इंदौर लोकायुक्त की भ्रष्ट सरकारी सेवकों के खिलाफ लगातार छापामार कार्रवाई जारी है। अब अलीराजपुर में एक अतिथि शिक्षक से नौकरी से हटाने की धमकी देकर हर साल 10 हजार की रिश्वत फिक्स करने का मामला सामने आया है। इसमें लोकायुक्त ने रंगे हाथों जन शिक्षक को पांच हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। पुलिस महानिदेशक लोकायुक्त जयदीप प्रसाद के भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किए जाने संबंधी आदेश के तहत दल बनाकर छापा मारा गया।
यह है आवेदक और आरोपी
लोकायुक्त में शिकायत खीमा अजनार ने दर्ज कराई थी। ये एक अतिथि शिक्षक के रूप में प्राथमिक शाला तडवी फलिया, ग्राम बावड़ी फलिया में पदस्थ हैं। इस शिकायत में आरोपी मनीष भावसार, जो कि एक माध्यमिक शिक्षक के रूप में जन शिक्षा केंद्र, उदयगढ़, जिला अलीराजपुर में कार्यरत हैं, उन्हें पकड़ लिया गया है।
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क्या है मामला?
आवेदक खीमा अजनार एक अतिथि शिक्षक के रूप में प्राथमिक शाला तडवी फलिया, ग्राम बावड़ी अलीराजपुर में पदस्थ हैं। आरोपी मनीष भावसार द्वारा 26 नवंबर को आवेदक के स्कूल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कम बच्चे होना बताकर नौकरी से निकालने का को बोला गया। साथ ही कहा कि नौकरी पर रहना हो तो मुझे हर साल 10 हजार रुपए देने होंगे। यदि यह नहीं दोगे तो मैं नौकरी से हटवा दूंगा। नौकरी से हटाने की धमकी देकर मनीष भावसार के द्वारा आवेदक से लगातार रिश्वत की मांग की जा रही थी।
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इसकी शिकायत हुई एसपी को
जिसकी शिकायत आवेदक द्वारा राजेश सहाय, पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त इंदौर से की गई। शिकायत सही पाई जाने से 13 दिसंबर को ट्रैप दल बनाकर जन शिक्षा केंद्र उदयपुर में जन शिक्षक मनीष भावसार को 5 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।
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