पत्थरों पर भोपाल की कुंजन सक्सेना ने उतार दी रामकथा, 76 बलुआ पत्थरों पर बनाया मिनिएचर आर्ट

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Pratibha Rana
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पत्थरों पर भोपाल की कुंजन सक्सेना ने उतार दी रामकथा, 76 बलुआ पत्थरों पर बनाया मिनिएचर आर्ट

संजय शर्मा, BHOPAL. हरिद्वार से बहने वाली गंगा के 76 बलुआ पत्थर कुछ महीने तक आम थे, लेकिन अब ये बेहद खास हो चुके हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इन पत्थरों ने सम्पूर्ण रामायण को अपने में समाहित कर लिया है। रामायण के इस मिनिएचर आर्ट को पिछले दिनों ही इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की धीम के बीच हम बात कर रहे हैं, भोपाल में एयरपोर्ट रोड स्थित ऋषि विलास कॉलोनी में रहने वाली 70 वर्षीय महिला कुंजन सक्सेना की, जिन्होंने इन पत्थरों पर मिनिएचर के रूप में श्री राम के सम्पूर्ण जीवन को इन पत्थरों पर सजाया है।



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राम पर आस्था रखती हैं 70 वर्षीय कुंजन सक्सेना

छोटे पत्थरों पर सम्पूर्ण रामकथा का सृजन काफी कठिन काम था, लेकिन उम्र के तकाजे को दूर कर कुंजन सक्सेना ने इसे रच डाला। बकौल कुंजन, जब हौसला बुलंद और प्रभु राम की प्रबल भक्ति हो तो कोई काम कठिन नहीं रह जाता। उन्होंने बताया कि हरिद्वार में गंगा किनारे बिखरे पत्थर सुन्दर लगे तो वे उन्हें घर लेकर आ गई थीं। तब यह पता नहीं था की ये रामकथा में बदल जाएंगे। वहां से लौटने के कुछ समय बाद अचानक मन में ख्याल आया और फिर अलग- अलग किताबें, चित्र संग्रह, रामायण, रामचरित मानस को पढ़कर- देखकर रामकथा को सम्पूर्ण रामायण के रूप में मिनिएचर आर्ट में ढाल दिया। हर पत्थर अपने में राजा दशरथ के पुत्र कामेष्ठि यज्ञ, वन गमन, सीता हरण, शबरी का सत्कार, सुग्रीव मिलन, मेघनाद, कुम्भकर्ण, रावण युद्ध, पुष्पक विमान से अयोध्या वापसी, सीता की अग्नि परीक्षा और भगवान की सरयू में जल समाधि की गाथा रच डाली। यानी इन मिनिएचर्स में रामचरित मानस के बालकाण्ड से अरण्य काण्ड, किष्किंधा, सुंदरकांड, लंका काण्ड सहित सभी प्रसंग हैं। कुंजन एक स्कूल में फाइन आर्ट टीचर हैं और उनके पति रिटायर्ड डॉक्टर हैं।

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कुंजन बना चुकी हैं कई पेंटिंग

एक्रेलिक कलर से पेंटिंग की अलग- अलग शैलिओं में समग्र राम कथा रचने वाली कुंजन अब तक श्रीकृष्ण लीला, 9 देविओं के मिनिएचर के अलावा कई पेंटिंग भी बना चुकी हैं। कुंजन उन महिलाओं में से हैं, जो बुढ़ापे से हार मानने वाली नहीं हैं। वे बच्चों को भी फाइन आर्ट सीखा रही हैं। उनकी इच्छा है की उनके द्वारा बनाई गई मिनिएचर रामायण अयोध्या में और श्री कृष्ण लीला मथुरा में लगे। उन्होंने बताया कि जब इंडिया बुक और रिकॉर्ड के लिए चयन होने की खबर मिली थी तो बहुत खुशी हुई थी। अब वे और धार्मिक ग्रन्थ, कथाओं को मिनिएचर का रूप देकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम शामिल कराना चाहती हैं। वहीं उनकी इच्छा है की उनकी मिनिएचर रामायण अयोध्या में और श्री कृष्ण लीला मथुरा में लगे।

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