प्रिंसिपल का ट्रांसफर हुआ कैंसिल तो गांव वालों ने निकाली बारात

मध्‍य प्रदेश के आगर मालवा में कलेक्टर ने प्राचार्य का ट्रांसफर ऑर्डर जारी करने के एक दिन बाद ही इसे निरस्त कर दिया। खुशी के मारे लोगों ने घोड़े पर बैठाकर प्रिंसिपल की बारत निकाल दी...

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Shreya Nakade
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प्रिसिंपल ट्रांसफर
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आगर मालवा जिले के एक सरकारी स्कूल प्रिंसिपल से छात्रों और पेरेंट्स का अनोखा जुड़ाव देखने को मिला। यहां प्रिंसिपल के ट्रांसफर ऑर्डर कैंसिल होने पर लोगों ने घोड़ी पर बैठाकर और हार पहनाकर उनकी बारात ही निकाल दी। 

दरअसल पालखेड़ी गांव में पीएम श्री स्कूल के प्राचार्य केसी मालवीय ( KC Malviya ) का कलेक्टर ने सोमवार को ट्रांसफर कर दिया था। यह ट्रांसफर ऑर्डर मंगलवार को ही निरस्त कर दिया गया। इसके बाद जब प्राचार्य केसी मालवीय गांव पहुंचे तो लोगों ने आतिशबाजियों से उनका स्वागत किया। इतना ही नहीं उनपर फूल बरसाए गए और जुलूस निकाला गया। 

क्यों हुआ था ट्रांसफर ?

प्राचार्य केसी मालवीय ने सोशल मीडिया पर गांव के सरपंच के खिलाफ एक वीडियो शेयर किया था। इसमें वे स्कूल के बच्चों को पीने का पानी उपलब्ध न होने की शिकायत कर रहे थे। वायरल वीडियो में प्रिंसिपल स्कूल के बच्चों को बोल रहे हैं कि घर में कहिए सरपंच साहब पानी नहीं दे रहे हैं, दारू में नहीं बिके और ऐसे सरपंच बनाएं जो आपको पानी दे सके। इसके बाद मामले में राजनीतिक हलचल होने लगी। 

मामला बढ़ने पर कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने प्रिंसिपल का ट्रांसफर कर दिया। कलेक्टर ने बताया कि व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। सरपंच संघ की ओर से स्कूल प्राचार्य पर उन्हें स्कूल बुलाकर अपमानित करने और वीडियो वायरल करने के आरोप लगाए गए थे। जिसके बाद कलेक्टर ने ट्रांसफर ऑर्डर जारी किए।

हालांकि अगले ही दिन उन्हें ये ऑर्डर निरस्त करना पड़ा क्योंकि शासन व्यवस्था के अनुसार कलेक्टर के पास प्रिंसिपल का ट्रांसफर करने के अधिकार नहीं थे। 

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प्राचार्य ने की कलेक्टर को सस्पेंड करने की मांग 

प्रिंसिपल केसी मालवीय का ट्रांसफर कैंसिल होने के बाद उन्होंने इसे सच की जीत बताया। साथ ही कलेक्टर राघवेंद्र पटेल पर गंभीर आरोप लगाए। प्रिंसिपल ने कहा कि वे एक राजपत्रित अधिकारी हैं। उनके खिलाफ एक्शन लेने का कलेक्टर को अधिकार नहीं है। नियमों की जानकारी न होने के चलते प्राचार्य ने कलेक्टर को सस्पेंड करने की भी मांग कर दी।

इतना ही नहीं प्राचार्य ने कलेक्टर के IAS बनने पर भी सवाल उठा दिए। उन्होंने कहा मुझे लगता है कि वे निश्चित ही ईमानदारी से आईएएस नहीं बने। नीट घोटाले की तरह बने हैं। शासन को देखना चाहिए।

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शासन को भेजा सस्पेंड करने का प्रस्ताव 

कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने ट्रांसफर ऑर्डर कैंसल करने के पत्र में कोई कारण नहीं लिखा है। नियमों के अनुसार उनके पास प्रिंसिपल का ट्रांसफर करने के अधिकार नहीं है। उन्होंने अब प्राचार्य के निलंबन ( suspension ) का प्रस्ताव शासन को भेजा है। 

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सरपंच दे रहे आंदोलन की धमकी 

गांव के सरपंच गोवर्धन सिंह ने प्राचार्य पर स्कूल बुलाकर अपमानित करने का आरोप लगाया है। कलेक्टर ने बताया कि इस मामले की शिकायत उन्होंने विधायक से की थी जिसके बाद कलेक्टर द्वारा ट्रांसफर ऑर्डर जारी किए गए।  अब सरपंच ने कहा है कि अगर प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो वे सरपंच संघ के नेतृत्व में आंदोलन करेंगे। 

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