नील तिवारी, JABALPUR. जबलपुर की अधारताल तहसील से फर्जीवाड़ा सामने आया, जिसमें तहसील के रीडर रीडर संजय पुराविया ने सेंट्रल GST के चार अफसरों का जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए एसडीएम के बजाए खुद उसका सत्यापन कर दिया। इन्होंने SDM की फर्जी सील बना ली। आधारताल एसडीएम ने जब चारों अधीक्षकों के जाति प्रमाण पत्र का सत्यापन किया, तो पूरा मामला सामने आ गया। तत्काल ही रीडर को सस्पेंड करते हुए उसके और चारों सीजीएसटी अधीक्षकों के खिलाफ विजय नगर थाने में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया है।
कैसे हुआ खुलासा
दरअसल सीजीएसटी के अधिकारियों कुछ प्रमाण पत्रों पर तब शक हुआ जब उन्होंने देखा कि सत्यापित प्रमाण पत्रों में सील नहीं लगी है। हस्ताक्षर में भी कुछ गड़बड़ी पाई गई। उसके बाद अधिकारियों ने तत्काल इसकी सूचना एसडीएम को दी। एसडीएम ने रीडर से पूछताछ की, तो पहले तो रीडर साफ मुकर गया। सीजीएसटी के अधिकारियों ने मामले को बेहद गंभीरता से लेने का पता चलने और पूरी जांच हो जाने की जानकारी मिलने पर उसने स्वीकार कर लिया कि यह उसने सीजीएसटी के अधीक्षक मुकेश बर्मन के कहने पर डिजिटल साइन कर जाति प्रमाण पत्र बना दिया।
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जाति प्रमाण पत्र का फर्जी सत्यापन किया
अब जांच के बाद यह सामने आया कि अधारताल तहसील कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 संजय पुराविया ने सीजीएसटी के चार अधीक्षकों को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से कूटरचित और कपटपूर्ण दस्तावेज तैयार कर जाति प्रमाण पत्र का फर्जी सत्यापन किया है। इस प्रकरण में उन्हें निलंबित किया गया है। सभी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। सेंट्रल जीएसटी को भी इस संबंध में पत्र लिखा जा रहा है।
कलेक्टर ने की कार्यवाही जीएसटी अफसर फरार
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि अधारताल एसडीएम की तरफ से अपने कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 एवं सेंट्रल जीएसटी के चार अधीक्षकों के खिलाफ उनके फर्जी डिजीटल हस्ताक्षर से जाति प्रमाण पत्रों के सत्यापन के मामले में शिकायत दी गई थी। इस मामले में पांचों के खिलाफ कई धाराओं में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। वहीं SDM के रीडर पर निलंबन की कार्यवाही की भनक लगते ही सेंट्रल जीएसटी अफसर फरार हो गए हैं।