इंदौर में 30 करोड़ की चांदी, 33 साल, अलंकार ज्वेलर्स और पाकिस्तान का कनेक्शन

फरवरी 1992 में सेंट्रल एक्साइज विभाग ने सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया में 41 ए 42 सी में देर रात छापा मारा था। यहां खड़े ट्रक, गाडियों में बने गोपनीय चेंबर में और यहां के गोदाम में कुल मिलाकर 3041.493 किलो चांदी मिली थी।

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Sanjay gupta
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Indore. सहायक आयुक्त केंद्रीय उत्पाद शुल्क व सीमा शुल्क ( सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम विभाग ) इंदौर के एक 33 साल पुराने केस में अब जाकर फैसला आया है। यह केस छोटा है 3041 किलो चांदी का, जिसकी 1992 में कीमत 8100 रुपए प्रति किलो के हिसाब से 2.46 करोड़ रुपए थी और जो अब करीब एक लाख रुपए के भाव से 30 करोड़ रुपए के करीब होती है। कोर्ट के इस फैसले, बयान में कई बातों और नामों का खुलासा हुआ है।

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यह है पूरा केस

फरवरी 1992 में सेंट्रल एक्साइज विभाग ने सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया में 41 ए 42 सी में देर रात छापा मारा था। यहां खड़े ट्रक, गाडियों में बने गोपनीय चेंबर में और यहां के गोदाम में कुल मिलाकर 3041.493 किलो चांदी मिली थी। यह चांदी तस्करी की थी और विदेश से आई थी। इस मामले में 1997 में केस कोर्ट में पेश हुआ और इसमें दर्जन भर आरोपी थे। बयानों के बाद अब इसमें जिला कोर्ट ने फैसला दिया है और आरोपियों को दो-दो साल की सजा और पांच-पांच हजार का अर्थदंड सुनाया है। जिस जगह पर चांदी मिली थी वह नितिन सोनी की थी जो रोशन इंजीनियरिंग वर्कर्स के नाम पर थी।

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इसमें इन आरोपियों को मिली सजा

इस केस में आरोपी ओमप्रकाश नीमा, नितिन सोनी, अमरीक सिंह, शशीपाल मिश्रा, अमन सोनी, मधुसूदन मिश्रा, सूरज (सूरज), दिनेश कतलाना और अमरलाल को सजा हुई है। केस में हरदयाल सिंह और सुरेशचंद्र फरार है। वहीं महेंद्र नीमा और रमेशचंद्र शाह की मौत हो चुकी।

दुबई और पाकिस्तान का कनेक्शन

इस केस की जांच में आरोपी नीमा ने माना था कि वह चांदी की तस्करी में डील करता है। उसे हाजी अशरफ जो पाकिस्तानी नागरिक है और दुबई में रहता है उसके कमीशन एजेंट के रूप में काम करता है। वह चांदी को गलाता है और हाजी जहां कहता है वहां डिलीवरी करता है। इसके बदले में मिले रूपए को अंगारिया ब्रदर्स द्वारा हवाले से भेजते थे। सांवेर रोड पर आई यह चांदी कोलकाता के हल्दिया में एक बोट से आई थी और फिर ट्रक में लदकर इंदौर तक पहुंची थी।

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इनके साथ भी चांदी की तस्करी के सौदे हुए

नीमा ने यह भी बताया कि चांदी की तस्करी में पहले भी रामकुमार अग्रवाल, केशव नाचानी उर्फ हनी, कमल विनायक, प्रह्लाद निमा, रमेश शाह, मदन सारडा को दी है। यह चांदी भी विदेशी मार्क की ही थी।

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इनके भी नाम आए

यह भी सामने आया कि पहले राऊ में वेंकटलाल गुप्ता के साथ चांदी गलाने का काम करता था। प्रह्लाद नीमा ने अपने बयान में बताया कि वह पहले रमेश शाह और कृष्णकांत जवेरी के साथ अलंकार ज्वेलर्स के यहां काम करता था। अलंकार ज्वेलर्स चांदी को खरीदकर उसके बर्तन व जेवर बनाकर बेचता था। वहीं रमेश शाह ने बताया कि वह आ.पी. स्टेट (अलंकार कंस्ट्रक्शन) रतलाम कोठी में 50 फीसदी का पार्टनर है, बाकी हिस्सा प्रह्लाद नीमा का है। इसके पहले अलंकार ज्वेलर्स में हम साथ थे।

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