चीता प्रोजेक्ट को तगड़ा झटका! कूनो में आठवें चीते सूरज ने दम तोड़ा, 4 दिनों में दूसरी मौत, 24 में अब 16 जीवित!

author-image
Ruchi Verma
एडिट
New Update
चीता प्रोजेक्ट को तगड़ा झटका! 
कूनो में आठवें चीते सूरज ने दम तोड़ा, 4 दिनों में दूसरी मौत, 24 में अब 16 जीवित!

BHOPAL: भारत के महत्वाकांक्षी चीता प्रोजेक्ट को शुक्रवार को उस वक़्त एक बार फिर बड़ा झटका लगा, जब मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में एक और  दक्षिण अफ़्रीकी वयस्क नर चीता सूरज मृत पाया गया। 17 सितंबर, 2022 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की मौजूदगी में शुरू की गई चीता परियोजना में अब आठ चीतों की मौत हो चुकी है।



पेट्रोलिंग टीम को शुक्रवार सुबह गश्ती के वक़्त चीता सूरज मृत मिला



कूनो नेशनल पार्क की पेट्रोलिंग टीम को शुक्रवार सुबह गश्ती के वक़्त चीता सूरज मृत मिला। अधिकारीयों का कहना है कि सूरज की मौत का सटीक कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही बता पाएंगे। 4 दिनों के अंदर दो चीतों की मौत से चीता प्रोजेक्ट के अधिकारी सकते में हैं। बता दें कि सूरज चीते की मौत के तीन दिन पहले 11 जुलाई 2023 (मंगलवार) ही तेजस चीते की मौत हुई थी।



सातवे चीते तेजस की मौत की वजह: ट्रॉमैटिक शॉक, क्षतिग्रस्त आंतरिक अंग और कम वजन



साढ़े पांच साल के तेजस चीते की पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट के अनुसार उसकी मौत 'ट्रॉमैटिक शॉक' के कारण हुई। तेजस का वजन भी समान उम्र के चीतों के लिए 55-60 किलोग्राम की औसत वजन सीमा से काफी कम -केवल 43 किलोग्राम था- था। इसके अलावा, तेजस के आंतरिक अंग गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त स्थिति में पाए गए। अधिकारियों का कहना है कि तेजस का वजन एक औसत नर चीते की तुलना में काफी कम था। उसकी गर्दन के पीछे सतही बाहरी घाव भी देखे गए थे। हालाँकि, घाव त्वचा तक ही सीमित थे और वो गहरे नहीं थे।



अब तक 5 व्यस्क चीते और 3 शावकों की मौत



दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए कुल 20 चीतों में से अब तक यह पांचवीं मौत है। इसके अलावा यहां पैदा हुए चार शावक में से तीन शावक भी दम तोड़ चुके हैं। 11 चीते इस समय खुले जंगल में हैं।



कूनो में चीतों की मौत की टाइमलाइन




  • 27 मार्च को किडनी में संक्रमण के चलते 4 साल की मादा चीता साशा की मौत हुई।


  • 23 अप्रैल को उदय चीता की हार्टअटैक से मौत हो गई थी। उसे बाड़े में लड़खड़ा कर अचानक बेहोश होते देखा गया था।

  • 9 मई को बाड़े में दो नर चीतों अग्नि और वायु के साथ मेटिंग के दौरान संघर्ष में दक्षा चीता की मौत हो गई।

  • 23 मई को एक चीता शावक की मौत हुई। इसे सियाया (ज्वाला) चीता ने जन्मा था।

  • 25 मई को ज्वाला के दो अन्य शावकों की मौत हुई।

  • 11 जुलाई को चीता तेजस की मौत हो गई। 

  • 14 जुलाई को चीता सूरज की मौत हो गई।



  • बता दें कि देश में चीतों की आबादी को फिर से बसाने के एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के तहत 8 चीतों को नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को इन्हे विशेष बाड़ों में छोड़ा था। इनमें 5 मादा और 3 नर चीते शामिल थे। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते, 7 नर और 5 मादा कूनो पार्क लाए गए थे। इसके बाद चीता ज्वाला ने इसी साल मार्च में कूनो में चार शावकों को जन्म दिया था। पर कूनो नेशनल पार्क में प्रोजेक्ट की शुरुआत के 10 महीनों के भीतर 8 चीतों की मौत से चीता प्रोजेक्ट पर बार-बार सवाल खड़े हो रहें हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारतीय जंगलों में चीतों को फिर से लाने के इस महत्वाकांक्षी  प्रोजेक्ट को जांच और तत्काल पुनर्मूल्यांकन की जरुरत है।


    Cheetah deaths in Kuno PMO India Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chauhan Kuno National Park Forest Department of MP Cheetah Project NTCA INDIA 8 CHEETAHS DEAD