संजय गुप्ता @ INDORE. कांग्रेस ( Congress ) से बीजेपी ( BJP ) में जाने की चल रही बयांर के बीच एक सवाल तेजी से उठा है कि पार्टी छोड़ने वालों में मुख्य तौर पर पूर्व सीएम कमलनाथ ( Former CM Kamal Nath ) गुट के ही नेता क्यों हैं ? खासकर इंदौर की बात करें तो चाहे पूर्व विधायक संजय शुक्ला ( Sanjay Shukla ) हो, विशाल पटेल ( Vishal Patel ) या फिर अब स्वप्निल कोठारी ( Swapnil Kothari )। यह सभी वही है जो कमलनाथ के खासे करीब थे।
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क्या कमलनाथ के बीजेपी में जाने संबंधी घटनाक्रम है बड़ा कारण
इसमें अब घटनाक्रम भी फिर से सामने आ रहा है जिसमें कमलनाथ के बीजेपी में जाने की सुगबुगाहट काफी तेज हुई और खुद कमलनाथ दिल्ली पहुंच गए और उनके समर्थक भी। लेकिन दो दिन चला यह राजनीतिक ड्रामा शांत हो गया। लेकिन इस ड्रामे के कुछ दिन बाद एक-एक कर उनके करीबी नेता बीजेपी में जाने लगे। यानि भले ही साहब ( कमलनाथ के करीबी उन्हें इसी संबोधन से बुलाते हैं ) बीजेपी में नहीं गए, लेकिन उनके करीबियों ने समझ लिया सामूहिक नहीं तो व्यक्तिगत डील ही सही। इसके बाद सभी ने चलो-चलो को नारा दिया और एक-एक कर कांग्रेस छोड़ गए।
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कांग्रेस प्रवक्ता ने लिया निशाने पर
इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता अनिमुल सूरी ने वीडियो जारी कर अप्रत्यक्ष रूप से आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि क्यों आखिर जिन्हें चुनाव के समय आगे बढ़ाया गया और जो एक नेता के करीबी थी, वह एक-एक करके छोड़कर जा रहे हैं। स्वप्निल कोठारी जो ना एनएसयूआई में रहे ना युवा कांग्रेस में सीधे तीन साल पहले मप्र कांग्रेस में पर आते हैं, उन्हें बूथ प्रंबधन प्रमुख बनाया जाता है और भी कई पदों से नवाजा जाता है। जितने भी करीबी थी उन्हें खूब पद दिए गए और पार्टी में आगे बढ़ाया गया, लेकिन चुनाव होते ही वह सब बीजेपी में चले गए।
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इंदौर में अब मुख्य तौर पर दिग्गी गुट के नेता ही बचे
अब इंदौर की बात करें तो इंदौर में कमलनाथ गुट से अब कोई बड़ा नेता नहीं बचा है, हालांकि रीना सैतिया जो सांवेर से विधानसभा चुनाव लड़ी, वह कमलनाथ गुट से जुड़ी हुई है। कांग्रेस महासचिव राकेश यादव भी उन्हीं से जुड़े हैं। लेकिन शुक्ला, पटेल और कोठारी तीनों चले गए। शहर अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा की बात करें या फिर विधानसभा दो से लड़ने वाले चिंटू चौकसे हो या तीन नंबर से लड़ने वाले पिंटू जोशी दोनों दिग्विजय सिंह से जुड़े हैं। इंदौर चार से लड़ने वाले राजा मांधवानी सज्जन वर्मा से जुडे हैं तो इंदौर पांच के उम्मीदवार रहे सत्तू पटेल सीधे प्रियंका गांधी से जुड़े हैं। राऊ विधानसभा से खुद जीतू पटवारी है जो प्रदेश अध्यक्ष है औऱ् यह भी सीधे दिल्ली से जुड़े हुए हैं। महू में लड़े रामकिशोर शुक्ला तो चुनाव के पहले बीजेपी से आए थे और वह फिर बीजेपी में जाना चाहते हैं, बीजेपी ही उन्हें अभी नहीं ले रही है।
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