संजय गुप्ता, INDORE. पटवारी परीक्षा (Patwari exam) को क्लीन चिट (Patwari exam clean chit) मिलने और मप्र शासन द्वारा इनकी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू किए जाने के बाद फेल उम्मीदवार एक बार फिर सड़कों पर उतर रहे हैं। सोमवार(19 फरवरी) को इसकी शुरूआत सुबह 11 बजे सभी जिलों में जाकर कलेक्टर को सात सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन देने से हो रही है। मुख्य मांग है कि मप्र को चीफ जस्टिस की निगरानी में एसआईटी बनाकर इसकी जांच की जाए। इसके साथ ही आंदोलनकारी सीबीआई जांच की भी मांग कर रहे हैं। नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (एनईवाययू) द्वारा शनिवार को ली गई सार्वजनिक बैठक (Patwari investigation SIT formed) में यह फैसला लिया गया। यूनियन की केर कमेटी के राधे जाट ने कहा कि इस बार आंदोलन बड़ा और लंबा होगा। हम इस जांच रिपोर्ट को खारिज करते हैं। पटवारी पदों को बेचा गया है, और जांच में लीपापोती की गई है।
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यह है प्रमुख मांगे
- पटवारी परीक्षा में सरकार ने नियुक्ति देने का जो निर्णय लिया है, उसे तात्कालिक रोका जाए और वर्मा कमेटी की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
- पटवारी परीक्षा घोटाले की जांच नए सिरे से मध्यप्रदेश के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में SIT का गठन करके की जाए।
- MPSI के 2000 पदों पर भर्ती की जाए, साथ ही ईएसबी द्वारा परीक्षा कैलेंडर जारी हो
- केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नकल विरोधी कानून को मध्यप्रदेश में तत्काल लागू किया जाए।
- ESB की परीक्षाएं प्रतिष्ठित कंपनी(TCS जैसी) द्वारा आयोजित की जाएं।
- ईएसबी के सभी रिजल्ट जल्द हो
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पीएससी को लेकर भी यह मांग
- राज्य सेवा परीक्षा 2024 में पदों की संख्या बढ़ाकर 500 तक की जाए।
- राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2023 में अभ्यर्थियों की मांग को ध्यान में रखते हुए 90 दिन का समय दिया जाए
- ओबीसी आरक्षण केस को हल करके 87-13 फॉर्मूला बंद खत्म करके, 100 फीसदी पर परिणाम जारी किए
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उधर चयनित नौ हजार उम्मीदवार फिर हुए आशंकित
उधर इस परीक्षा में चयनित हुए नौ हजार से ज्यादा उम्मीदवार फिर अपने भविष्य को लेकर आशंकित है। हालांकि मप्र शासन द्वारा रिजल्ट को भू अभिलेख को भेज दिया गया है और यहां से यह सोमवार को सभी जिला कलेक्टर के पास पहुंच जाएगा, यानि उनकी नियुक्ति प्रक्रिया इसी सप्ताह पूरी हो जाएगी। ऐसे में यह रूकना अब दूर की कौड़ी है। लेकिन फिर भी वह भविष्य को लेकर आशंकित है। वहीं आंदोलनकारियों का यह भी कहना है कि हम विस्तृत जांच इसलिए मांग रहे हैं, क्योंकि जो मेहनत वाले हैं वह आगे आकर पद लें, और फर्जी, पद खरीदकर आए पटवारी बाहर हो, इनकी छंटनी होना चाहिए। उम्मीदवारों को उनका हक मिलना चाहिए, इस रिजल्ट में भी जो मेहनती है उन्हें पद मिलना चाहिए, केवल फर्जी लोग बाहर हो और इसके लिए विस्तृत जांच जरूरी है। जो टॉप करने वाले हैं, वह कभी सामने नहीं आए, कुछ इंटरव्यू उनके सामने आए उन्हें इसमें मप्र की राजधानी तक पता नहीं है तो फिर वह टॉप कैसे कर सकते हैं? इसकी जांच होना चाहिए।