भोपाल के 5 दवा कारोबारियों के खिलाफ उपकरण खरीदी के समय धांधली करने के मामले पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। इस मामले में आरोपी बनाए गए 13 में दो आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। EOW की टीम ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की मदद से नई दिल्ली एयरपोर्ट से कल यानी 7 जून दिन शुक्रवार को गिरफ्तार किया था । आरोपियों को दिल्ली से रीवा लाया गया और यहां के बाद उन्हें आज यानी 8 जून को अनूपपुर में माननीय विशेष न्यायालय में पेश किया गया है। आपको बताते चलें कि दोनों आरोपी जितेंद्र तिवारी, डायरेक्टर मेसर्स साइंस हाउस मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड, और शैलेंद्र तिवारी, गौतम नगर भोपाल के रहने वाले हैं।
ये था पूरा मामला
अनूपपुर में 10 हजार 999 रुपए में मिलने वाले जंबो साइज के ऑक्सीजन सिलेंडर ( oxygen cylinder ) को 16 हजार 900 रुपए में और 68 रुपए कीमत वाली आरएफ किट ( rf kit ) 4156 रुपए में खरीदी गई है। यहां 14 उपकरणों की खरीदी मप्र पब्लिक हेल्थ कार्पोरेशन ने अप्रूव्ड रेट से कई गुना ज्यादा कीमत पर खरीदी। अनूपपुर में साल 2019 से 2022 के बीच खरीदे गए उपकरणों की जांच EOW ने की थी।
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क्या कहती हैं EOW की जांच रिपोर्ट ?
अनूपपुर जिला अस्पताल और दूसरी स्वास्थ्य संस्थाओं में मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने उपकरणों की खरीदी की गई। इसके लिए प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत 7 करोड़ 11 लाख रुपए से ज्यादा का बजट दिया था। जिसकी खरीदी तत्कालीन CMHO डॉ. बीडी सोनवानी, सिविल सर्जन डॉ. एसआर परस्ते और ADM बीडी सिंह ने की। 778 प्रकार के उपकरणों की खरीदी के ऑर्डर भोपाल के गौतम नगर में रहने वाली एक फैमिली की 3 फर्मों को दिया गया। वहीं, एक उपकरण की खरीदी कटनी की फर्म से की गई। जिसमें मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ कार्पोरेशन भोपाल ( Madhya Pradesh Public Health Corporation Bhopal ) के अप्रूव्ड रेट ( approved rate ) को दरकिनार किया गया, और 61 गुना महंगी दर पर मशीनों की खरीदी की गई। उपकरण खरीदी के इस मामले में 33 लाख रुपए से ज्यादा का फायदा संबंधित फर्मों को हुआ है।
रीवा EOW ने की थी जांच
नवंबर 2019 में अनुपपुर जिला स्वास्थ्य विभाग ने खरीदी टेंडर जारी किए थे। टेंडर 5 लोगों ने डाले थे। चार की निविदाएं खोली नहीं गई और एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाया गया। करीब 7 करोड़ के इस टेंडर में 5 करोड़ का भुगतान कर भी दिया गया। इसके बाद दिसंबर 2020 में आर्थिक अपराध शाखा भोपाल में इस मामले की शिकायत हुई। जांच के बाद मार्च 2021 में रीवा EOW में जीरो पर केस रजिस्टर्ड किया गया था। जांच के लिए रीवा आर्थिक अपराध शाखा को अधिकृत किया गया था। 3 अगस्त 2023 को अनूपपुर सीएमएचओ दफ्तर में टीम पहुंची थी। तब वहां तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. बीडी सोनवानी मौजूद थे। टीम के सदस्यों ने उनकी मौजूदगी में फर्जीवाड़े से जुड़े दस्तावेजों को जब्त किया था।
इन 13 लोगों को EOW ने बनाया गया आरोपी
1. डॉ . बीडी सोनवानी, तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अनूपपुर
2. रामखेलावन पटेल, तत्कालीन स्टोर कीपर, कार्यालय CMHO, अनुपपुर
3. महेश कुमार दीक्षित, तत्कालीन लेखापाल कार्यालय / CMHO जिला अनूपपुर
4. बीडी सिंह, तत्कालीन एडीएम अनूपपुर
5. डॉ. एसआर परस्ते, तत्कालीन सिविल सर्जन/अनूपपुर मप्र एवं अध्यक्ष क्रय समिति जिला चिकित्सालय, अनूपपुर
6. डॉ. बीपी शुक्ला मेडिकल विशेषज्ञ एवं बीएमओ / सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जैतहरी जिला अनूपपुर एवं, सदस्य क्रय समिति, अनुपपुर
7. डॉ. डीके कोरी, निश्चेतना विशेषज्ञ जिला चिकित्सालय/अनूपपुर एवं सदस्य क्रय समिति, अनुपपुर
8. डॉ. मोहन सिंह, श्याम मेडिकल एवं सदस्य क्रय समिति, अनुपपुर
9. सुनैना तिवारी, डायरेक्टर मेसर्स साइंस हाउस मेडिकल्स प्राइवेट, गौतम नगर भोपाल
10. जितेंद्र तिवारी, डायरेक्टर मेसर्स साइंस हाउस मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड, गौतम नगर भोपाल
11. अनुजा तिवारी, गौतम नगर, भोपाल
12. शैलेंद्र तिवारी, गौतम नगर, भोपाल
13. महेश बाबू शर्मा, गौतम नगर, भोपाल
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