क्या यह डैमेज कंट्रोल की है कोशिश, बीजेपी नेताओं ने जारी किए पोस्टर, कैसे सबको दिया जा रहा है प्रतिनिधित्व

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Pooja Kumari
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क्या यह डैमेज कंट्रोल की है कोशिश, बीजेपी नेताओं ने जारी किए पोस्टर, कैसे सबको दिया जा रहा है प्रतिनिधित्व

JAIPUR. राजस्थान में बीजेपी के कुछ नेताओं की ओर से वायरल किया जा रहा पोस्टर चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पोस्टर में बताया गया है कि भारतीय जनता पार्टी ने किस तरह राजस्थान के सभी प्रमुख जाति वर्गों और क्षेत्रों के नेताओं को राजनीति के प्रमुख पदों पर अहम जिम्मेदारियां दी हैं। यह पोस्टर पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म से तो जारी नहीं हुआ है लेकिन पार्टी के कुछ नेता, सांसद, विधायक आदि इसे वायरल कर रहे हैं और बताया जा रहा है कि यह पार्टी के सोशल मीडिया प्रकोष्ठ ने ही तैयार किया है।

जाट समुदाय में नाराजगी के स्वर

दरअसल राजस्थान में सत्ता परिवर्तन की प्रक्रिया में जिन समुदायों के चेहरों को मौका दिया गया है उन्हें लेकर विरोध के स्वर भी सुनाई देने लगे हैं। यह विरोध पार्टी के स्तर पर तो नहीं है लेकिन राजस्थान की राजनीति में जाति एक महत्वपूर्ण पहलू है और जिन प्रमुख जाति वर्गों को प्रमुख पदों पर प्रतिनिधित्व नहीं मिला है अब उनका विरोध सामने आ रहा है। मसलन विधायक दल की बैठक के तुरंत बाद पार्टी मुख्यालय के सामने ही मीणा समुदाय के लोगों ने पार्टी के निर्णय का कड़ा विरोध किया। उनमें इस बात का गुस्सा था कि पूरे 5 साल तक किरोड़ी लाल मीणा सड़कों पर संघर्ष करते रहे लेकिन पार्टी ने उन्हें एक भी अहम पद नहीं दिया, जबकि उनकी वरिष्ठता को देखते हुए उम्मीद थी कि उन्हें मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री तो बनाया ही जाएगा। इसी तरह एक और बड़े जाति वर्ग जाट समुदाय को भी पार्टी की ओर से घोषित चारों प्रमुख पदों में से किसी पर स्थान नहीं मिला। इसे लेकर जाट समुदाय में भी नाराजगी के स्वर सुनाई दे रहे हैं।

बीजेपी नेताओं के वायरल हो रहे हैं पोस्टर

इन विरोध के स्वरों के बीच ही सोशल मीडिया पर एक पोस्टर वायरल किया जा रहा है। यह पोस्टर पार्टी के कुछ नेताओं, सांसदों, विधायकों आदि की ओर से वायरल किया जा रहा है और इसे वायरल करने की जिम्मेदारी भी उन समुदाय के नेताओं को दी गई है जिनकी नाराजगी सामने आ रहीं है। मसलन चूरू के सांसद राहुल कस्बा जो जाट समुदाय से आते हैं उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह पोस्टर दिख रहा है। हालांकि इस पोस्टर में मीणा समुदाय कि किसी नेता का नाम नहीं है। पार्टी की ओर से इसे डैमेज कंट्रोल की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है हालांकि अभी मंत्रिमंडल गठित होना बाकी है और यह माना जा रहा है कि सभी तरह के जातिगत समीकरणों को साधते हुए मंत्रिमंडल बनाया जाएगा ताकि लोकसभा चुनाव से पहले किसी तरह का कोई असंतोष नजर ना आए।

ये बताया है पोस्टर में

पोस्टर में पार्टी की ओर से पिछले कुछ समय में प्रमुख पदों पर राजस्थान से नियुक्त किए गए नेताओं के नाम और फोटो दिए गए हैं और यह भी बताया गया है कि वह किस क्षेत्र और किस जाति समुदाय से आते हैं। इनमें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला तथा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से लेकर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से लेकर कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी तक के नाम शामिल है। इस पोस्टर के जरिए पार्टी ने यह बताने की कोशिश की है कि कैसे पार्टी ने हर प्रमुख जाति वर्ग और भौगोलिक क्षेत्र जैसे मारवाड़, मेवाड़, ढूंढाड़, हाड़ौती आदि से नेताओं को प्रमुख पदों पर मौका दिया है।

मंत्रिमंडल गठन है चुनौती

दरअसल राजस्थान में नई सरकार के लिए मंत्रिमंडल गठन एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रहा है। राजस्थान में चार-पांच प्रमुख जातियां जैसे जाट, राजपूत, मीणा, गुर्जर, ब्राह्मण, दलित और वैश्य समुदाय अपना प्रतिनिधित्व मंत्रिमंडल में चाहते हैं और पार्टी के सामने चुनौती यही है कि उसे न सिर्फ इन सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व देना है बल्कि भौगोलिक दृष्टि से भी राजस्थान के सभी क्षेत्र से नेताओं को प्रतिनिधित्व मिले यह भी देखना है। भौगोलिक प्रतिनिधित्व की थोड़ी गड़बड़ शुरुआत में ही हो गई है क्योंकि मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री जयपुर जिले से ही हो गए हैं। ऐसे में अब अन्य सभी क्षेत्रों को साधना पार्टी के लिए बेहद जरूरी हो गया है।

बीजेपी विधायक दल में प्रमुख समुदयों का प्रतिनिधित्व

  • राजपूत - 17
  • ब्राह्मण - 12
  • जाट - 12
  • दलित - 23
  • आदिवासी - 16
  • वैश्य - 8
  • गुर्जर- 5








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