मनीष गोधा, JAIPUR. अपने बयान और क्रियाकलापों से चर्चा में रहने वाले जयपुर के हवा महल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य अब छात्राओं के हिजाब विवाद में फंस गए हैं। एक सरकारी स्कूल के कार्यक्रम में उन्होंने छात्राओं के हिजाब पर आपत्ति की थी। इसके विरोध में आज छात्राएं सड़क पर उतर आईं और थाने का घेराव कर दिया। उनकी मांग थी कि स्कूलों में हिंदू मुस्लिम नहीं चलना चाहिए इसलिए बाबा बालमुकुंद आचार्य माफी मांगे।
सुभाष चौक थाने का घेराव कर दिया
बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य 2 दिन पहले जयपुर के सुभाष चौक स्थित गंगापोल स्कूल में एक कार्यक्रम में गए थे। इस कार्यक्रम का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दिखाया गया है कि उन्होंने हिजाब पहने हुए छात्रों को देखा तो इस पर आपत्ति की। इसके साथ ही उन्होंने स्कूल में जय श्री राम और सरस्वती माता की जय और भारत माता की जय के नारे भी लगवाए। इसी के विरोध में आज स्कूल की छात्राओं ने जयपुर के सुभाष चौक पर स्थित सुभाष चौक थाने का घेराव कर दिया।
मुस्लिम छात्राओं ने आचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग
एसीपी सुभाष चौक हेमंत जाखड़ ने बताया- गंगापोल गर्ल्स स्कूल की छात्राएं आज सुबह करीब 9 बजे सुभाष चौक थाने पर पहुंची। देखते ही देखते छात्राओं की संख्या बढ़ गई। पुलिस ने जब छात्राओं से कारण पूछा तो छात्रों ने बताया कि विधायक बालमुकुंद आचार्य स्कूल में एक कार्यक्रम के दौरान पहुंचे थे। उन्होंने स्कूल में हमारे हिजाब को लेकर बातें की। यह हमे मंजूर नहीं है। शिक्षा के मंदिर में हिंदू मुसलमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम लोग बालमुकुंद आचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। छात्राओं के साथ-साथ उनके परिजन भी बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे। कार्रवाई की मांग करने लगे।
विधानसभा में भी उठा मुद्दा
कांग्रेस विधायक रफीक खान ने गंगापोल स्कूल में बीजेपी विधायक के हिजाब पर पाबंदी होने और बच्चों को हिजाब पहनकर नहीं आने की बात का जिक्र करते हुए सवाल उठाए। रफीक खान के स्थगन प्रस्ताव से अलावा मुद्दा उठाने पर बीजेपी विधायकों ने कड़ी आपत्ति की। इस पर स्पीकर वासुदेव देवनानी ने स्थगन प्रस्ताव के विषय के अलावा बोली गई बातों को सदन की कार्यवाही से निकालने का आदेश दिया।
सरकारी स्कूलों की ड्रेस कोड की पालन होना चाहिए
इस मामले में विधायक बाल मुकुंदाचार्य का कहना है कि वे स्कूल में गए थे और सरकारी स्कूलों का एक निश्चित ड्रेस कोड है। जब वहां मैंने कई छात्राओं को हिजाब और बुर्के में देखा तो प्रिंसिपल से पूछा कि स्कूल में दो तरह के ड्रेस कोड है क्या। उन्होंने कहा कि स्कूलों का एक निश्चित ड्रेस कोड है और उसका पालन होना चाहिए। अन्यथा कल को हिंदू समाज की लड़कियां भी लहंगा चुन्नी और दूसरी ड्रेस पहन कर जाने लगेगी। स्कूल में नारे लगवाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरे इष्टभगवान राम और बालाजी भगवान हैं और मेरे संबोधन की शुरुआत ही मैं जय सियाराम से करता हूं। जिन लोगों को राजनीति करनी है वह इस तरह की बातें फैला रहे हैं। विद्यालय सरस्वती का मंदिर है। ऐसे में वहां की सरस्वती माता की जय और भारत माता की जय बुलवाने पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।