पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह दशहरा आयोजन के दौरान दो दिन इंदौर दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने रेजिडेंसी पर कई कांग्रेसी नेताओं से मुलाकात की। शहर कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव भी उनसे मुलाकात करने गए, लेकिन यादव का कहना है कि पूर्व सीएम ने मेरी बेइज्जती की है। उन्होंने कहा कि पहले लोकसभा, विधानसभा और वार्ड चुनाव जीतो फिर बात करेंगे।
पूर्व सीएम को लिखी चिट्ठी
नाराज देवेंद्र यादव ने एक पत्र दिग्गी राजा के नाम लिखा। हालांकि, उन्होंने यह पत्र उन्हें नहीं दिया। इस पत्र में सवाल उठाए गए कि मैं लगातार बीजेपी के खिलाफ आंदोलन करता रहा हूं और करता रहूंगा। चुनाव के 3 महीने पहले सक्रिय हुए अक्षय बम को आपने टिकट दिया। विधानसभा चुनाव के पहले सक्रिय हुए राजा मांधवानी को आपने टिकट दिया। मेरे वार्ड के पार्षद चुनाव के लिए अर्चना राठौर को भी टिकट दिया था और आज यह तीनों बीजेपी में है। मैं तो सालों से कांग्रेस के लिए खड़ा हूं और बीजेपी के खिलाफ आंदोलन कर रहा हूं ।
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इस बात को लेकर हुआ था विवाद
बताया जा रहा है कि यादव पूर्व सीएम से मिलने के लिए गए थे। उनके साथ कुछ युवा नेता भी थे। यादव ने कहा कि यह लोग लगातार बीजेपी के खिलाफ आंदोलन करते रहते हैं। इसके अलावा उन्होंने विविध आंदोलन की जानकारी दी। जब उन्होंने अनुरोध किया कि वह लोग उनके साथ फोटो कर लें। इस पर पूर्व सीएम भड़क गए और उन्होंने कहा कि पहले लोकसभा, विधानसभा और पार्षद के चुनाव जितवाओ उसके बाद करेंगे। इस बात से आहत होकर यादव ने चिट्ठी लिखी और बाद में जेब में रख ली।
चुनाव लड़ने वाले सभी हुए बीजेपी के
अक्षय बम ने लोकसभा के लिए कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा था। बाद में नाम वापस ले लिया और बीजेपी में चले गए। इसके चलते कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि लोकसभा चुनाव में नहीं था। इसी तरह विधानसभा चुनाव लड़ने वाले राजा मांधवानी, विशाल पटेल और संजय शुक्ला भी बीजेपी में चले गए। महू से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले रामचंद्र शुक्ल और कांग्रेस के पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं।
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