जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक जैन की एकलपीठ ने 12वीं के Maths (गणित) के पेपर में कम नंबर दिए जाने के मामले में एमपी बोर्ड की गलती को मानते हुए स्टूडेंट को राहत देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने एमपी बोर्ड पर 25 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई है और स्टूडेंट को नई मार्कशीट जारी करने के आदेश दिए हैं।
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क्या था मामला?
छतरपुर जिले के हनुमान बाग निवासी साकेत तिवारी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया कि उसने 2023 में क्लास 12वीं की परीक्षा दी थी। लेकिन मैथ्स सब्जेक्ट में गलत मूल्यांकन (Evaluation) के कारण उसके 12 सवालों के सही उत्तरों के नंबर नहीं दिए गए। पुनर्मूल्यांकन (Revaluation) के लिए आवेदन करने के बावजूद कोई कार्रवाई न होने पर उसने जबलपुर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
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हाईकोर्ट ने किया मॉडल आंसर शीट से मूल्यांकन
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने स्टूडेंट की आंसर शीट मंगवाकर मॉडल आंसर शीट से मिलान किया। जांच में पाया गया कि 12 सवालों के उत्तर (Answer) सही होने के बावजूद इन्हें गलत मार्क कर नंबर नहीं दिए गए थे।
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हर्जाने और नई मार्कशीट के आदेश
एकलपीठ ने एमपी बोर्ड पर 25 हजार रुपए का हर्जाना (damages) लगाया और स्टूडेंट को संशोधित मार्कशीट 6 सप्ताह के अंदर-अंदर जारी करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि यह राशि दोषी व्यक्ति से वसूलने के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) स्वतंत्र है।
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