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The Sootr
इंदौर में अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति के चुनाव को लेकर एक बड़ी बात सामने आई है। इसमें यह साफ हो गया है कि अबकी बार अगस्त में संस्था के चुनाव 21 नहीं, बल्कि संविधान के मुताबिक 7 पदों पर ही होंगे। संस्था अध्यक्ष राजेश बंसल के मुताबिक इसको लेकर दस्तावेजों को व्यवस्थित किए जाने का काम शुरू हो गया है। वहीं, संस्था के अन्य स दस्यों का कहना है कि चुनाव को लेकर जो भी निर्णय होगा उसके लिए साधारण सभा बुलानी पड़ेगी। वहीं, कुछ सदस्यों ने तो यहां तक कह दिया कि अगर 7000 सदस्य वोट नहीं डाल पाए तो वे कानूनी कार्रवाई भी कर सकते हैं।
अभी यह समस्या आ रही है
असल में अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति के 1992 के संविधान के मुताबिक केवल 7 पदों पर ही चुनाव हो सकते हैं। साथ ही इसके वार्षिक सदस्य नहीं बनाए जा सकते। समाज से जुड़े वरिष्ठों का कहना है कि अगर संविधान की मानी और 7 पदों पर चुनाव कराए तो फिर केवल 1500 लोग ही वोट डाल पाएंगे। ऐसी स्थिति में जो 7000 सदस्य हैं वे धाेखाधड़ी की शिकायत लेकर थाने जा सकते हैं। ऐसे में वर्तमान अध्यक्ष और कार्यकारिणी फंस सकते हैं। वहीं, अगर अभी तक जिस तरह से संविधान को बायपास करके चुनाव होते आ रहे हैं। ठीक वैसे ही चुनाव कराए गए तो फिर कोर्ट और रजिस्ट्रार के आदेश की अवहेलना होगी।
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नामांकन फीस को लेकर हो चुका है विवाद
पिछले चुनाव की नामांकन फीस नहीं लौटाए जाने को लेकर भी हालही में सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से विवाद की बात सामने आई थी। उसको लेकर संस्था से जुड़े सूत्रों के मुताबिक एक सदस्य ने जब नामांकन फीस लौटाने की बात कही थी तो अध्यक्ष ने उन्हें अपशब्द कहे थे। जिसकी शिकायत उद्योगपति विनोद अग्रवाल तक भी पहुंची थी। वहीं, बताया जाता है कि पिछले दिनों जब विनोद अग्रवाल के साथ समाज के कुछ पदाधिकारियों की बैठक हुई थी। तब भी चुनाव का मुद्दा निकला था और वे अध्यक्ष पर काफी नाराज भी हुए थे।
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तो कई सदस्य कराएंगे धोखाधड़ी की एफआईआर
केंद्रीय समिति के सलाहकार मंडल में शामिल मदन अग्रवाल ने बताया कि संस्था के संविधान में केवल 15 सदस्यों का उल्लेख है। संविधान को बायपास कर अध्यक्ष और कार्यकारिणी ने 7000 सदस्य बना लिए और इनसे फीस भी जमा करवा ली। इन्हीं सदस्यों से मिली फीस की राशि कुल 85 लाख रुपए की एफडी करवाना अध्यक्ष बता रहे हैं। वे बताएं कि संविधान के किस नियम के तहत उन्होंने ये नए सदस्यों को जोड़ा है और उनसे सदस्यता शुल्क लिया है। संविधान के मुताबिक चुनाव केवल 7 पदों पर ही हो सकते हैं और 1500 लोगाें को ही वोट डालने का अधिकार है। ऐसे में ये 7000 सदस्य वोट डालने से वंचित रहे तो फिर वे नियमानुसार धोखाधड़ी की एफआईआर करवा सकते हैं। क्योंकि वोट डालना हर सदस्य का कानूनी अधिकार है और कोई भी व्यक्ति उससे वह अधिकार छीन नहीं सकता है।
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जब तक संस्था रेग्यूलर नहीं होगी, चुनाव नहीं हो पाएंगे
समाज के प्रतीक सिंघल ने बताया कि नियमानुसार चुनाव कराने की बात जरूर हो रही है, लेकिन जब तक संस्था रेग्यूलर नहीं होती और सारे दस्तावेज पूर्ण नहीं होते। तब तक लगता नहीं है कि चुनाव कराए जा सकेंगे। हम कोर्ट गए थे तो संस्था की व्यवस्था नियम से चले इसके लिए गए थे। हमारी लड़ाई कोई व्यक्ति विशेष या फिर समाज के विरोध में नहीं थी। वो तो कुछ लोगों ने इसको लेकर ऐसा भ्रम फैलाया जैसे कि हम उनका विरोध कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य हमेशा से ही संस्था को मजबूत करना था।
साधारण सभा हो और चुनाव के लिए बने स्वतंत्र बॉडी
समाज के संजय धन्नालाल गोयल का कहना है कि चुनाव अगर कराए जाने हैं तो सबसे पहले अध्यक्ष को पद से त्याग पत्र देना चाहिए। उसके बाद एक साधारण सभा बुलाई जाए, जिसमें कि चुनाव की घोषणा की गई। फिर एक स्वतंत्र बॉडी बनना चाहिए, जो कि निष्पक्ष रूप से चुनाव करवाएं।
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सोसायटी भंग करने को लेकर कई नोटिस आ चुके
अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति से जुड़े सूत्रों के मुताबिक रजिस्ट्रार ने पिछले साल ही चुनाव कराए जाने को लेकर एक निर्धारित समय अवधि तय की थी, लेकिन वह तारीख भी निकल चुकी है। इसके बाद सोसायटी को भंग करने को लेकर रजिस्ट्रार की तरफ से कई बार नोटिस भी मिल चुके हैं। जिनमें लिखा है कि अगर समय पर चुनाव नहीं करवाए गए तो सोसायटी भंग कर दी जाएगी।
अगस्त में 7 पदों पर ही कराएंगे चुनाव
श्री अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति के अध्यक्ष राजेश बंसल ने बताया कि संस्था के दस्तावेजाें को लेकर कार्रवाई चल रही है, जो कि जल्दी ही पूरी हो भी जाएगी। इसके बाद हम अगस्त में संस्था के चुनाव करवा सकते हैं। इस बार चुनाव संविधान के मुताबिक 7 पदों पर ही होंगे। उसके बाद संविधान में संशोधन की कार्रवाई की जाएगी।
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यह प्रमुख लोग हैं इस संस्था में
श्री अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति में शहर व मध्यप्रदेश के जो बड़े लोग शामिल हैं उनमें प्रमुख संरक्षक विनोद अग्रवाल (अग्रवाल ग्रुप), संरक्षक गिरीश अग्रवाल, प्रमुख परामर्शदाता प्रेमचंद गोयल, प्रमुख सलाहकार संतोष गोयल, चेरयमेन सदस्यता व उत्सव समिति अरविन्द बागड़ी, प्रमुख समन्वयक संजय बांकड़ा, प्रमुख समन्वयक सेवा प्रकल्प किशोर गोयल, निवृतमान अध्यक्ष गोविन्द सिंघल, पूर्व अध्यक्ष राम ऐरन, गणेश गोयल, पीडी अग्रवाल (महू), कुलभुषण मित्तल (कुक्की) शामिल हैं।
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अग्रवाल समाज की इस कार्यकारिणी पर उठे सवाल
श्री अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति में अध्यक्ष राजेश बंसल (पंप), उपाध्यक्ष नारायण अग्रवाल (420 पापड़), महामंत्री पवन सिंघल (क्रेन), महिला उपाध्यक्ष पुष्पा किशन गुप्ता, संयोजक नवीन बागडी, सहमंत्री अरविन्द अग्रवाल (वेल्यूअर), कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल (इंजि.), सह संयोजक प्रयोग गर्ग हैं। वहीं, कार्यकारिणी में दिनेश बंसल (जूनी इन्दौर), रितेश मित्तल (बारदान), महेश अगवाल (वेल्युअर), मनोज अग्रवाल (अन्नपूर्णा) संदीप गोयल (ऑटो), नितिन अग्रवाल (एयरपोर्ट), राजेश मित्तल (मालवा मिल), संजय बद्रुका (प्रापटी), केके गोयल (कान्ट्रेक्टर), शरद गोयल (जनपद) और महिला कार्यकारणी पिंकी रवि अग्रवाल, राधा राजेन्द्र अग्रवाल व प्रज्ञा निलेश अग्रवाल शामिल हैं।
अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति का यह है सलाहकार मंडल
संस्था के सलाहकार मंडल में अविनाश अग्रवाल (ओएस्टर), संजय अग्रवाल (नखराली ढाणी), नितिन अग्रवाल (महू), प्रवेश अग्रवाल (सोम्या ग्रुप), विनोद सिंघानिया, जगदीश अग्रवाल (बाबाश्री), प्रकाश अग्रवाल (मोमबत्ती), मदन अग्रवाल (गरोठ), नीतिन अग्रवाल (अपेक्स) के अलावा संरक्षक एवं मार्गदर्शक टीकमचंद गर्ग (केटी), दिनेश मित्तल (मित्तल कॉर्प.), पवन सिंघानिया (मोयरा), सुभाष अग्रवाल (बजरंग आईल), विष्णु बिंदल निलेश अग्रवाल (सजन प्रभा), ओमप्रकाश बंसल (पंप), सीताराम मित्तल (नीमच वाला), बालकिशन छाबछरिया (बल्लु भैया) भी जुड़े हैं।
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