भारत की स्वतंत्रता में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए चीफ जस्टिस के द्वारा एक आदेश जारी किया गया था। जिसके मुताबिक गुरुवार को सुबह 11:00 कोर्ट के सभी सदस्यों और कर्मचारियों को शहीदों की याद में उन्हे श्रद्धांजलि देने के लिए अपनी सीट पर खड़े होकर 2 मिनट का मौन धारण करना था।
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2 मिनट के लिए थम गया पूरा हाईकोर्ट
30 जनवरी को शहीदी दिवस (maytrys Day) पर देशभर में स्वतंत्रता संग्राम में बलिदान देने वाले शहीदों को याद कर उन्हे श्रद्धांजलि दी गई। 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की नाथूराम गोडसे द्वारा हत्या कर दी गई थी। तब से हर साल इस दिन देशभर में महात्मा गांधी सहित स्वतंत्रता संग्राम में अपने जीवन की आहुति देने वाले सभी शहीदों को याद किया जाता है और दो मिनट का मौन रखकर उनकी शिक्षाओं और बलिदान को नमन किया जाता है। इसी क्रम में, आज सुबह 11:00 बजे पूरे मध्य प्रदेश के हाईकोर्ट में दो मिनट का मौन रखा गया।
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पटना हाईकोर्ट में कार्यवाही रोककर दी गई श्रंद्धाजलि
शहीद दिवस के अवसर पर गुरुवार को पटना हाईकोर्ट में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दिन यहां भी शहीदों की स्मृति में 11 बजे दो मिनट का मौन रखा गया । कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश के आदेशानुसार, हाईकोर्ट के सभी जज, अधिकारी और कर्मचारीयों ने इस अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश सहित सभी न्यायमूर्ति को दिन के 10:55 बजे तक हाईकोर्ट के पश्चिमी लॉन में एकत्रित होने का निर्देश दिया गया था। इसके अलावा, हाईकोर्ट के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी पश्चिमी गेट के सामने खुले स्थान पर एकत्र हुए और उपस्थित लोग ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद दो मिनट का मौन रखेंगे। जानकारी के मुताबिक, अन्य हाइकोर्ट सहित सरकारी दफ्तरों में भी में भी इसी तरह शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई है ।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की मुख्य पीठ में चीफ जस्टिस सहित अन्य सभी कोर्ट के अलावा ग्वालियर और इंदौर हाईकोर्ट में भी जस्टिस सहित अधिवक्ता एवं कोर्ट में उपस्थित लोग ठीक 11:00 अपनी अपनी जगह पर खड़े हो गए और 2 मिनट का मौन धारण कर उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि दी, इसके बाद कोर्ट की कार्यवाही आगे शुरू की गई। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट नोटिस 👇
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राष्ट्र के वीरों को नमन करने दो बार मनाया जाता है शहीदी दिवस
भारत में हर वर्ष दो बार शहीद दिवस मनाया जाता है—30 जनवरी और 23 मार्च को। 30 जनवरी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर यह दिवस मनाया जाता है, जब 1948 में नाथूराम गोडसे ने नई दिल्ली के बिरला भवन में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी।
सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों पर चलते हुए गांधीजी ने देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई थी। उनकी याद में यह दिन पूरे देश में अहिंसा और राष्ट्रभक्ति के संदेश को मजबूत करने के लिए समर्पित किया जाता है। वहीं, 23 मार्च को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान को याद करते हुए शहीद दिवस मनाया जाता है।
1931 में इसी दिन ब्रिटिश हुकूमत ने इन तीनों क्रांतिकारियों को लाहौर जेल में फांसी दी थी। अपने साहस, बलिदान और देशभक्ति से उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी। उनका जज्बा आज भी युवाओं को प्रेरित करता है। शहीद दिवस का यह अवसर हमें देश के प्रति अपने कर्तव्यों और बलिदानों की महत्ता का अहसास कराता है।
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