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मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार जारी है। हाल ही में जबलपुर एसडीएम के ड्राइवर को 3 लाख रुपए की रिश्वत मामले में रंगे हाथों पकड़ा गया। ये मामला शाहपुरा ब्लॉक के खमदेही गांव का है, जहां एक शख्स की ओर से लोकायुक्त पुलिस में शिकायत की गई थी। पीड़ित के अनुसार, बिना लाइसेंस के धान का भंडारण करने को लेकर रिश्वत की मांग की गई थी।
एसडीएम को पद से हटाया गया
लोकायुक्त ने इस शिकायत के आधार पर ड्राइवर को गिरफ्तार किया, जबकि तहसीलदार की जांच में धान के अवैध भंडारण का खुलासा हुआ था। तहसीलदार ने मामला शाहपुरा एसडीएम के पास भेजा था, और एसडीएम ने अपने ड्राइवर के माध्यम से रिश्वत की मांग की थी। खबरों के मुताबिक, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने एसडीएम नदीमा शीरी को उनके पद से हटा दिया है, और ड्राइवर को निलंबित कर दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक इस मामले के बाद प्रभारी डिप्टी कलेक्टर कुलदीप पाराशर को शाहपुरा के एसडीएम का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। लोकायुक्त के डीएसपी दिलीप झरवड़े ने बताया कि आरोपी को देर रात गिरफ्तार किया गया। यह कदम भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में एक और अहम कदम साबित हो सकता है।
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क्या है मामला, विस्तार से जानें
आवेदक संग्राम सिंह के अनुसार, उनके रिश्तेदार की ग्राम खामदेही के मेन रोड पर स्थित एक एकड़ जमीन पर आसपास के किसानों द्वारा बासमती धान का भंडारण किया जाता है। इस जमीन पर 28 अक्टूबर 2024 को तहसीलदार शाहपुरा ने मौके का निरीक्षण किया और पंचनामा तैयार किया। इसके बाद, एसडीएम कार्यालय शाहपुरा से आवेदक को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। नोटिस में इस जमीन पर भंडारण को लेकर जवाब मांगा गया था।
इस नोटिस के बाद आवेदक ने मामले को हल करने के लिए एसडीएम कार्यालय से संपर्क किया। वहीं, ड्राइवर सुनील कुमार पटेल ने यह दावा किया कि वह इस नोटिस को खत्म करवा सकता है, लेकिन इसके लिए 3 लाख रुपए की रिश्वत देनी होगी। इस डिमांड के बाद आवेदक संग्राम सिंह ने मामले में शिकायत लोकायुक्त पुलिस से कर दी।
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लोकायुक्त टीम ने बिछाया जाल
इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने जांच शुरू की। शिकायत का सत्यापन किया, जिसमें रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि हुई। इसके बाद लोकायुक्त ने मंगलवार, 17 दिसंबर को आरोपी को पकड़ने के लिए ट्रैप की योजना तैयार की। आवेदक और आरोपी के बीच मुलाकात के लिए धनवंतरी नगर चौक पर समय और स्थान तय किया। आवेदक से कहा गया कि वह आरोपी को रिश्वत की पहली किस्त 1 लाख 50 हजार रुपए दे। जैसे ही आरोपी ने पैसे लिए, लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। अब इसी मामले में एसडीएम और ड्राइवर पर कार्रवाई की गई है।
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