RGPV SCAM : विश्वविद्यालय के एक और कुलसचिव पर लगे गड़बड़ी के आरोप

भोपाल के RGPV विश्वविद्यालय में हुए घोटाले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब विश्वविद्यालय के ही तत्कालीन प्रभारी कुलसचिव डॉ. सुरेश सिंह कुशवाहा पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। तत्कालीन कुलसचिव के खिलाफ विश्वविद्यालय के छात्र संगठन ABVP ने शिकायत की है।

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Sandeep Kumar
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तत्कालीन प्रभारी कुलसचिव डॉ. सुरेश सिंह कुशवाहा पर लगे आरोप

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BHOPAL. राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ( RGPV ) में घोटाले का मामला सुर्खियों में है। इस बीच विश्वविद्यालय के ही तत्कालीन प्रभारी कुलसचिव डॉ. सुरेश सिंह कुशवाहा के खिलाफ ABVP ( अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद  ) ने विश्वविद्यालय प्रबंधन से शिकायत की है। ABVP ने आरोप लगाया है कि कुलसचिव ने उन फर्नीचरों का बिल पास किया, जो कभी विश्वविद्यालय में पहुंचा ही नहीं। यहीं नहीं लैपटॉप खरीदी में भी गड़बड़ी की गई, लेकिन विश्वविद्यालय ( university ) में एक और कमेटी गठित कर दी गई। जिसमें उन्हें बचाने की कोशिश की गई है। जबकि मामले की शासन स्तर पर जांच हो चुकी थी, जिसमें उन्हें दोषी पाया गया था। तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार मंत्रालय ने भी विश्वविद्यालय को पत्र लिखकर बताया था कि प्रभारी कुल सचिव सुरेश कुशवाहा को भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।

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विवि में लैपटॉप खरीदते समय भारी गड़बड़ी

 शासन स्तर पर की गई जांच में यह भी सामने आया कि लैपटॉप खरीदने के बिल लगाए गए हैं, जिसमें कई तरह की गड़बड़ियां हुई हैं। अस्थायी प्रोफेसरों का मानदेय बढ़ाया जाने का उल्लेख किया गया है, जो उनके खातों में गया ही नहीं। वहीं, बिना किसी नियम प्रक्रिया को अपनाते हुए महाविद्यालय के कई लोगों को प्रतिनियुक्ति पर रख गया। प्रति नियुक्तियों पर आए कर्मियों को उनके मूल संस्थान से प्राप्त वेतन से अधिक वेतन देकर विश्वविद्यालय के राजस्व नुकसान भी किया है।

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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का आरोप

विश्वविद्यालय में हुए घोटाले के मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद  का कहना है कि तकनीकी शिक्षा विभाग के अपर सचिव ने विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति सुनील कुमार कुशवाहा के विरुद्ध जांच प्रतिवेदन के आधार पर 5 मार्च 2022 को पत्र लिखा था। जिसमें उनके खिलाफ अनुशासनात्मक ( disciplinary ) कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया था। बावजूद इसके दोबारा जांच करवाकर उन्हें छोड़ दिया गया। 

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कुशवाहा को दोषमुक्त करने का प्रयास 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अनुसार तत्कालीन कुलपति ने शासन स्तर पर गठित जांच समिति के प्रतिवेदन को नहीं माना, और विश्वविद्यालय स्तर पर उक्त प्रतिवेदन के परीक्षण के लिए एक समिति 16 मार्च 2022 को गठित की। जिसमें विश्वविद्यालय में ही कार्यरत 2 प्रोफेसर को नियुक्त किया गया। यह आश्चर्यजनक था। समिति ने अपनी दिखावटी कार्रवाई कर जांच प्रतिवेदन में प्राप्त शिकायतों पर लीपापोती कर तत्कालीन प्रभारी कुलसचिव को 5 जुलाई 2022 को उन्हें क्लीन चिट दे दी। जिसके उपरांत तत्कालीन कुलपति ने तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र 2 सितंबर 2022 के माध्यम से डॉ. कुशवाहा को दोषमुक्त करने का प्रयास किया। जिसके बाद उन पर कार्रवाई नहीं की गई।

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ABVP RGPV अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय University disciplinary तत्कालीन प्रभारी कुलसचिव डॉ. सुरेश सिंह कुशवाहा