीधा असर मेट्रो ट्रेन और तीर्थ दर्शन जैसी कई योजनाओं पर पड़ रहा है। सरकार अगले महीने बजट सत्र में लेखानुदान लाकर खर्च का प्रबंध करेगी। तब तक इन योजनाओं पर ब्रेक लगा रहेगा। मध्यप्रदेश सरकार पर साढ़े तीन लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज है।
इन योजनाओं का आम आदमी पर पड़ेगा असर
वित्त विभाग ने प्रदेश की कई अहम योजनाओं पर रोक लगा दी है। वित्त विभाग ने साफ कह दिया है कि बिना उसकी अनुमति के विभाग किसी भी तरह का खर्च नहीं कर सकेंगे। इन योजनाओं का सीधा असर आम आदमी पर पड़ेगा। आइए आपको दिखाते हैं कि किन योजनाओं पर नए आदेश का सीधा असर पड़ेगा।
इन योजनाओं पर लगा ब्रेक...
- थानों का सुदृढ़ीकरण
- ग्रामीण परिवहन नीति का क्रियान्वयन
- खेलो इंडिया एमपी
- मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना
- विभागीय संपत्तियों का संधारण
- निशुल्क पाठ्य सामग्री का प्रदाय
- प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लैपटाप प्रदाय
- एनसीसी का विकास एवं सुदृढीकरण
- टंट्या भील मंदिर का जीणोद्धार
- उच्च शिक्षा विभाग की योजना
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के नए आईटी पार्क की स्थापना
- विमानन विभाग की भू-अर्जन के लिए मुआवजा
- ग्रामीण विकास विभाग की पीएम सड़क योजना में निर्मित सड़कों का नवीनीकरण
- महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए भवन निर्माण समेत अन्य योजनाएं
धर्म से जुड़ी योजनाओं पर भी फिलहाल भी रोक
इन योजनाओं के अलावा कुछ योजनाएं ऐसी भी हैं जो सीधे धर्म से जुड़ी हैं। फिलहाल इन पर भी रोक लगा दी गई है। इनमें धर्मस्व विभाग की तीर्थ दर्शन योजना शामिल है। इसके अलावा नगरीय प्रशासन विभाग की महाकाल लोक और मेट्रो ट्रेन पर ब्रेक लगा है। इसके अलावा अपंजीकृत निर्माण मजदूरों को अंत्येष्टि और अनुग्रह राशि देने की योजना भी बंद कर दी गई है। मध्य प्रदेश के अपंजीकृत निर्माण मजदूरों को अंत्येष्टि और अनुग्रह राशि नहीं दी जाएगी। नई राज्य सरकार ने नौ साल पहले शिवराज सरकार के समय बनाई योजना, जिसमें अपंजीकृत निर्माण श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए उनकी दुर्घटना में मृत्यु पर तीन हजार रुपए अंत्येष्टि सहायता और एक लाख रुपए अनुग्रह राशि देने का प्रावधान था, इसे भी बंद कर दिया है।
मध्य प्रदेश सरकार के वित्त विभाग ने 38 विभागों की योजनाओं पर रोक लगाते हुए, निर्देशित किया है कि सभी विभाग राजस्व संग्रहण के काम को प्राथमिकता पर रखें।