/sootr/media/media_files/2024/10/24/qR3IgF6mmQdS7muRs3ah.jpg)
आमीन हुसैन @रतलाम
मध्य प्रदेश में एक गांव ऐसा भी है, जहां दिवाली का त्योहार तो मनाया जाता है, लेकिन मकानों में रंगाई-पुताई, रंगोली और सजावट तक नहीं की जाती। दरअसल हम बात कर रहे हैं आलोट नगर के कछालिया गांव की। जानकारी के मुताबिक इस गांव में करीब 200 मकान और 1450 लोगों की आबादी है।
सरकारी स्कूल में 600 छात्रों पर दो टीचर, बारिश में भीगते छात्रों का सड़क पर प्रदर्शन
क्यों नहीं करते हैं लोग सजावट
गांव के ग्रामीणों ने बताया कि यहां एक प्राचीन काल भैरव मंदिर है। सभी उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। उनके सम्मान में हम लोग रंगाई-पुताई, सजावट आदि नहीं करते हैं। ग्रामीणों ने आगे बताया किइस गांव के सिर्फ सरकारी स्कूल और मंदिर में ही पुताई होती है। बाकी कहीं नहीं होती।
काले कपड़े भी नहीं पहनते हैं
गांव वालों ने बताया कि पूरे गांव में कोई भी व्यक्ति काले कपड़े और काले जूते भी नहीं पहनते हैं। घर के ऊपर कवेलू तक नहीं बिछाते। उन्होंने बताया कि ऐसा करने पर गांव के एक युवा की मौत भी हो चुकी है।
मंदिर के सामने से अर्थी नहीं निकालते
एक मंदिर के पुजारी चेन पुरी गोस्वामी ने बताया कि मंदिर के सामने से कोई भी दूल्हा घोड़ी पर बैठकर नहीं निकलता, ना ही कोई अर्थी निकलती है, अगर गांव में कोई भी व्यक्ति अपने घर पर कलर करता है तो उसके घर में मौत होती है या फिर बीमारी फैल जाती है।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us