स्वप्निल कोठारी बोले- अंतरआत्मा की आवाज से छोड़ी Congress, प्रदेशाध्यक्ष के करीबी के जरिए हुई BJP में इंट्री

कोठारी शिक्षाविद है और उनके शुरू से ही एबीवीपी नेता रहे सचिन शर्मा से संबंध रहे हैं, उन्होंने बीजेपी ( BJP ) में आने की बात कही। वहीं वीडी शर्मा के करीबी मुकेश जैन ने भी स्वप्निल से इस संबंध में बात की। बात जम गई।

author-image
Jitendra Shrivastava
New Update
THESOOTR
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

संजय गुप्ता, INDORE. शिक्षाविद और कांग्रेस ( Congress ) नेता स्वप्निल कोठारी ने शुक्रवार को बीजेपी ( BJP ) ज्वाइन कर ली। द सूत्र से बात करते हुए उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा कि मैंने अपनी अंतरआत्मा की आवाज पर यह फैसला लिया है। देश के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और प्रदेश के विकास के लिए सीएम डॉ. मोहन यादव की सरकार काम कर रही है, मैं इसी बेहतर काम का हिस्सा बनना चाहता था। 

इस तरह हुई बीजेपी में इंट्री

कोठारी शिक्षाविद है और उनके शुरू से ही एबीवीपी नेता रहे सचिन शर्मा से संबंध रहे हैं, उन्होंने बीजेपी में आने की बात कही। वहीं वीडी शर्मा के करीबी मुकेश जैन ने भी स्वप्निल से इस संबंध में बात की। बात जम गई। जैन उन्हें लेकर भोपाल गए और वीडी शर्मा से मुलाकात कराई। सीएम मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री भी रहे हैं, वह भी कोठारी के कुछ कार्यक्रमों में पहले शिरकत कर चुके हैं, वह भी उन्हें जानते थे। शर्मा भी कार्यक्रमों में उनसे मुलाकात कर चुके थे, वह भी पहचानते थे। दोनों ने हामी भरी और कोठारी ने तत्काल वहीं पार्टी दफ्तर में हुए आयोजन में बीजेपी ज्वाइन कर ली। 

ये खबरें भी पढ़ें...

चौधरी चरण सिंह-आडवाणी समेत पांच विभूतियों को मिला Bharat Ratna

SBI खाता धारक-Fastag यूजर सावधान, अगले महीने से बदल रहे हैं नियम

आदिवासी सीटों पर BJP कमजोर , RSS के अंदरूनी सर्वे ने उड़ाई नींद

एक सीट पर Congress ने BJP को उलझाया, 4 सीटों पर बार-बार बदले चेहरे?

टिकट नहीं मिलने के बाद से ही दूर थे

कोठारी मूल रूप से कमलनाथ गुट से थे। वह इंदौर विधानसभा पांच से टिकट मांग रहे थे और इसके लिए लगातार सक्रिय थे। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्होंने इसे लेकर भारी पोस्टर भी लगाए। इंदौर में कमलनाथ के कार्यक्रम भी अभय प्रशाल में कराए थे, लेकिन टिकट सत्यनारायण पटेल को मिला। इसके बाद से ही वह कांग्रेस से एकदम से दूर हो गए थे और किसी भी आयोजन में नजर नहीं आए थे। 

लोकसभा टिकट लेने का बना दबाव भी बना कारण

1- विधानसभा लिहाज से इस बार इंदौर पांच सुरक्षित सीट मानी जा रही थी, कोठारी यहां लगे हुए थे, लेकिन सत्तू प्रदेश के नेताओं को खारिज कर दिल्ली से टिकट ले आए। यह उनके लिए झटका था। 

2- चुनाव के बाद राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा आयोजन को ठुकराना पसंद नहीं आया।

3- लोकसभा चुनाव के लिए पैसे वाले उम्मीदवार की तलाश और इंदौर से टिकट लेने और चुनाव लड़ने के लिए डाला जाने वाला दबाव।

सत्तू पटेल ने बताया था मोहल्ले का नेता

टिकट की दावेदारी के दौरान सत्तू पटेल उन पर तंज भी कसा था कि चुनाव के समय तो हर कोई टिकट मांगता है, ऐसे तो कई मोहल्ले के नेता होते हैं। पटेल ने उनकी दावेदारी सिरे से खारिज कर दिया था। बाद में वही हुआ और कोठारी को टिकट नहीं मिला।

CONGRESS BJP