उज्जैन महाकाल: रूम बुकिंग के बहाने लाखों की ठगी, पुलिस ने 9 फर्जी वेबसाइटों को कराया बंद

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं, अब ऑनलाइन ठगी का केंद्र बन गया था। मंदिर दर्शन और भक्त निवास बुकिंग के नाम पर साइबर धोखाधड़ी हो रही थी।

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Sandeep Kumar
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Ujjain Mahakal

Photograph: (The Sootr)

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MP News: मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले भक्तों के साथ ऑनलाइन ठगी का बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने श्रद्धालुओं से लाखों की ठगी करने वाली 9 फर्जी वेबसाइटों को ब्लॉक करवा दिया। ये वेबसाइटें नकली बुकिंग करके ऑनलाइन पेमेंट लेती थीं। 

एसपी प्रदीप शर्मा की अगुवाई में पुलिस आईटी सेल ने तकनीकी जांच की। डोमेन रजिस्ट्रार से संपर्क कर कार्रवाई की गई। पुलिस ने जनता से अपील की है कि बुकिंग के लिए केवल आधिकारिक माध्यमों का ही उपयोग करें। 

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श्रद्धालुओं से लाखों की ठगी

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं, अब ऑनलाइन ठगी का केंद्र बन गया था। मंदिर दर्शन और भक्त निवास बुकिंग के नाम पर साइबर धोखाधड़ी हो रही थी। पुलिस ने 25 से अधिक शिकायतों की जांच की। जांच में 9 फर्जी वेबसाइटें सामने आईं, जो महाकाल भक्त निवास के नाम पर श्रद्धालुओं से ऑनलाइन एडवांस पेमेंट ले रही थीं। बदले में उन्हें फर्जी बुकिंग दी जा रही थी।

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बुकिंग के झांसे में फंस रहे थे श्रद्धालु

उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर के पास सीमित आवासीय सुविधा के कारण कई श्रद्धालु ऑनलाइन भक्त निवास बुकिंग करना पसंद करते हैं। ठगों ने इसका फायदा उठाकर 'महाकाल भक्त निवास' जैसे नामों से नकली वेबसाइट बनाई। उन्होंने SEO और सोशल मीडिया प्रचार से श्रद्धालुओं को भ्रमित किया। जब श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते, तो उन्हें पता चलता कि उनकी बुकिंग असल में कभी हुई ही नहीं थी।

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IT सेल की जांच में खुलासा

मामले की गंभीरता को देखते हुए उज्जैन पुलिस की साइबर सेल ने तकनीकी जांच शुरू की। जांच में पता चला कि ये वेबसाइटें एक जैसे टेम्पलेट पर बनी थीं और इनका मकसद केवल श्रद्धालुओं से ऑनलाइन पेमेंट लेकर ठगना था। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए संबंधित डोमेन रजिस्ट्रार से संपर्क कर सभी 9 वेबसाइटों को ब्लॉक करा दिया।

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एसपी प्रदीप शर्मा की निगरानी में कार्रवाई

उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि लगातार मिल रही शिकायतों के बाद महाकाल थाना पुलिस ने तकनीकी जानकारी जुटाई। इन वेबसाइटों की होस्टिंग डिटेल और डोमेन रजिस्ट्रेशन की जांच की गई। तकनीकी निगरानी से यह सुनिश्चित किया गया कि फर्जी वेबसाइटें दोबारा सक्रिय न हो सकें। इन्हें ब्राउजर लेवल पर भी ब्लॉक किया गया है। आगे की निगरानी के लिए साइबर सतर्कता बढ़ाई गई है।

श्रद्धालुओं को ऐसे बनाया जा रहा था शिकार

फर्जी वेबसाइटों पर भक्त निवास की फोटो, कमरे की जानकारी और बुकिंग की सुविधा दी जाती थी। श्रद्धालु जब ऑनलाइन फॉर्म भरते और पेमेंट करते, तो उन्हें तुरंत बुकिंग कन्फर्मेशन मेल या मैसेज भेज दिया जाता था। वास्तविक स्थान पर पहुंचने पर पता चलता था कि न तो कोई बुकिंग रिकॉर्ड था और न ही वेबसाइट का मंदिर प्रशासन से कोई संबंध था।

पुलिस की अपील और सतर्कता

पुलिस ने जनता से अपील की है कि महाकाल मंदिर से जुड़ी बुकिंग केवल आधिकारिक वेबसाइट से करें। संदिग्ध लिंक या वेबसाइट दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। श्रद्धालुओं को जागरूक करने के लिए प्रशासन ने सूचना पर्चे, पोस्टर और डिजिटल चेतावनियां जारी करने की योजना बनाई है।

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