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कांग्रेस से बीजेपी में गए डॉ. अक्षय कांति बम के संविधान महाकुंभ कार्यक्रम पर कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने बम गिरा दिया है। उन्होंने खुलकर आरोप लगाए कि हत्या के प्रयास के आरोपी के कार्यक्रम में सीएम डॉ. मोहन यादव को बुलाना यह पुलिस और न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश है। सूत्रों के अनुसार इस मामले में सीएम हाउस अलर्ट हो गया है और बम को लेकर पुलिस से पूरी रिपोर्ट मांगी गई है।
यह है बम का पूरा आयोजन
14 अप्रैल को सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक बम द्वारा रविंद्र नाट्य गृह में संविधान महाकुंभ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसमें आम जन संविधान को लेकर शपथ लेंगे। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय इस कार्यक्रम में बम को सहयोग दे रहे हैं तो वहीं सीएम को भी हाल ही में वह निमंत्रण देकर आए थे। कार्यक्रम स्थल के पास सीएम और मंत्री विजयवर्गीय के आदमकद कटआउट भी लग चुके हैं।
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क्या बोले केके मिश्रा
हत्या के प्रयास के आरोपित डॉ. अक्षय कांति बम द्वारा बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के जन्मोत्सव (14 अप्रैल, 2025) पर इंदौर में “संविधान के महाकुंभ” का आयोजन, इसमें मुख्यमंत्री मान. @DrMohanYadav51 की मुख्यातिथ्य के रूप में मौजूदगी क्या “माननीय उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में लंबित प्रकरण में दबाव बनाने का प्रयास है”…
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इन्हीं राजनीतिक व्यवसायी आयोजक ने लोकसभा के संपन्न चुनाव में कांग्रेस पार्टी से उम्मीदवारी घोषित हो जाने के बावजूद स्वार्थवश दल बदलने के बाद मान. उच्च न्यायालय में दिए गए शपथ पत्र में कहा है कि मुझ पर दर्ज़ उक्त उल्लेखित (हत्या के प्रयास) प्रकरण को लेकर ही बीजेपी ने दबाव बनाया था, लिहाज़ा, मुझे दल बदलना पड़ा
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अब वह बीजेपी से भी राजनीतिक ब्लैकमेलिंग कर बाबा साहेब के नाम पर आयोजित कार्यक्रम में षड्यंत्रपूर्वक मुख्यमंत्री जी की मौजूदगी का लाभ लंबित प्रकरण में लेना चाह रहे हैं, क्या यह उचित है
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प्रशासन, पुलिस के आला अफ़सर और इंटेलिजेंस विभाग भी क्या षड्यंत्र में आरोपित का सहयोगी है, क्या मुख्यमंत्री जी को इनके आपराधिक व अन्य गंभीर मामलों की जानकारी दी गई है या नहीं….
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मुख्यमंत्री जी, अभी आपके जन्मदिन पर लगे एक विवादित पोस्टर की स्याही भी नहीं सूख पाई है, दूसरे गंभीर विवाद को भी कृपापूर्वक आप पैदा मत होने दीजिएगा, यह आपके ही हित में सादर आग्रह है…
“*हत्या के प्रयास के आरोपित डॉ.अक्षय कांति बम” द्वारा बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर के जन्मोत्सव (14 अप्रैल,2025) पर इंदौर में “संविधान के महाकुंभ” का आयोजन, इसमें मुख्यमंत्री मान. @DrMohanYadav51 की मुख्यातिथ्य के रूप में मौजूदगी क्या “माननीय उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में लंबित… pic.twitter.com/a6QAVm2mvS
— KK Mishra (@KKMishraINC) April 12, 2025
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द सूत्र ने खुलासा किया था बम के फुस्स होने का कारण
उल्लेखनीय है कि द सूत्र ने ही 24 मार्च को खुलासा किया था कि अक्षय बम क्यों बीजेपी में गए थे और कांग्रेस से नामांकन लोकसभा चुनाव में वापस लिया था। खुद बम ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र पर लिखकर दिया कि उनके 17 साल पुराने केस में बीजेपी ने ही याचिकाकर्ता पर दबाव बनाया और धाराएं बढ़वाईं, इस चाल में बीजेपी सफल रही और नामांकन वापस ले लिया। यानी बम ने बीजेपी में आने के बाद उसे ही षड़यंत्रकारी बताया था।
यह हुआ था कांड
अक्षय बम ने कांग्रेस से टिकट मिलने पर 25 अप्रैल 2024 को लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। 28 अप्रैल की रात और 29 अप्रैल की सुबह नौ बजे तक कांग्रेस के साथ प्रचार किया और फिर 29 अप्रैल की सुबह 11 बजे विधायक रमेश मेंदोला व अन्य के साथ कलेक्टोरेट जाकर नामांकन वापस ले लिया। बाद में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने उनके साथ कार में बैठे हुए सेल्फी डाली और फिर शाम होते-होते वह बीजेपी में शामिल हो गए। कांग्रेस पहली बार इंदौर लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी विहीन रह गई।
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अक्षय बम के केस में अभी यह स्थिति
- 24 अप्रैल 2024 को जिला कोर्ट के आदेश से 307 (हत्या के प्रयास) धारा लगी अक्षय और उनके पिता कांति बम दोनों पर।
- दोनों को कोर्ट में पेश होने के आदेश हुए, जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका खारिज हुई, फिर हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत दी।
- इसके बाद अक्षय बम इस एफआईआर को क्वैश कराने के लिए हाईकोर्ट गए, लेकिन 20 मार्च 2025 को यह खारिज हो गई।
- उधर अक्षय बम पर हत्या के प्रयास व अन्य धाराओं के चार्ज फ्रेम हो गए, इस पर 29 अप्रैल से ट्रायल शुरू होने के आदेश हुए।
- इसी बीच फिर अक्षय अप्रैल 2025 में फिर हाईकोर्ट गए और अभी अगली सुनवाई (मई पहले सप्ताह) तक जिला कोर्ट में केस ट्रायल पर रोक लग गई है।
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