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vidhan sabha Photograph: (The Sootr)
BHOPAL. मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र इस बार विधायकों के सवालों से गरमाया रहेगा। 28 जुलाई से शुरू होने जा रहे मानसून सत्र के लिए 11 जुलाई तक विधायकों से सवाल मांगे गए थे। इसके तहत ध्याकर्षण, शून्यकाल के लिए विधायकों ने अपने क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं और दूसरे मामलों से संबंधित 3377 प्रश्न विधानसभा सचिवालय को भेजे हैं। रोजगार, किसान, भ्रष्टाचार और स्वास्थ्य एवं शिक्षा से संबंधित प्रश्नों पर चर्चा और बहस से मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार हो सकता है।
मानसून सत्र में बीते दिनों में सामने आए भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर कांग्रेस विधायकों ने कई प्रश्न विधानसभा को भेजे हैं। वहीं विपक्षी विधायकों द्वारा सरकार को सदन में घेरने की तैयारी के लिए कांग्रेस संगठन भी विशेष तैयारी कर रही है। सत्र के पहले दिन यानी 28 जुलाई को सदन में रोजगार, कृषि, पंचायत, खेल, सहकारिता, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल और तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास विभाग से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। वहीं सरकार की ओर से सदन में विपक्ष के सवालों के जवाब देने की तैयारी मंत्रियों ने कर ली है।
घोटाले, विभागों की गड़बड़ी पर घेराबंदी
मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष ने सरकार को प्रशासन की मनमानी, योजनाओं में भ्रष्टाचार, टेंडरों में गड़बड़ी, कमीशनखोरी, अवैध खनन जैसे मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर ली है। ऐसे मामलों को सदन में उठाने के लिए कांग्रेस विधायकों ने सवालों का ढेर लगा दिया है।
यही नहीं क्षेत्रीय समस्याओं से संबंधित बीजेपी विधायकों के सवाल भी अपनी ही सरकार का सिरदर्द बढ़ा सकते हैं। हालांकि भाजपा ने अपने विधायकों को सरकार की परेशानी बढ़ाने वाले सवालों के संबंध में पहले ही हिदायत दी है। इसके बावजूद क्षेत्रीय ज्वलंत मुद्दों से जुड़े प्रश्न भाजपा विधायकों की ओर से विधानसभा सचिवालय तक पहुंचे हैं।
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4 पॉइंट्स में समझें पूरी खबरमानसून सत्र में हंगामा होने की संभावना: मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। इसमें 3377 सवाल विधायकों ने विधानसभा सचिवालय में भेजे हैं, जिनमें रोजगार, कृषि, भ्रष्टाचार, शिक्षा, और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं। विपक्षी दल इन मुद्दों को उठाकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं। भ्रष्टाचार और घोटालों पर विपक्षी हमला: कांग्रेस विधायकों ने खासतौर पर भ्रष्टाचार, टेंडर घोटाले, कमीशनखोरी, और अवैध खनन पर सवाल भेजे हैं। इस बार विपक्ष जल जीवन मिशन के तहत हुई कथित कमीशनखोरी पर हमला करने की योजना बना रहा है। इसके अलावा, सरकार की प्रशासनिक मनमानी और योजनाओं में गड़बड़ियों पर भी सवाल उठाए जाएंगे। क्षेत्रीय मुद्दे और भाजपा विधायकों के सवाल: भले ही भाजपा ने अपने विधायकों को सरकार की परेशानी बढ़ाने वाले सवालों से बचने की हिदायत दी है, लेकिन क्षेत्रीय समस्याओं से जुड़े सवाल भाजपा विधायकों ने भेजे हैं, जो सरकार के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर सकते हैं। सदन में जवाब देने के लिए तैयार मंत्रियों की टीम: सरकार ने सदन में विपक्षी सवालों के जवाब देने के लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली है। इस बार 12 दिनों में 3377 सवालों का जवाब दिया जाएगा, यानी प्रतिदिन 337 सवालों का सामना सरकार को करना होगा। |
गूंजेगा पुलिस लाठीचार्ज, खाद का मामला
विपक्ष में बैठे कांग्रेस विधायक पिछले सप्ताह हरदा में हुए पुलिस लाठीचार्ज के मामले का सदन में उठाकर सरकार को घेरेंगे। इसके अलावा प्रदेश भर में खरीफ सीजन की फसलों के लिए खाद की समस्या से जूझते किसानों का मामला भी मानसून सत्र में गूंज सकता है।
विपक्ष पिछले सत्रों की तरह इस बार भी जल जीवन मिशन में करोड़ों की कमीशनखोरी को उठाकर सरकार पर हमला बोलने की तैयारी कर रहा है। बीते दिनों योजना में पीएचई के अधिकारी द्वारा मंत्री की जांच कराने के मामले पर भी सदन में विपक्ष हंगामा कर सकता है। वहीं भोपाल और इंदौर में फ्लाईओवर और आरओबी की तकनीकी चूक पर भी चर्चा हो सकती है।
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सरकार के सामने सवालों का अम्बार
मानसून सत्र के लिए अब तक विधायकों ने 3377 प्रश्न विधानसभा सचिवालय को भेजे हैं। ई-विधानसभा की तैयारी के बीच विधायकों ने भी ऑनलाइन प्रश्न पूछने में दिलचस्पी दिखाई है। इस बार विधायकों ने 2076 सवाल ऑनलाइन माध्यम से पूछे हैं। जबकि ऑफलाइन पूछे गए सवालों की संख्या 1301 है।
28 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र के लिए 12 दिन निर्धारित किए गए हैं जिसमें 10 दिन सदन की बैठकें होंगी। इन 10 दिनों में विधायकों के 3377 प्रश्नों पर सरकार को जवाब देना है। यानी प्रतिदिन 337 प्रश्न सरकार के सामने उठाए जाएंगे।
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