इंदौर ईडी ने कहा मद्दा ने एक हजार करोड़ का घोटाला किया, इसमें कई बिल्डर और डेवलपर्स के साथ मिलीभगत का खेल

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Jitendra Shrivastava
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इंदौर ईडी ने कहा मद्दा ने एक हजार करोड़ का घोटाला किया, इसमें कई बिल्डर और डेवलपर्स के साथ मिलीभगत का खेल

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर ईडी ने खुलासा किया है कि भूमाफिया दीपक जैन (मद्दा) उर्फ दिलीप सिसौदिया द्वारा किया गया घोटाला एक हजार करोड़ से ज्यादा का है। यह उन जमीनों की संभावित आज का बाजार कीमत है, जिसमें मद्दा की भूमिका रही है। मद्दा ने यह अकेले खुद नहीं किया है, इसमें कई बिल्डर्स और डेवलपर्स साथ रहे हैं और सभी ने मिलीभगत कर सोसायटी की प्राइम लोकेशन पर स्थित जमीनों पर यह पूरा खेल किया है।



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शहर के कई बड़े बिल्डर्स के साथ मद्दा के ट्रांजेक्शन हुए हैं



ईडी के इस बयान के बाद साफ हो गया है कि मद्दा के साथ इस पूरे खेल में शामिल कई बिल्डर्स और डेवलपर्स ईडी की राडार पर है, इसमें शहर के कई बड़े बिल्डर्स है जिनके साथ मद्दा के ट्रांजेक्शन हुए हैं। इसमें कई चौंकाने वाले नाम भी सामने आ रहे हैं, इन सभी के खाते की डिटेल ईडी निकाल रहा है। ईडी ने छापे में 91.20 लाख रुपए जब्त भी किए हैं और 250 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज भी पकड़े थे। 



सीलिंग की जमीन की छूट का फायदा उठायाः ईडी



ईडी ने कहा कि इंदौर में मद्दा पर दर्ज हुई विविध एफआईआर को ईडी ने मनी लॉण्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत जांच में लिया है और केस दर्ज किया है। उसने विविध सहकारी समितियों की जमीन को अवैध रूप से खरीदा और बेचा है और दूसरों को हस्तांतरित की है। मद्दा के साथ कई बिल्डर्स, डेवलपर्स मिले हुए रहे हैं और इनकी मिलीभगत से यह हुआ है। विविध लोगों ने कम कीमत में इन जमीनों की खरीदी-बिक्री की। यह जमीन शहरी भूमि सीलींग एक्ट की धारा 20 के तहत छूट प्राप्त थी, ताकि लोगों को आवास मिल सके। मद्दा ने इन सोसायटी में या खुद सीधे प्रवेश किया या फिर अपने लोगों को चुनावों में हेरफेर कर बैठाया और फैसलों को प्रभावित किया। 



शहर के यह सभी नामचीन लोग निशाने पर आए



मद्दा के ट्रांजेक्शन शहर में कई लोगों से रहे हैं खासकर साल 2005 से लेकर 2008-09 के दौरान उसने सबसे ज्यादा खेल किए हैं। इसमें मजदूर पंचायत की पुष्पविहार की जमीन के साथ ही देवी अहिल्या संस्था की अयोध्यापुरी की जमीन, न्यानगर में जमीन का खेल, त्रिशला में, श्री राम संस्था और कल्पतरू में जमीनों की बंदरबांट की है। कई जगह सौदों में सीधे वह है जैसे की अयोध्यापुरी में सिम्पलेक्स मेगा फाइनेंस कंपनी के जरिए, कल्पतरू में वह खुद संस्था का अध्यक्ष रहते हुए शहर के कई बड़ों को जमीन बेच चुका है। इसके साथ ही पुष्पविहार में अपने साले दीपेश वोरा, भाई कमलेश जैन के साथ ही मैनेजर नसीम हैदर के हथों पिंटू छाबड़ा, केशव नाचानी, ओमप्रकाश धनवानी सहित कई को जमीन बेची है। 



हनी-टनी, हैप्पी, सूदन, सभी मद्दा के साथ अलग-अलग FIR में शामिल



जमीन घोटालों को लेकर कई गई एफआईआर में मद्दा के साथ सुरेंद्र संघवी और उनके बेटे प्रतीक संघवी को तो मास्टरमाइंड बताया ही गया है। इसके साथ ही मद्दा पर दर्ज सात FIR में उसके साथ 20 से ज्यादा आरोपी है। इन आरोपियों में इसमें ओमप्रकाश धनवानी (टनी), दीपेश वोरा, कमलेश जैन, केशव नाचानी (हनी), नसीम हैदर, जितेंद्र उर्फ हैप्पी धवन, राजीव धवन, राम सेवक पाल, गुलाम हुसैन, रमेशचंद्र जैन, रणवीर सिंह सूदन, विमाल लोहाडिया, पुष्पेंद्र नीमा, दिलीप जैन, मुकेश खत्री, दिलावर पटेल, सोहराब पटेल, इस्लाम आलम, जाकिर पटेल शामिल है। 



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संघवी का क्या होगा?



मद्दा को ईडी गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन अब सभी की नजर है कि सुरेंद्र संघवी और उनके बेटे प्रतीक संघवी का क्या होगा। इन्हें भी ईडी ने पूछताछ के लिए दो दिन डिटेन किया था और ईडी ऑफिस में सुबह से देर रात तक पूछताछ की थी। लेकिन पूछताछ में सहयोग के चलते फिलहाल ईडी ने उन्की गिरफ्तारी नहीं ली है। संघवी ने खुद को पीड़ित बताया है और कहा कि उन्हें संस्था की जमीन दे दी गई और रुपए लेने के बाद जमीन भी नहीं दी है। लेकिन यह ट्रांजेक्शन भी अधूरा था और इसमें चार करोड़ का सौदा करने के बाद भी संघवी की कंपनी ने केवल 1.80 करोड़ ही संस्था को दिए थे। जानकारों के अनुसार मद्दा से पूछताछ के बाद इस मामले में ईडी मद्दा के पार्टनर के साथ ही संघवी के मामले में भी आगे बढ़ेगी। फिलहाल मद्दा को ईडी स्पेशल कोर्ट से सात दिन की रिमांड पर लिया गया है। 



मद्दा ने शुरू कर दिया है मुंह खोलना



उधर सूत्रों के अनुसार मद्दा अब टूटने लगा है और गिरफ्तारी के बाद अब वह ईडी से पूछताछ में जवाब देने लगा है। इसमें कई बड़े लोगों के साथ ट्रांजेक्शन करना और इसके बाद में लेन-देन करने की बात वह मान रहा है। ईडी भी पहले से ही सारे बैंक के खातों की जानकारी लेकर उससे पूछताछ कर रही है, जिससे वह इन मामलों में ईडी से झूठ नहीं बोल पा रहा है। सभी दस्तावेज सामने ही रखे हैं।


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