एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह पर एसएफसी का गंभीर आरोप, खरीद और निर्माण का ठहराया जिम्मेदार

एम्स भोपाल की एसएफसी बैठक में डॉ अजय सिंह को 2023-2025 तक खरीद और निर्माण कार्यों का जिम्मेदार ठहराया गया। इस दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

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Amresh Kushwaha
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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में हाल ही में 13वीं स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी (SFC) बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें एम्स भोपाल के निदेशक डॉ अजय सिंह को 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2025 तक सभी खरीद और निर्माण कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय खासतौर पर अमृत फार्मेसी से उच्च दामों पर की गई खरीद और अन्य गड़बड़ियों के चलते लिया गया।

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डॉ अजय सिंह पर जिम्मेदारी का भार

इस बैठक में प्रमुख रूप से यह स्पष्ट किया गया कि एम्स भोपाल के निदेशक डॉ अजय सिंह ही आगामी दो वर्षों के लिए सभी प्रकार की खरीद और निर्माण कार्यों के लिए जिम्मेदार होंगे। यह कदम पहले से हुईं कुछ वित्तीय गड़बड़ियों और शिकायतों के संदर्भ में उठाया गया।

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एसएफसी बैठक में अन्य प्रमुख निर्णय

बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं-

  1. गामा नाइफ मशीन की खरीद
    सांसद आलोक शर्मा ने गामा नाइफ मशीन की खरीद का विरोध किया और कहा कि पहले से स्वीकृत गामा नाइफ मशीन ही खरीदी जानी चाहिए। इससे संबंधित प्रस्तावों पर भी बैठक में विस्तार से चर्चा की गई।

  2. शॉक वेव लिथोट्रिप्सी मशीन
    बैठक में 11.14 करोड़ रुपये की लागत से शॉक वेव लिथोट्रिप्सी मशीन की खरीद के लिए नया टेंडर जारी करने की बात की गई।

  3. रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम
    यूरोलॉजी विभाग के लिए 40 करोड़ रुपये की लागत से रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम की खरीद के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई। इसे पूंजीगत व्यय के रूप में स्वीकृति दी गई।

  4. रैन बसेरा का निर्माण
    प्रधानमंत्री द्वारा शिलान्यास किए गए रैन बसेरे का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि, राज्य सरकार ने भूमि उपयोग परिवर्तन की अनुमति दे दी है और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

  5. 300 बेड ट्रॉमा सेंटर का निर्माण
    आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण अन्य सुधारों में 300 बेड के ट्रॉमा सेंटर का निर्माण और रूमेटोलॉजी तथा मेडिकल जेनेटिक्स विभागों के लिए नए पदों की स्वीकृति भी शामिल हैं।

एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह पर एसएफसी के आरोपो पर एक नजर...

  • एम्स भोपाल के निदेशक डॉ अजय सिंह को 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2025 तक सभी खरीद और निर्माण कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया।

  • गामा नाइफ मशीन की खरीद को लेकर सांसद आलोक शर्मा ने विरोध किया, और स्वीकृत मशीन की खरीद की सलाह दी।

  • शॉक वेव लिथोट्रिप्सी मशीन की खरीद के लिए 11.14 करोड़ रुपये की लागत से नया टेंडर जारी किया जाएगा।

  • यूरोलॉजी विभाग के लिए 40 करोड़ रुपये के रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम की खरीद को पूंजीगत व्यय के रूप में स्वीकृति मिली।

  • एम्स ने 2023-24 के वार्षिक लेखा और ऑडिट रिपोर्ट को स्वीकृति दी, और गड़बड़ियों के लिए डिप्टी डायरेक्टर और फाइनेंस ऑफिसर को भी जिम्मेदार ठहराया।

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वार्षिक लेखा और ऑडिट रिपोर्ट को मिली स्वीकृति

इस बैठक के दौरान एम्स ने हाल ही में 2023-24 के वार्षिक लेखा और ऑडिट रिपोर्ट को भी स्वीकृति दी। सीएजी की आपत्तियों का समाधान करने के लिए शीघ्र ही कार्यवाही शुरू की जाएगी।

फाइनेंस ऑफिसर भी गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार

बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि एम्स के निदेशक डॉ अजय सिंह के अलावा, डिप्टी डायरेक्टर और फाइनेंस ऑफिसर भी गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार हैं। मंत्रालय स्तर पर इन घटनाओं की जांच जारी है और इसके लिए संबंधित कार्रवाई की जाएगी।

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