MP NEWS: सतना जिले के शिक्षक अखिलेश कुमार शर्मा को 6 साल बाद HC के आदेश से राहत मिली है। 2019 में उन्होंने डीएलएड द्वितीय वर्ष की परीक्षा दी थी। उनकी मार्कशीट में प्रैक्टिकल और TMA (ट्यूटर मार्क्ड असाइनमेंट) के अंक नहीं थे। अब मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने NIOS को 60 दिन के भीतर संशोधित मार्कशीट जारी करने का आदेश दिया है।
परीक्षा और असाइनमेंट दिए समय पर, मार्कशीट में सब ‘शून्य’
शिक्षक अखिलेश कुमार शर्मा बाल भारती पब्लिक हाई स्कूल, अमरपाटन में कार्यरत हैं। यही उनका स्टडी सेंटर भी था। उन्होंने डीएलएड प्रथम वर्ष की परीक्षा 2017-18 और द्वितीय वर्ष की परीक्षा मार्च 2019 में दी थी। सभी जरूरी प्रैक्टिकल और असाइनमेंट उन्होंने नियमानुसार पूरे किए थे। लेकिन जब उन्हें द्वितीय वर्ष की मार्कशीट मिली, तो उसमें प्रैक्टिकल और टीएमए के अंक गायब थे।
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स्टडी सेंटर ने समय पर भेजे थे अंक
अखिलेश का स्टडी सेंटर बाल भारती पब्लिक हाईस्कूल ने कोर्ट में कहा कि प्रशिक्षुओं के अंक 16 दिसंबर 2018 को NIOS, भोपाल को भेजे गए थे। जब छात्रों की मार्कशीट में अंक नहीं दिखे, तो 11 जुलाई और 7 सितंबर 2019 को दोबारा अंक भेजे गए। 2021 में भी दो बार अंक प्रमाणित करके NIOS को भेजे गए, लेकिन सुधार नहीं किया गया।
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NIOS की गैरहाजिरी
हैरत की बात यह रही कि इस मामले में NIOS, भोपाल की ओर से कोर्ट में कोई पक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया। न ही कोई जवाब दाखिल किया गया। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिविजनल बेंच ने इसे संस्थान की ‘गंभीर लापरवाही’ मानते हुए कहा कि याचिकाकर्ता शिक्षक की ओर से कोई गलती नहीं हुई थी।
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60 दिन में जारी करें नई मार्कशीट है HC
हाईकोर्ट ने NIOS, भोपाल को सख्त निर्देश दिया है कि वह 60 दिनों के भीतर याचिकाकर्ता को नया मार्कशीट जारी करे। इसमें प्रैक्टिकल और टीएमए के अंक विधिवत रूप से दर्ज होने चाहिए।
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NIOS की चूक से अटका शिक्षक का करियर
एक शिक्षक के मामले से यह सामने आया है कि प्रशासनिक चूक से उनका करियर 6 साल तक लटका रहा। अगर अखिलेश शर्मा ने कोर्ट का सहारा नहीं लिया होता, तो समस्या हल नहीं होती।
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